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प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने आउटसोर्स कर्मियों को वेतन देने के दिए निर्देश, लंबे समय से नहीं मिला मानदेय - Forest fire in Uttarakhand

Forest Department Outsourced And UPNL Employees प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन ने फायर सीजन में काम कर रहे आउटसोर्स और उपनल कर्मियों को जल्द वेतन देने के निर्देश दिए हैं. वहीं कर्मचारी फायर सीजन में जंगलों में डटे हुए हैं, ऐसे में समय से भुगतान मिलने से उन्हें राहत मिलेगी.

Uttarakhand Van Bhawan
उत्तराखंड वन भवन (फोटो- ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 24, 2024, 10:18 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर के सीजन में भी कई आउटसोर्स और उपनल कर्मियों को समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया तो वन विभाग के मुखिया ने इसे गंभीरता से लेते हुए समय से कर्मचारियों को वेतन दिए जाने के स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए. उधर भविष्य में बजट की उपलब्धता होते ही अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को जल्द से जल्द भुगतान किए जाने के लिए भी आदेश दिए गए.

उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं इस समय राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और वन विभाग ऐसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रयास रत भी दिख रहा है. लेकिन आउटसोर्स और उपनल कर्मचारियों को लेकर जिस तरह समय से वेतन नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है, उससे सिस्टम की खामियां दिखने लगी. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कर्मचारी का मुद्दा उठाया और अल्प वेतन भोगियों को समय से वेतन न मिलने के कारण हो रही परेशानियों पर विभाग का ध्यान खींचने की कोशिश की. खास बात यह है कि ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ और खुद प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को समय से बजट खर्च करने और ऐसे कर्मचारियों के भुगतान को करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड के कई ऐसे अल्प वेतन भोगियों ने ईटीवी भारत से संपर्क करते हुए बेहद कम वेतन होने के बावजूद उनका भुगतान नहीं होने की बात कही थी.ऐसी स्थिति में अल्प वेतन भोगियों को अपना परिवार चलाने में भी परेशानी होने की बात कर्मचारियों द्वारा रखी गई. फॉरेस्ट फायर सीजन में यह कर्मचारी वन क्षेत्र में भी तैनात हैं और जान हथेली में रखकर जंगलों की आग को बुझाने के लिए भी अपना योगदान दे रहे हैं. हालांकि फायर वाचर को विभाग द्वारा भुगतान किया जा रहा है. लेकिन ऐसे कर्मचारी जो उपनल या आउटसोर्स के माध्यम से लगे हैं, उन्हें कई महीनो से वेतन नहीं मिल पाया.

इस मामले में प्रभागों के प्रभागीय वनाधिकारियों से भी इसकी जानकारी ली गई है और जिन भी जगह पर बजट की उपलब्धता नहीं है वहां पर बजट के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है. वहीं जिन जगहों पर बजट मौजूद है, वहां पर जल्द से जल्द ऐसे कर्मचारियों का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं अब प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन की गंभीरता के कारण जल्द से जल्द ऐसे कर्मचारियों को वेतन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

पढ़ें-फारेस्ट फायर की घटनाओं के बीच अब वन आरक्षियों ने तनी भौहें, वादाखिलाफी से नाराज कर्मी

देहरादून: उत्तराखंड में फॉरेस्ट फायर के सीजन में भी कई आउटसोर्स और उपनल कर्मियों को समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है. ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से प्रसारित किया तो वन विभाग के मुखिया ने इसे गंभीरता से लेते हुए समय से कर्मचारियों को वेतन दिए जाने के स्पष्ट निर्देश जारी कर दिए. उधर भविष्य में बजट की उपलब्धता होते ही अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों को जल्द से जल्द भुगतान किए जाने के लिए भी आदेश दिए गए.

उत्तराखंड में वनाग्नि की घटनाएं इस समय राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और वन विभाग ऐसी घटनाओं पर काबू पाने के लिए प्रयास रत भी दिख रहा है. लेकिन आउटसोर्स और उपनल कर्मचारियों को लेकर जिस तरह समय से वेतन नहीं दिए जाने का मामला सामने आया है, उससे सिस्टम की खामियां दिखने लगी. ईटीवी भारत ने ऐसे ही कर्मचारी का मुद्दा उठाया और अल्प वेतन भोगियों को समय से वेतन न मिलने के कारण हो रही परेशानियों पर विभाग का ध्यान खींचने की कोशिश की. खास बात यह है कि ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ और खुद प्रमुख वन संरक्षक हॉफ ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों को समय से बजट खर्च करने और ऐसे कर्मचारियों के भुगतान को करने के निर्देश दिए हैं.

उत्तराखंड के कई ऐसे अल्प वेतन भोगियों ने ईटीवी भारत से संपर्क करते हुए बेहद कम वेतन होने के बावजूद उनका भुगतान नहीं होने की बात कही थी.ऐसी स्थिति में अल्प वेतन भोगियों को अपना परिवार चलाने में भी परेशानी होने की बात कर्मचारियों द्वारा रखी गई. फॉरेस्ट फायर सीजन में यह कर्मचारी वन क्षेत्र में भी तैनात हैं और जान हथेली में रखकर जंगलों की आग को बुझाने के लिए भी अपना योगदान दे रहे हैं. हालांकि फायर वाचर को विभाग द्वारा भुगतान किया जा रहा है. लेकिन ऐसे कर्मचारी जो उपनल या आउटसोर्स के माध्यम से लगे हैं, उन्हें कई महीनो से वेतन नहीं मिल पाया.

इस मामले में प्रभागों के प्रभागीय वनाधिकारियों से भी इसकी जानकारी ली गई है और जिन भी जगह पर बजट की उपलब्धता नहीं है वहां पर बजट के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है. वहीं जिन जगहों पर बजट मौजूद है, वहां पर जल्द से जल्द ऐसे कर्मचारियों का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं अब प्रमुख वन संरक्षक हॉफ धनंजय मोहन की गंभीरता के कारण जल्द से जल्द ऐसे कर्मचारियों को वेतन मिलने की उम्मीद बढ़ गई है.

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