रायपुर: सत्र के दूसरे दिन भी सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ. सदन के शुरु होते ही कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने सरकार से पूछा कि ''कोंटा और सुकमा में विकास के कामों को लेकर सरकार की योजना है. कवासी लखमा ने कहा कि सरकार बने सात महीने हो गए हैं. जब आप विपक्ष में थे तो बस्तर में विकास की गंगा बहाने की बात करते रहे. अब आप सरकार में हैं और हम विपक्ष में. कवासी लखमा ने पूछा कि सरकार को सदन में ये बताना चाहिए कि उसने कोंटा और सुकमा के विकास के लिए क्या योजना बनाई है.''
जब भूपेश बघेल और अरुण साव हुए आमने सामने: कवासी लखमा के सवाल पूछने के बाद सदन में खड़े होकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने जवाब देना शुरु किया. डिप्टी सीएम ने कहा कि ''हमारी सरकार पूरी तरह से बस्तर में विकास के लिए प्रतिबद्ध है. हम बस्तर के विकास में कोई कमी नहीं रहने देंगे.'' डिप्टी सीएम अरुण साव के इस जवाब पर भूपेश बघेल नाराज हो गए हो गए और कहा कि ''भाषण तो आप बढ़िया दे रहे हैं लेकिन भाषण देकर आप चले जाएंगे ऐसा मत करिए. ये वक्त भाषण का नहीं है. आप अपनी सरकार की चाहे जितनी तारीफ करें हमें कोई दिक्कत नहीं है. पर हम जो सवाल सदन में पूछ रहे हैं उसका तो जवाब मिलना चाहिए. लखमा जी ने जो सवाल सड़कों को लेकर पूछा है उसपर आपको जवाब देना चाहिए.''
इस बात पर हुई गर्मा गरम बहस: दरअसल सदन के माध्यम से कवासी लखमा ने कोंटा और सुकमा में विकास योजनाओं को लेकर सवाल पूछा. लखमा ने पूछा था कि ''पुल और सड़क का काम कब पूरा होगा. बारिश आ चुकी है अभी तक सड़क और पुल के लिए टेंडर तक रुका पड़ा है. सुनने में आ रहा है कि टेंडर की प्रक्रिया फिर से होगी. अगर ये टेंडर की प्रक्रिया फिर से होगी तो इसके पीछे की क्या वजह है ये सदन को बताया जाए''. लखमा के इसी बात का जवाब डिप्टी सीएम अरुण साव दे रहे थे. अरुण साव ने कहा कि पहले जो टेंडर हुए थे और जो ठेकेदार काम कर रहा था वो ठीक से काम नहीं कर रहा था. काम में तेजी नहीं आने से काम रुका और इसी के चलते फिर से टेंडर करने जा रहे हैं.
बिजली कटौती और खाद की कमी का मुद्दा सदन में उठा: सदन में बिजली कटौती और खाद की कमी का मुद्दा उठा. विधानसभा में उस वक्त शोरगुल देखने को मिला जब कांग्रेस ने दावा किया कि किसानों को परेशानी हो रही है. राज्य में लगातार बिजली कटौती और बीज तथा उर्वरकों की कमी के कारण चालू खरीफ सीजन में किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्य विपक्षी दल ने स्थगन प्रस्ताव पेश करके इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की.जैसे ही अध्यक्ष ने मांग को खारिज किया, कांग्रेस विधायक सदन के बीचों-बीच आ गए और उन्हें निलंबित कर दिया गया. शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और अन्य कांग्रेस सदस्यों ने कहा कि भाजपा सरकार खाद, बीज और बिजली की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने में विफल रही है.
सदन में कई बार बने हंगामे के आसार: सत्र के दूसरे दिन कई बार विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने की कोशिश की. कई बार सदन में हंगामे के आसार भी बने. विधानसभा अध्यक्ष बार बार सदस्यों को उनकी मर्यादा का ध्यान दिलाते रहे. सदन में हंगामे के बीच कई बार हंसी ठहाके के भी पल आए. जब विपक्ष और सत्ता पक्ष के सदस्यों ने एक दूसरे की बयानबाजी पर चुटकी ली.