देहरादून: निराश्रित गोवंशीय पशुओं को गौ सदनों में रखे जाने के लिए समय-समय पर निर्देश जारी होते रहते हैं. इसी क्रम में आज मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने एक बार फिर अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की. इसी बीच उन्होंने निराश्रित गोवंशीय पशुओं के लिए बेहतर व्यवस्था करने और गोवंशीय पशुओं को गोद लेने वालों को एक निश्चित मानदेय देने की योजना बनाने के लिए तत्काल गाइडलाइन बनाने के निर्देश दिए. इसके अलावा गौ सदन और सड़कों में निराश्रित गोवंशीय पशुओं की व्यवस्था करने और इसकी मॉनीटरिंग के लिए एक कमेटी गठित करने के निर्देश दिए.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि सड़कों पर एक भी निराश्रित पशु ना रहे, इसके लिए प्रशासन और आमजन को मिलकर पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना होगा. बैठक में राज्य भर में गौ सदनों के निर्माण के लिए जारी 10 करोड़ की धनराशि का उपयोग करने के लिए पंचायती राज विभाग को जल्द इस संबंध में वित्तीय मत खोलने का प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए. साथ ही पशुपालकों द्वारा पाले जाने वाले गोवंश पशुओं की अनिवार्य रूप से इयरटैगिंग करने के निर्देश दिए, ताकि निराश्रित गोवंशीय पशुपालकों टीवी ट्रैकिंग की जा सके.
राज्य में पशु कल्याण बोर्ड ने जानकारी दी कि वर्तमान में राज्य में कुल पंजीकृत 60 गौसदन हैं. पंजीकृत गौ सदनों में गोवंश पशुओं की संख्या लगभग 14,000 है. हालांकि निराश्रित पशुओं की संख्या 20,687 है. पौड़ी में सबसे ज्यादा 5,525, उधम सिंह नगर में 4,955, देहरादून में 2050, नैनीताल में 2155, और टिहरी में 2,259 निराश्रित पशु हैं.
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