अंबाला : कांग्रेस में टिकट न मिलने से हताश हुई चित्रा सरवारा ने आज पार्टी से बगावत करने का फैसला ले डाला और आज नामांकन के आखिरी दिन निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल कर डाला.
चित्रा सरवारा ने की बगावत : पूर्व मंत्री निर्मल सिंह की बेटी और कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहने वाली चित्रा सरवारा ने पिछले कई सालो सें टिकट के लिए अंबाला छावनी में काफी मेहनत की और कांग्रेस के लिए खूब प्रचार किया लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस ने उन्हें विधानसभा चुनाव का टिकट देना जरूरी नही समझा और उनकी दावेदारी की अनदेखी कर डाली. इसी बात से चित्रा सरवारा नाराज़ हो गई और अपने हज़ारों समर्थकों के साथ मिलकर पार्टी से बगावत कर डाली. चित्रा सरवारा ने हजारों समर्थकों की मौजूदगी में आज अपना नामांकन दाखिल कर दिया.
चित्रा सरवारा ने दाखिल किया नामांकन : नॉमिनेशन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए चित्रा ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि जनता उनका साथ जरूर देगी क्योंकि जिन मुद्दों को लेकर वे पिछले 10 सालों से मौजूदा विधायक और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल विज को घेर रही हैं, वे मुद्दे ही इस बार अंबाला में बदलाव की बयार लेकर आएंगे. उन्होंने कहा कि उनका मिशन अंबाला को भयमुक्त बनाना है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी से उन्हें टिकट की उम्मीद थी जो उन्हें नहीं दी गई. समर्थकों ने उन्हें कहा कि पार्टी सिर्फ टिकट देती है, जबकि वोट तो जनता देती है. इस दौरान चित्रा सरवारा के समर्थकों ने जमकर हूटिंग भी की. चित्रा ने कहा कि ये हूटिंग नहीं समर्थकों का जोश है और उनकी जीत का आगाज़ है.
पिता निर्मल सिंह ने भी भरा पर्चा : आपको बता दें कि पूरे मामले में दिलचस्प बात ये है कि चित्रा सरवारा के पिता चौधरी निर्मल सिंह ने अंबाला शहर विधानसभा से कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है, जबकि उनकी बेटी ने टिकट ना मिलने पर कांग्रेस से बगावत कर डाली है.
जानिए चित्रा सरवारा की डिटेल्स : आपको बता दें कि चित्रा सरवारा ने अपने पिता निर्मल सिंह के साथ 28 दिसंबर 2023 को आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देते हुए कांग्रेस जॉइन कर ली थी. चित्रा सरवारा तब आम आदमी पार्टी की हरियाणा इकाई की प्रदेश उपाध्यक्ष भी थी. उनके इस कदम से आम आदमी पार्टी को झटका लगा था. चित्रा सरवारा के पिता निर्मल सिंह हरियाणा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं. चित्रा सरवारा की बात करें तो वे एक तेज-तर्रार नेत्री के तौर पर उनकी हरियाणा में पहचान हैं. वे कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय मीडिया कॉर्डिनेटर का पद भी संभाल चुकी हैं. 2019 के हरियाणा विधानसभा चुनाव में निर्मल सिंह और उनकी बेटी चित्रा सरवारा कांग्रेस टिकट के दावेदार थे, लेकिन तब भी पार्टी ने दोनों को टिकट नहीं दिया था, जिसके बाद दोनों ने कांग्रेस को छोड़कर हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट नाम से अपनी पार्टी बना ली थी और विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. हालांकि दोनों को तब जीत हासिल नहीं हो पाई थी. इसके बाद दोनों आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए थे. आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों को पार्टी जॉइन करवाई थी. लेकिन दिसंबर 2023 में दोनों ने आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
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