रायपुर: लोक आस्था का महापर्व छठ आज नहाय खाय के साथ शुरू हो रहा है. सुबह से ही गंगा घाट व अन्य नदियों के किनारे स्नान करने छठ व्रतियों का तांता लगा हुआ है. छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़ में उत्तर भारतीय, बिहारी, भोजपुरी समाज सहित सभी प्रदेशवासियों को 4 दिवसीय छठ महापर्व की बधाई और शुभकामनाएं दी है.
सीएम साय ने छठी मइया से मांगा आशीर्वाद: साय ने अपने शुभकामना संदेश में कहा कि छठ पूजा आज से नहाय-खाय के साथ शुरू हो रही है. छत्तीसगढ़ में सूर्य उपासना और छठी मईया के पूजन का यह पर्व अगले 4 दिनों तक धूमधाम से मनाया जायगा. नहाय-खाय के साथ शुरू होकर यह पर्व खरना, संध्या अर्घ्य, प्रात:कालीन अर्घ्य के साथ समाप्त होगा. सीएम ने छठी मइया से प्रार्थना करते हुए कहा है कि छठ पर्व सब के जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली लेकर आए.
राज्यपाल ने छठ पर्व की दी शुभकामना: राज्यपाल रमेन डेका ने भी छठ पूजा के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है. राज्यपाल ने कहा है कि "सूर्य उपासना का यह पर्व हमें प्रकृति के प्रति प्रेम का संदेश देता है. छठ पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि आस्था, विश्वास और प्रकृति के प्रति हमारी कृतज्ञता का प्रतीक भी है. यह पर्व हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का संचार करने का अवसर देता है." राज्यपाल ने कामना की कि छठ पर्व प्रदेशवासियों के जीवन में नई ऊर्जा और उमंग का संचार लेकर आएं. सूर्य देव की कृपा से सभी का जीवन स्वस्थ, समृद्ध और खुशहाल हो.
नहाय खाय क्या है: नहाय खाय के दिन छठ व्रती दिन में एक ही बार प्रसाद ग्रहण करती हैं. इसमें आम की लकड़ी से जलाए चूल्हे पर खाना बनाया जाता है. छठ व्रती ये खाना खुद तैयार करती है. इसमें चने की दाल, लौकी और चावल बनाया जाता है. खाना बनाने के लिए मिट्टी, कांसा या पीतल के बर्तन का उपयोग किया जाता है. इसी प्रसाद को छठ व्रती और परिवार के लोग ग्रहण करते हैं.
छठ महापर्व की मान्यता: मान्यता है कि छठी मैया और सूर्यदेव की कृपा से निसंतान को संतान हो जाती है. असाध्य रोगों से पीड़ित व्यक्ति स्वस्थ्य हो जाते हैं. घर परिवार में खुशियां आती हैं.