रायपुर : छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज को पिछले कुछ दिनों से अफगानिस्तान, पाकिस्तान समेत कुछ दूसरे देशों से फोन और मेल पर धमकियां मिली हैं. इसके बाद छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने रायपुर आजाद चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस का कहना है कि इसमें फोन से धमकी और जान से मारने की धमकी से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के नंबरों से मिली धमकी : छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने बताया कि मस्जिद के लिए एक नियम बनाया था. जिसमें कोई भी तकरीर सौहार्द्रता बिगाड़ने वाला या फिर शासन के खिलाफ नहीं होना चाहिए.जिसके बाद अफगानिस्तान पाकिस्तान और जम्मू कश्मीर जैसी जगह से फोन और ईमेल पर धमकियां मिल रही है.
इस तरह की धमकी मिलने के बाद मैं मंगलवार को रायपुर के आजाद चौक थाने में मामला दर्ज कराया है. जान से मारने जैसी धमकी फोन से मिल रही है. आपको 6 इंच छोटा कर दिया जाएगा. मैं ऐसी धमकियों से डरने वाला नहीं हूं. राष्ट्र और देश निर्माण में जो अच्छा होगा मैं उसे करूंगा- डॉ सलीम राज, अध्यक्ष छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड
पुलिस ने मामला दर्ज करके शुरु की जांच : वहीं इस मामले में पश्चिम एडिशनल एसपी दौलतराम पोरते ने बताया कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज ने आजाद चौक थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. कि उन्हें पाकिस्तान,अफगानिस्तान और जम्मू कश्मीर जैसी जगहों से धमकी भरे फोन कॉल्स आ रहे हैं. उन्हें जान से मारने की धमकी दी जा रही है. इस रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जान से मारने और गाली-गलौज करने से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुट गई है.
क्या है पूरा मामला ?: आपको बता दें कि कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड ने सोमवार को खुतबे को लेकर कड़े दिशा निर्देश जारी किए हैं. निर्दश के मुताबिक अब जुमे के दिन पढ़े जाने वाले खुतबे से पहले वक्फ बोर्ड की अनुमति जरुरी होगी. इस मामले में छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने कहा था कि 3842 मुतवल्लियों का एक ग्रुप बनाया गया है. मकसद है किसी भी बेतुके बयान के लिए कार्रवाई की जा सके. मस्जिदों के इमामों से कुरान के अनुसार भाषण देने और राजनीति को राजनेताओं पर छोड़ देने का आग्रह किया गया है.फैसले के मुताबिक मस्जिदों में दिए जाने वाले भाषण से पहले छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड को उसके विषय के बारे में बताना होगा. ताकि मस्जिद राजनीति का अड्डा ना बनें.वहीं छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के इस फैसले को लेकरसांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया था.ओवैसी के अलावा इस फैसले की निंदा कांग्रेस पार्टी ने भी की है. कांग्रेस का कहना है कि बोर्ड के निर्देश उसके अधिकारी क्षेत्र से बाहर है.