छिन्दवाड़ा. लोकसभा चुनाव के बाद छिंदवाड़ा में एक बार फिर 'असली राजनीति' देखने को मिली. कोई नेता आदिवासियों के साथ खेत जोतता नजर आया तो कोई एक ही थाली में खाना खाते हुए. बीजेपी-कांग्रेस के तमाम दिग्गज छिंदवाड़ा की अमरवाड़ा सीट पर जनता को लुभाने की फुल राजनीति करते दिखे. बता दें कि इस सीट पर 10 जुलाई को वोटिंग होनी है, जिसका प्रचार 8 जुलाई की शाम थम गया. अंतिम दिन मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो जनसभाएं कीं तो वहीं पीसीसी चीफ जीतू पटवारी भी ग्रामीण इलाकों में वोट मांगते दिखे.
![Amarwara election 2024 Mohan yadav](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-07-2024/mp-chh-01-amarwara-by-election-campion-7204291_08072024103547_0807f_1720415147_180.jpg)
बीजेपी ने फिर झोंकी ताकत
2013 से लगातार कांग्रेस के कब्जे में रही इस विधानसभा को जीतने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. खुद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पांच सभाएं लेते हुए और एक रात अमरवाड़ा में रुककर सामाजिक संगठनों से भाजपा के पक्ष में वोट करने की अपील की. इसके साथ ही बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के 2 दौरे हुए, जिसमें उन्होंने कई गांवों में जनसंपर्क किया और कार्यकर्ताओं को बीजेपी के पक्ष में वोट कराने के लिए नसीहत भी दी. वहीं मध्य प्रदेश सरकार की पीएचई मंत्री संपतिया ऊइके को अमरवाड़ा विधानसभा के चुनाव का प्रभारी बनाया गया है, जो लगातार अमरवाड़ा में ही ठहरी हुई हैं और इसके अलावा कई कैबिनेट मंत्रियों ने छिंदवाड़ा विधानसभा जीतने के लिए प्रचार किया है.
![Amarwara election 2024 VD SHARMA](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-07-2024/mp-chh-01-amarwara-by-election-campion-7204291_08072024103547_0807f_1720415147_459.jpg)
गांव-गांव घूमे जीतू पटवारी
आदिवासी कार्यकर्ता के साथ भोजन करते जीतू पटवारी (ETV BHARAT)
![Amarwara election 2024 Jitu patwari](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-07-2024/mp-chh-01-amarwara-by-election-campion-7204291_08072024103547_0807f_1720415147_567.jpg)
2013 से लगातार अमरवाड़ा विधानसभा में कांग्रेस ने जीत दर्ज की है लेकिन लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के विधायक कमलेश प्रताप शाह ने बीजेपी ज्वॉइन कर ली थी, जिसके बाद यह विधानसभा सीट खाली हो गई थी. अब चुनाव हो रहे हैं और कांग्रेस अपनी परंपरागत सीट को बरकरार रखना चाहती है. इसके लिए चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी गई. कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष नॉमिनेशन के बाद से ही लगातार अमरवाड़ा विधानसभा में सक्रिय रहे हैं और उन्होंने करीब 100 से ज्यादा गांव में पहुंचकर कांग्रेस के लिए वोट मांगे.
कमलनाथ-नकुलनाथ भी एक्टिव रहे
खेत में आदिवासियों के साथ नकुलनाथ (ETV BHARAT)
![Amarwara election 2024 Nakulnath](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-07-2024/mp-chh-01-amarwara-by-election-campion-7204291_08072024103547_0807f_1720415147_675.jpg)
लोकसभा चुनाव में अपनी सीट खोने के बाद कमलनाथ-नकुलनाथ भी यहां सक्रिय नजर आए. पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी तीन दिनों तक लगातार हवाई दौरे किए और उनके बेटे पूर्व सांसद नकुलनाथ ग्रामीण इलाकों में वोट मांगते नजर आए. इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार और कई कांग्रेस के बड़े नेताओं सहित पूर्व मंत्रियों ने भी प्रचार किया है.
गोंडवाना ने भी दिखाई ताकत
कांग्रेस की परंपरागत सीट कहीं जाने वाली अमरवाड़ा विधानसभा में हमेशा त्रिकोणीय मुकाबला रहता है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी यहां पर निर्णायक भूमिका निभाती है. 2003 के चुनाव में तो यहां से गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के मनमोहन शाह बट्टी चुनाव जीतकर विधानसभा भी पहुंच गए थे लेकिन उसके बाद से हमेशा लड़ाई कांग्रेस और गोंडवाना के बीच होती थी. बीजेपी यहां तीसरे नंबर की पार्टी हुआ करती थी. हालांकि, 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी दूसरे नंबर पर आ गई. इसके बावजूद गोंडवाना गणतंत्र पार्टी का वोट बैंक यहां असर डालता है. इस बार फिर मैदान में आदिवासी युवा नेता देवरावेन भलावी मैदान में है और उनके लिए भी कई सामाजिक संगठनों सहित आदिवासी नेताओं ने प्रचार किया है.
![BJP CONGRESS AMARWARA ELECTION](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/08-07-2024/21896200_inside.jpg)
बीजेपी ने क्षेत्रीय विकास को बनाया मुद्दा
उपचुनाव में बीजेपी ने विकास को मुद्दा बनाया और बताया कि कमलेश प्रताप शाह अबतक कांग्रेस के विधायक थे लेकिन सत्ता पक्ष में नहीं होने की वजह से वे विकास को आगे नहीं बढ़ा पाए इसलिए उन्होंने बीजेपी के साथ आकर क्षेत्र का विकास करने का मन बनाया है. वहीं कांग्रेस का कहना है कि जनता ने कांग्रेस के पक्ष में मतदान किया था लेकिन कमलेश प्रताप शाह ने जनता के विश्वास के साथ दगाबाजी की है. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने दोनों दलों पर आदिवासियों के शोषण का आरोप लगाते हुए आदिवासियों के विकास की बात की है.