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CM केजरीवाल के हर संकट के संकटमोचक रहे हैं बजरंगबली, जानें आस्था का राज - PRACHIN HANUMAN MANDIR DELHI

Prachin Hanuman Mandir in Delhi: राजधानी के कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में यूं तो कई बड़ी हस्तियां पूजन अर्चन करने जाती हैं, लेकिन सीएम केजरीवाल का इस मंदिर से कुछ अलग ही कनेक्शन है. ऐसा इसलिए कह सकते हैं क्योंकि वह चाहे जेल से जमानत पर बाहर आना हो या मुख्यमंत्री बनने पर, हमेशा आते रहे हैं. आइए जानते हैं इसके बार में मंदिर के महंत ने क्या बताया..

CP के हनुमान मंदिर क्यों जाते हैं अरविंद केजरीवाल
CP के हनुमान मंदिर क्यों जाते हैं अरविंद केजरीवाल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 15, 2024, 2:22 PM IST

Updated : Sep 15, 2024, 2:56 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शनिवार को कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचे और शीश नवाया. उनके साथ पत्नी सुनीता केजरीवाल, आप नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह व अन्य लोग भी नजर आए. इससे पहले भी मुख्यमंत्री जब जमानत पर बाहर आए थे, तब भी वह प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचे थे. इसके अलावा आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने भी जेल से रिहाई के बाद इस मंदिर में माथा टेका था.

महाभारत काल का मंदिर: दरअसल यह हनुमान मंदिर कई मायनों में विशेष है. यहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है, जिनमें बड़े-बड़े नेता व अन्य हस्तियां भी शामिल हैं. मंदिर के महंत संजय शर्मा ने बताया कि महाभारत-कालीन मंदिर है. यहां मौजूद भगवान हनुमान की प्रतिमा स्वयंभू है. मंदिर की स्थापना राजस्थान के राजा जय सिंह ने की थी. उस वक्त मंदिर की जिम्मेदारी राजस्थान के राजा के ही हाथ में थी. वर्तमान में मंदिर की देखरेख पुजारी और महंतों की 37वीं पीढ़ी कर रही है. सबसे पहले पूजन अर्चन की जिम्मेदारी एक ही परिवार की थी. लेकिन जैसे-जैसे परिवार बढ़ा, पुजारियों की संख्या भी बढ़ती गई. अब करीब 10 से 12 परिवार मंदिर की देखरेख कर रहे हैं.

केजरीवाल से पुराना कनेक्शन: उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल इससे पहले भी मंदिर आते रहे हैं. अन्ना आंदोलन से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक, हर बार वे यहां आए. अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेता भी हनुमान जी के दर्शन करने आते रहते हैं. चाहे वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा हों या पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी. सभी अपने कार्यकाल में कभी न कभी यहां आए. कनॉट प्लेट को दिल्ली का दिल भी कहा जाता है. हर जगह से पहुंचे जा सकने के कारण यहां रोज भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ मंगलवार और शनिवार को होती है. महंत संजय शर्मा ने यह भी बताया कि यहां उनके सामने सबसे अधिक भीड़ 22 जनवरी, 2022 को हुई थी, जिस दिन अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना की गई थी.

कैसे पहुंचें: प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए सबसे आसान माध्यम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन है, जो दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर स्थित है. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट नंबर सात से निकलकर करीब 200 मीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है.

यह भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल ने प्राचीन हनुमान मंदिर में किए दर्शन, पत्नी सुनीता केजरीवाल भी रहीं साथ

यह भी पढ़ें- केजरीवाल के पास संविधान का सुरक्षा कवच और राम-हनुमान की कृपा, जानें किस नेता ने क्या-क्या कहा

नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, शनिवार को कनॉट प्लेस स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचे और शीश नवाया. उनके साथ पत्नी सुनीता केजरीवाल, आप नेता मनीष सिसोदिया, सांसद संजय सिंह व अन्य लोग भी नजर आए. इससे पहले भी मुख्यमंत्री जब जमानत पर बाहर आए थे, तब भी वह प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचे थे. इसके अलावा आप नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने भी जेल से रिहाई के बाद इस मंदिर में माथा टेका था.

महाभारत काल का मंदिर: दरअसल यह हनुमान मंदिर कई मायनों में विशेष है. यहां हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है, जिनमें बड़े-बड़े नेता व अन्य हस्तियां भी शामिल हैं. मंदिर के महंत संजय शर्मा ने बताया कि महाभारत-कालीन मंदिर है. यहां मौजूद भगवान हनुमान की प्रतिमा स्वयंभू है. मंदिर की स्थापना राजस्थान के राजा जय सिंह ने की थी. उस वक्त मंदिर की जिम्मेदारी राजस्थान के राजा के ही हाथ में थी. वर्तमान में मंदिर की देखरेख पुजारी और महंतों की 37वीं पीढ़ी कर रही है. सबसे पहले पूजन अर्चन की जिम्मेदारी एक ही परिवार की थी. लेकिन जैसे-जैसे परिवार बढ़ा, पुजारियों की संख्या भी बढ़ती गई. अब करीब 10 से 12 परिवार मंदिर की देखरेख कर रहे हैं.

केजरीवाल से पुराना कनेक्शन: उन्होंने बताया कि अरविंद केजरीवाल इससे पहले भी मंदिर आते रहे हैं. अन्ना आंदोलन से लेकर मुख्यमंत्री बनने तक, हर बार वे यहां आए. अन्य राजनीतिक पार्टियों के नेता भी हनुमान जी के दर्शन करने आते रहते हैं. चाहे वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा हों या पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी. सभी अपने कार्यकाल में कभी न कभी यहां आए. कनॉट प्लेट को दिल्ली का दिल भी कहा जाता है. हर जगह से पहुंचे जा सकने के कारण यहां रोज भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है. मंदिर में सबसे ज्यादा भीड़ मंगलवार और शनिवार को होती है. महंत संजय शर्मा ने यह भी बताया कि यहां उनके सामने सबसे अधिक भीड़ 22 जनवरी, 2022 को हुई थी, जिस दिन अयोध्या में रामलला की मूर्ति की स्थापना की गई थी.

कैसे पहुंचें: प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंचने के लिए सबसे आसान माध्यम राजीव चौक मेट्रो स्टेशन है, जो दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर स्थित है. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन गेट नंबर सात से निकलकर करीब 200 मीटर की दूरी पर यह मंदिर स्थित है.

यह भी पढ़ें- अरविंद केजरीवाल ने प्राचीन हनुमान मंदिर में किए दर्शन, पत्नी सुनीता केजरीवाल भी रहीं साथ

यह भी पढ़ें- केजरीवाल के पास संविधान का सुरक्षा कवच और राम-हनुमान की कृपा, जानें किस नेता ने क्या-क्या कहा

Last Updated : Sep 15, 2024, 2:56 PM IST
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