चरखी दादरी: जिले में करोड़ों रुपए खर्च कर एक फायर स्टेशन तैयार किया गया. दो साल पहले इसका उद्घाटन भी किया जा चुका है. यहां दमकल की गाड़ियां भी मौजूद हैं. कर्मचारी भी यहां उपलब्ध रहते हैं, लेकिन यहां पानी ही नहीं है. अगर आस-पास के क्षेत्र में आगजनी होती है, तो फायर स्टेशन के लिए पानी का जुगाड़ करना बड़ी चुनौती बन जाती है. आलम ये है कि इस फायर स्टेशन को पानी खरीद कर आग बुझाने जाना पड़ता है.
राम भरोसे चल रहा फायर स्टेशन: जी हां, हम बात कर रहे हैं चरखी दादरी जिले के फायर स्टेशन की. यहां राम भरोसे हर काम चल रहा है. कम स्टाफ होने के कारण यहां सुविधाओं की भी कमी है. कर्मचारियों की कमी झेल रहे फायर स्टेशन को क्षेत्र में आग लगने के बाद किराए पर पानी लेकर आग बुझाने के लिए जाना पड़ रहा है.
दो साल पहले हुआ था भवन निर्माण: करीब दो साल पहले फायर स्टेशन भवन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. इसके निर्माण में 3.15 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. इतनी राशि खर्च करने के बाद भी यहां बिजली कनेक्शन तो है, लेकिन पानी का कनेक्शन अब तक नहीं हो पाया है. इस फायर स्टेशन में सात दमकल की गाड़ियां उपलब्ध है, जिसमें पांच बड़ी और दो छोटी गाड़ियां है. आग लगने की सूचना मिलने पर इन गाड़ियों को किराए पर बोरिंग ट्यूबवेल के पानी से भरना पड़ता है.
कार्यालय में नहीं है पानी कनेक्शन: इस बारे में फायर स्टेशन इंचार्ज पवन कुमार ने कहा, "विभाग के पास सात दमकल की गाड़ियां है. कार्यालय में पानी का कनेक्शन नहीं है. हालांकि विभाग की ओर से सभी दस्तावेज संबंधित कार्यालय में भी जमा करवा दिए गए हैं. बावजूद इसके इस सीजन में पानी का कनेक्शन नहीं मिला है. उनको किराए पर दमकल गाड़ियों में पानी भरकर आग लगने की घटना पर पहुंचना पड़ रहा है."
दूसरे जिले के दमकल गाड़ियों पर निर्भर: इसके अलावा कर्मचारियों की कमी के कारण भी यहां परेशानी होती है. आग की बड़ी घटना होने पर दूसरे जिलों से दमकल की गाड़ियों पर इस फायर स्टेशन को निर्भर रहना पड़ रहा है. यहां तक कि कई बार कर्मचारी अपनी जेब से पैसा खर्च करके पानी खरीद रहे हैं. फायर स्टेशन अधिकारी की मानें तो उनकी ओर से बार-बार प्रशासन को समस्या से अवगत कराना पड़ता है. हालांकि इनकी समस्या खत्म नहीं की जा रही है.
ये भी पढ़ें: मानेसर में फैक्ट्री में शॉर्ट सर्किट से लगी भीषण आग, मौके पर दमकल विभाग की गाड़ियां मौजूद