चरखी दादरी: चरखी दादरी में फर्जी मुठभेड़ मामले को लेकर पिछले कई दिनों से जारी धरना समाप्त हो गया है. धरना समाप्त करवाने के लिए जिले के डीसी और एसपी धरना स्थल पर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने धरना दे रहे लोगों को आश्वासन दिया कि किसी के साथ नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी. अधिकारियों के आश्वासन के बाद धरणार्थियों ने अपना धरना समाप्त कर दिया.
दो सप्ताह से जारी धरना समाप्त: चरखी दादरी लघु सचिवालय के बाहर पिछले दो सप्ताह से चल रहा धरना समाप्त हो गया है. धरना दे रहे लोगों का कहना था कि फर्जी मुठभेड़ मामले में हमें न्याय मिलना चाहिए. जिले के डीसी और एसपी के आश्वासन के बाद धरना समाप्त किया गया. अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच एसआईटी और तालमेल कमेटी के सहयोग से पूरी कर पन्द्रह दिन के अंदर दोषियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की जाएगी. किसी पक्ष के साथ कोई गलत कार्रवाई नहीं होने देगी. प्रशासन के आश्वासन पर जहां धरना कमेटी ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया साथ ही स्पष्ट किया कि तय समय में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो दोबारा से बड़ा फैसला लिया जाएगा.
क्या था मामला?: चरखी दादरी जिले के उण गांव के रहने वाले मोहित ने रोहतक जिले के पिलाणा की रहने वाली साक्षी से प्रेम विवाह किया था. प्रेम विवाह से साक्षी के परिजन संतुष्ट नहीं थे. आरोप है कि नवंबर महीने में साक्षी के पिता ने उण गांव में अपनी बेटी और दामाद को उनके घर पर गोली मार दी थी. इस घटना में मोहित और साक्षी घायल हो गये थे. मोहित की शिकायत पर साक्षाी के पिता सहित अन्य लोगों पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया. पुलिस ने दंपति को गोली मारने के आरोप में पिलाना निवासी सोनू उर्फ काला को गिरफ्तार किया. पुलिस ने दावा किया कि वह सबूत मिटाने के लिए जा रहा था और पुलिस से उसकी मुठभेड़ हुई. लेकिन सोनू के पिता ने अधिवक्ता संजीव की अगुवाई में दादरी एसपी को शिकायत दी उसके बाद धरना शुरू कर दिया. इस दौरान दो पुलिस कर्मियों को भी सस्पेंड कर दिया गया था. हालांकि बीच प्रेम विवाह करने वाले मोहित और साक्षी ने इसे आरोपियों को गिरफ्तारी से बचाने के लिए ड्रामा बताया और आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग की.
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