लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कक्षा 9 और 10 के परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया जायेगा. ये बदलाव न्यू एजुकेशन पॉलिसी (एनईपी) 2020 के क्रम में होगा. परिषद ने इसके लिए नया ड्राफ्ट जारी कर दिया गया है. इसकी कॉपी भी माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी गई है.
नये ड्राफ्ट को लेकर सचिव परिषद दिव्यकांत शुक्ला ने बताया कि कक्षा 9 और 10 की परीक्षा में न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत किए जा रहे बदलाव के लिए ईमेल पर सुझाव मांगे गये हैं. उन्होंने बताया कि परीक्षा का वर्तमान पैटर्न और बदले हुए पैटर्न का संभावित ड्राफ्ट जारी किया गया है. इसकी एक कॉपी परिषद की वेबसाइट upmsp.edu.in पर अपलोड कर दी गई है. सचिव ने बताया कि परिषद की ईमेल upmspncf2023@gmail.com पर सभी लोग अपने-अपने सुझाव दे सकते हैं. इसके लिए 29 जून तक मौका दिया गया है.
शैक्षिक मूल्यांकन के लिए विषय वार ग्रेडिंग सिस्टम का नया प्रस्ताव | |
प्राप्तांक | ग्रेड |
91-100 | A-1 |
81-90 | A-2 |
71-80 | B-1 |
61-70 | B-2 |
51-60 | C-1 |
41-50 | C-2 |
33-40 | D |
0-32 | E |
नोट : E ग्रेड पाने वाले बच्चों को कंपार्टमेंट परीक्षा देने की सहूलियत होगी |
20 नंबर का होगा आंतरिक मूल्यांकन : सचिव दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि जो नया प्रस्ताव तैयार किया गया है उसके तहत जो प्रमुख विषय कक्षा 9 और 10 के हैं उनमें 100 नंबर के प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें 80 नंबर के प्रश्न सैद्धांतिक या (लिखित परीक्षा) के आधार पर होंगे. जबकि, 20 नंबर छात्रों के आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर दिए जाएंगे. वहीं, शारीरिक शिक्षा एवं कल्याण, कला शिक्षा और व्यावसायिक शिक्षा में 30 नंबर सैद्धांतिक या लिखित परीक्षा और 70 नंबर आंतरिक मूल्यांकन के होंगे.
उन्होंने बताया कि नए प्रस्ताव में कक्षा 9 के पाठ्यक्रम में 1 से 7 में निर्धारित सभी विषयों में लिखित और आंतरिक मूल्यांकन विद्यालय स्तर पर कराया जाएगा. जबकि, 8, 9 और 10 कैटेगरी में निर्धारित सभी विषयों में लिखित परीक्षा विद्यालय स्तर पर एवं आंतरिक मूल्यांकन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा नियुक्त परीक्षा द्वारा विद्यालय स्तर पर होगा. वहीं, कक्षा 10 में भी 1 से 7 तक के निर्धारित विषयों में लिखित और आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा विद्यालय स्तर पर होगा. जबकि 8, 9 और 10 कैटेगरी में आने वाले विषयों की परीक्षा परिषद द्वारा भेजे गए परीक्षकों के द्वारा कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि नए पैटर्न के अनुसार, मुख्य विषयों की परीक्षा में छात्रों से 20 नंबर के बहुविकल्पीय प्रश्न पूछे जाएंगे, जबकि 30 नंबर के प्रश्न उनकी दक्षता आधारित होंगे. जबकि, 30 नंबर वर्णनात्मक प्रश्नों के होंगे. इस तरह कुल 80 नंबर की लिखित परीक्षा होगी. वहीं, 20 नंबर का आंतरिक मूल्यांकन मौखिक परीक्षा प्रोजेक्ट आदि पर दिए जाएंगे.
1200 घंटे की पढ़ाई को किया गया अनिवार्य : सचिव दिव्यकान्त शुक्ला ने बताया कि 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए जो नया प्रस्ताव तैयार हुआ है उसमें नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर कितने घंटे की पढ़ाई होनी है यह भी किया गया है. इसके तहत मुख्य विषयों में कम से कम बच्चों को चार क्रेडिट तय किए गए हैं. इनके लिए 30 घंटे प्रति क्रेडिट के अनुसार पढ़ाई होनी है. यानी की मुख्य विषय में कम से कम छात्र को विद्यालय में 120 घंटे पढ़ाया जाएगा. चार्ट क्रेडिट कि जिन विषयों की पढ़ाई होनी है उसमें प्रथम भाषा द्वितीय भाषा और तृतीय भाषा की पढ़ाई होगी, जबकि गणित सामाजिक विज्ञान विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई 5 क्रेडिट की होगी और इनमें छात्रों को अधिकतम 150 घंटे की पढ़ाई अनिवार्य की गई है. वहीं, शारीरिक शिक्षा, कला शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा में छात्रों को तीन-तीन क्रेडिट की कुल 90 घंटे की पढ़ाई पूरी करनी होगी. इस तरह 9वीं और 10वीं के छात्रों को पूरे वर्ष में 40 क्रेडिट की पढ़ाई करनी होगी और यह पढ़ाई पूरे 1200 घंटे में पूरी करानी होगी.
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