रायपुर : विधानसभा नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने पत्र के माध्यम से राज्यपाल को सूचित किया है.जिसमें ये कहा है कि छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग ने परसा कोल ब्लॉक में उत्खनन के लिए आवश्यक अनुमतियां हासिल करने के लिए फर्जी ग्राम सभा प्रस्ताव पास करने के ग्रामीणों के आरोपों की जांच की हैं. इस जांच में आयोग ने ग्राम सभा की फर्जी कार्रवाई आरोपों को सही पाया.जिसमें परसा कोल ब्लॉक में खनन के लिए कोई भी अग्रिम कार्यवाही न करते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिनांक 30 मई 2024 को किया है. ग्राम सभाओं की बैठकों में प्रस्ताव प्रस्तुत किए बिना, प्रस्ताव पारित हुए बिना ही कूट रचना करके कार्रवाई विवरणों में प्रस्ताव पारित होने की बात लिखी गई है,जो गंभीर आपराधिक मामला है.इसे षड़यंत्रपूर्वक अंजाम दिया गया है.
पूर्व राज्यपाल ने मुख्य सचिव को लिखा था पत्र : कूट रचित कार्यवाही विवरण के कारण ही दिनांक 02.02.2022 के भारत सरकार ने कोल ब्लॉक आबंटन रकबा 1136 हेक्टेयर (ग्राम परसा तथा केते) हेतु अनुमतियां दी थी. दिनांक 23.10.2021 को अनसूईया उईके, छत्तीसगढ़ के तत्कालीन राज्यपाल ने राज्य के मुख्य सचिव को एक पत्र प्रेषित करते हुए ग्राम सभाओं की कूट रचित कार्रवाई की जांच करने प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा था.साथ ही साथ जांच होने तक परसा कोल ब्लॉक में उत्खनन संबंधी कार्यवाहियों को रोक देने हेतु निर्देशित किया गया था.
अफसरों पर पेड़ कटवाने के आरोप : छत्तीसगढ़ विधान सभा सामान्य निर्वाचन, 2023 की मतगणना का परिणाम आने के बाद और नई सरकार का गठन होने के पहले ही दिनांक 11.12.2023 को हसदेव अरण्य के उपरोक्त कोल फील्ड में 91.130 हेक्टेयर वन क्षेत्र में 15307 नग वृक्षों के विदोहन की अनुमति अधिकारियों के द्वारा अनाधिकृत रूप से जारी कर दी गई, जो अवैधानिक है.
किसी दूसरे ब्लॉक का हो आबंटन : उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट होता है कि, राज्य सरकार न तो संविधान का सम्मान कर रही है, न विधान सभा के संकल्प का सम्मान कर रही है, न अनुसूचित जनजातियों के हितों के प्रति गंभीर है, न ”PESA “ के प्रावधानों का पालन कर रही है, और न वन क्षेत्रों के बायोडायवर्सिटी की चिंता है. राज्य सरकार का एक मात्र लक्ष्य है किसी भी दशा में कोयला का उत्खनन होने देना, जिससे किसी बाहरी कंपनी विशेष को अत्यधिक लाभार्जन होगा.प्रभावित हजारों वनवासियों के द्वारा लम्बी अवधि से कोयला उत्खनन के विरूद्ध आंदोलन किया जा रहा है. हसदेव अरण्य कोल फील्ड के अतिरिक्त ऐसे अनेक कोल ब्लॉक प्रदेश में हैं, जिनका आबंटन किया जा सकता है.
डॉ चरणदास महंत ने अपने पत्र में लिखा कि राज्य को और वनवासियों को अपूरणीय क्षति पहुंचाकर उसी क्षेत्र से कोयला उत्खनन किया जाना कतई आवश्यक नहीं है, अतएव ऐसी परिस्थितियां उत्पन्न हो चुकी हैं कि राज्य के राज्यपाल महोदय इसमें तत्काल हस्तक्षेप करें और उनको प्रदत्त विशेष शक्तियों का प्रयोग करते हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र में स्थित विषयांकित कोल ब्लॉक तथा अन्य सभी कोल ब्लॉक से कोयला उत्खनन एवं वृक्षों के विदोहन की गतिविधियों पर रोक लगाएं और ग्राम सभाओं की कूटरचित कार्यवाहियों के लिए उत्तरदायी व्यक्तियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने निर्देशित करें.