नई दिल्ली: राजधानी के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सीआईएसफ स्टाफ ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो लोगों को नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी फेक इंटरव्यू रैकेट चला रहा था. वह अपने 3-4 साथियों के साथ एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 पर आया था, जिसने पकड़े जाने के बाद इसका खुलासा किया. आरोपी की पहचान पवन बैरवा के रूप में की गई है.
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद एक पीड़ित चितरंजन कुमार ने दावा किया है कि उसको नौकरी का अवसर दिलाने के नाम पर पवन बैरवा ने उससे ऑनलाइन 25 हजार रुपये का भुगतान करवाया था. जांच के दौरान इस ट्रांजेक्शन के बारे में पता चला कि यह राशि उसे डिजिटल पेमेंट ऐप के माध्यम से मिली थी. सीआईएसएफ पीआरओ अपूर्व पांडे ने बताया कि 5 जुलाई को सुरक्षा बल की टीम, एयरपोर्ट के डिपार्चर एरिया में सर्विलांस कर रही थी. इस दौरान एक विजिटर की संदिग्ध गतिविधियों पर नजर पड़ी, जिस पर नजर रखी गई. इसके बाद संदिग्ध शख्स को देखकर रोका गया और उससे गहन पूछताछ की गई. इस दौरान वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया.
यह भी पढ़ें- नोएडा: लोन दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़, 9 महिलाओं सहित 11 गिरफ्तार
पूछताछ में उसने बताया कि वह अपने तीन-चार अन्य सहयोगियों के साथ एयरपोर्ट टर्मिनल 3 में ऐनकैल्म प्राइवेट लिमिटेड में फर्जी नौकरी दिलाने के नाम पर आया था. उसके सभी डाक्यूमेंट्स और फोन आदि की जांच पड़ताल की गई तो उसके अकाउंट में संदिग्ध लेनदेन के बारे में पता चला. उसने यह बात कबूली कि वह फर्जी नौकरी दिलाने के घोटाले में शामिल है. इसके बाद आरोपी को आईजीआई पुलिस के हवाले कर दिया गया. उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
यह भी पढ़ें- दिल्ली के होटल में मिली युवक की लाश, हत्या के कारण का आरोपी ने किया खुलासा