लखनऊ : यूपी एसटीएफ ने छत्तीसगढ़ आबकारी घोटाले के मामले में आरोपी विधू गुप्ता को गिरफ्तार किया है. आरोपी विधू गुप्ता ग्रेटर नोएडा की कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड का डायरेक्टर है. ईडी की शिकायत पर ग्रेटर नोएडा के थाना कासना में घोटाले के आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था. यह जानकारी एसटीएस की ओर से प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है.
दरअसल, छत्तीसगढ में शराब माफिया और अधिकारियों की मिलीभगत से वहां शराब की बोतलों में नकली होलोग्राम लगाकर शराब की बिक्री की जा रही थी. घोटाले के आरोपियों में तत्कालीन आबकारी आयुक्त छत्तीसगढ़ निरंजन दास, अरुणपति त्रिपाठी, एमडी, सीएसएमसीएल व विशेष सचिव आबकारी, छत्तीसगढ़, अनवर ढेवर, राजनेता, तत्कालीन सचिव इंडस्ट्रीज, छत्तीसगढ़ अनिल टुटेजा, विधू गुप्ता, डारयरेक्टर, पीएचएसएफ प्राईवेट लिमिटेड, नोएडा के खिलाफ गौतमबुद्धनगर के कासना थाने में ईडी ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
ऐसे किया गया खेल : एसटीएफ के मुताबिक बिक्री को सुनिश्चित करने के लिए बिक्री में शामिल आबकारी विभाग के अधिकारियों और छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कार्पोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अरुणपति त्रिपाठी द्वारा प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को टेंडर की शर्तों में बदलाव करते हुए राज्य आबकारी विभाग, छत्तीसगढ़ को होलोग्राम सप्लाई करने का टेंडर शर्तों पर दिया.
प्रिज्म होलोग्राफी और सिक्योरिटी फिल्म प्राइवेट लिमिटेड नोएडा के डायरेक्टर विधू गुप्ता के द्वारा टेंडर के बदले में प्रति होलोग्राम 8 पैसा कमीशन और अवैध शराब की बिक्री के लिए डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई करनी थी. टेंडर मिलने के बाद विधू गुप्ता ने सीएसएमसीएल के एमडी अरुणपति त्रिपाठी के आदेश पर डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई शुरू कर दी. गैंग लोगों द्वारा डुप्लीकेट होलोग्राम को विधू गुप्ता से लेकर सीधे डिस्टलरीज (1- वेलकम डिस्टलरीज 2- छत्तीसगढ़ डिस्टलरीज, लिमिटेड, 3-
भाटिया वाईन एंड मर्चेण्ट प्राइवेट लिमिटेड) को सीधे पहुंचा दिए जाते थे.
ऐसे हो रही थी जालसाजी : डिस्टलरियों के द्वारा इन होलोग्राम को अवैध unaccounted part - B शराब की बोतलों पर चिपका कर, उन बोतलों को छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के लोगों द्वारा फर्जी ट्रांजिट पास पर इस अवैध शराब को सीएसएमसीएल की दुकानों पर ले जाया जाता था. उन दुकानों पर इस गैंग से संबंधित मैन पावर सप्लाई की कम्पनी के कर्मचारी रहते थे, जो इस unaccounted part -B शराब की बिक्री ओरिजिनल शराब के साथ करते थे.
इस गैंग से जुड़े को ही कैश कलेक्ट करने का ठेका दिया गया था. गैंग के लोगों द्वारा कैश इकट्ठा करके ऊपर तक पहुंचाया जाता था. इस प्रक्रिया में शामिल नीचे से ऊपर तक के हर किसी का कमीशन फिक्स था. इस गैंग के द्वारा 2019 से 2022 तक अवैध unaccounted part - B शराब की सप्लाई की गई, जो हर महीने 400 ट्रक तक होती थी. विधू गुप्ता ने आबकारी विभाग छत्तीसगढ़ को होलोग्राम का टेंडर मिलने पर 90 लाख रुपये घूस दी थी.