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छठ महापर्व पर दिखा भाईचारा, मुस्लिम पार्षद ने पेश की मिसाल - CHHATH PUJA 2024

छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ में छठ पूजा से पहले मुस्लिम पार्षद ने छठ घाट की सफाई कर सामाजिक सद्भाव की सुंदर मिसाल पेश की है.

Chhath Puja 2024
मनेन्द्रगढ़ में छठ घाट की सफाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 5, 2024, 6:29 PM IST

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : आज से सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय रस्म के साथ प्रारम्भ हो गई है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ से सामाजिक सद्भाव की सुंदर तस्वीर समाने आ रही है. यहां मुस्लिम पार्षद ने छठ घाट की सफाई कर एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की है.

आपसी भाईचारे की पेश की मिसाल : मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका के पार्षद मोहम्मद अजमुद्दीन अंसारी कई सालों से छठ घाटों की सफाई करते आ रहे हैं. छठ त्यौहार के मौके पर उनका यह कदम समाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करता है. इसी कड़ी में इस साल भी मोहम्मद अजमुद्दीन अंसारी ने छठ पर्व से पहले छठ घाटों की सफाई की है.

मुस्लिम पार्षद कई सालों से कर रहे छठ घाटों की सफाई (ETV Bharat)

हर साल तालाब में छठ व्रती हजारों की संख्या में ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसी को देखते हुए मेरे साथ वार्ड के युवा मिलकर तालाब के घाट की पवित्रता और सुन्दरता के लिए रात दिन मेहनत करते हैं. : मो. अजमुद्दीन अंसारी, पार्षद, मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका

छठ पूजा में घाटों का महत्व : छठ पूजा हिंदू धर्म का बेहद खास पर्व माना गया है. छठ पूजा में नदी किनारे बने घाटों का विशेष महत्व होता है. इन घाटों पर उपवास करने वाले व्रती सूर्य देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य देते हैं. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय रस्म के साथ शुरू होती है. नहाय-खाय रस्म के लिए व्रती किसी पवित्र नदी या तालाब के घाट में स्नान कर सूर्य देवता की पूजा करते हैं. नहाय खाय रस्म का सार पवित्रता से जुड़ा है, क्योंकि व्रती खुद को शुद्ध कर सात्विक और पवित्रता के साथ छठ व्रत शुरू करते हैं. इस चार दिनों के महापर्व में 36 घंटे का कठोर व्रत रखा जाता है, जो सूर्य देवता और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है.

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : आज से सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा की शुरुआत नहाय खाय रस्म के साथ प्रारम्भ हो गई है. ऐसे में छत्तीसगढ़ के मनेन्द्रगढ़ से सामाजिक सद्भाव की सुंदर तस्वीर समाने आ रही है. यहां मुस्लिम पार्षद ने छठ घाट की सफाई कर एकता और भाईचारे की मिसाल पेश की है.

आपसी भाईचारे की पेश की मिसाल : मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका के पार्षद मोहम्मद अजमुद्दीन अंसारी कई सालों से छठ घाटों की सफाई करते आ रहे हैं. छठ त्यौहार के मौके पर उनका यह कदम समाजिक सद्भाव और आपसी भाईचारे की अनूठी मिसाल पेश करता है. इसी कड़ी में इस साल भी मोहम्मद अजमुद्दीन अंसारी ने छठ पर्व से पहले छठ घाटों की सफाई की है.

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हर साल तालाब में छठ व्रती हजारों की संख्या में ढलते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं. इसी को देखते हुए मेरे साथ वार्ड के युवा मिलकर तालाब के घाट की पवित्रता और सुन्दरता के लिए रात दिन मेहनत करते हैं. : मो. अजमुद्दीन अंसारी, पार्षद, मनेन्द्रगढ़ नगर पालिका

छठ पूजा में घाटों का महत्व : छठ पूजा हिंदू धर्म का बेहद खास पर्व माना गया है. छठ पूजा में नदी किनारे बने घाटों का विशेष महत्व होता है. इन घाटों पर उपवास करने वाले व्रती सूर्य देव की पूजा कर उन्हें अर्घ्य देते हैं. छठ महापर्व की शुरुआत नहाय खाय रस्म के साथ शुरू होती है. नहाय-खाय रस्म के लिए व्रती किसी पवित्र नदी या तालाब के घाट में स्नान कर सूर्य देवता की पूजा करते हैं. नहाय खाय रस्म का सार पवित्रता से जुड़ा है, क्योंकि व्रती खुद को शुद्ध कर सात्विक और पवित्रता के साथ छठ व्रत शुरू करते हैं. इस चार दिनों के महापर्व में 36 घंटे का कठोर व्रत रखा जाता है, जो सूर्य देवता और उनकी बहन छठी मैया को समर्पित है.

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