नई दिल्ली: 14 अप्रैल का दिन प्रतिवर्ष नेशनल फायर सर्विस डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन लोगों को आग से सुरक्षा के प्रति जागरूक करने और आग लगने की घटनाओं को रोकने के प्रति जागरूक किया जाता है. दिल्ली फायर सर्विस द्वारा 14 से 20 अप्रैल तक अग्नि सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. दिल्ली फायर सर्विस के महानिदेशक अतुल गर्ग ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि 14 अप्रैल को हम दिल्ली में 50 जगहों पर आग बुझाने का अभ्यास करके लोगों को दिखाएंगे. साथ ही नेशनल फायर सर्विस डे के दिन हम उद्योग संचालकों और उच्चाधिकारियों के पास जाते हैं उन्हें फोल्डर देते हैं व एक सांकेतिक फ्लैग देते हैं और उन्हें फायर सर्विस के बारे में बताते हैं. अन्य लोगों को भी आग बुझाने के लिए क्या करें इसकी भी जानकारी देते हैं.
महानिदेशक ने बताया कि नेशनल फायर सर्विस डे 1944 में मुंबई के एक बंदरगाह पर स्थित डॉकयार्ड में लगी आग को बुझाने में करीब 66 दमकलकर्मियों के शहीद होने की याद में मनाया जाता है. उन्होंने बताया कि दिल्ली में अप्रैल से लेकर जून तक आग लगने की ज्यादा घटनाएं सामने आती हैं. इन तीन महीनों में आग बुझाने की इतनी कॉल आती हैं कि हमारे फायरमैन औऱ दमकल की गाड़ियां दौड़ती ही रहती हैं. इन तीन महीनों में फायर सर्विस का पूरा फोकस आग बुझाने की घटनाओं पर ही रहता है. इसके अलावा और किसी भी तरह की गतिविधि नहीं होती है.
फायर सर्विस महानिदेशक ने बताया कि दिल्ली फायर सर्विस आग लगने की घटनाओं से निपटने के लिए हर साल की तरह इस सीजन में भी पूरी तरह से तैयार है. हर कॉल पर हमारे दमकलकर्मी समय पर पहुंचने का प्रयास करते हैं. अतुल गर्ग ने बताया कि दिल्ली फायर सर्विस के पास साधनों और दमकल की गाड़ियों और अन्य किसी भी तरह की सुविधा की कोई कमी नहीं है. इसलिए हमारे दमकलकर्मी समय पर घटना स्थल पर पहुंच तो जाते हैं लेकिन, उन्हें कई सारी परेशानियों से जूझना पड़ता है.
दिल्ली में आग लगने पर दमकलकर्मियों को आग बुझाने में कौन सी हैं परेशानियां
- फायरकर्मी तंग गलियों में आग बुझाते समय होते हैं घायल
- 70 प्रतिशत दिल्ली अनआॉथराइज रूप से बसी है.
- अवैध कॉलोनियों में पानी की समस्या.
- आग बुझाने के लिए पानी का स्टोरेज टैंक नहीं मिलना.
- एक ही बिल्डिंग में कई तरह की गतिविधियां चलती है.
दिल्ली में हैं अभी 66 फायर सर्विस स्टेशन 2025 तक 80 होगी संख्या
महानिदेशक के अनुसार दिल्ली फायर सर्विस के पास अभी 66 फायर सर्विस स्टेशन दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में हैं. चार फायर सर्विस स्टेशन ऑनलाइन हैं. बाकी उप राज्यपाल ने हमें 2025 तक दिल्ली में फायर सर्विस स्टेशन की संख्या बढ़ाकर 80 करने का लक्ष्य दे रखा है. इस तरह से 14 फायर सर्विस स्टेशन की जमीन आवंटित हो चुकी है उन पर काम चल रहा है. बाकी अन्य उपकरणों की बात करें तो भी दिल्ली में कोई कमी नहीं है. अभी हाल ही में हमने 38 फायर टेंडर और जोड़े हैं. साल के अंत तक 70 फायर टेंडर और आने हैं. इसके अलावा हमने 12 रोबोट भी लिए हैं, जिससे अब कुल 16 रोबोट हो गए हैं. इसके अलावा डेली यूज का जितना भी सामान होता है वह अभी खरीदा गया है. हमारे पास फायर फाइटिंग के सामान की कोई कमी नहीं है. हमारी सबसे बड़ी समस्या है तंग गलियां.पानी वहां होता नहीं है.
फायर सर्विस में मैनपावर की नहीं है कोई कमी
अतुल गर्ग ने बताया कि हमारे पास मैन पावर की पहले कमी थी जिसको पूरा करते हुए हमारे यहां 600 कर्मियों की पहले ज्वानिंग हो गई है. अभी 700 लोग औऱ ज्वाइन करने वाले हैं. इनमें एक बैच की मई में ट्रेनिंग पूरी होने के बाद लोग ज्वाइन कर लेंगे. इसके बाद एक बैच की ट्रेनिंग सितंबर में पूरी हो जाएगी. इस तरह मैन पावर की भी कोई समस्या नहीं रहेगी. इसके अलावा हमने कांट्रैक्ट पर भी 500 लोग लगाए हुए हैं, जिससे इस समय मैन पावर की कोई समस्या नहीं है.
मानक के अनुसार फायर सर्विस स्टेशन की जरूरत
महानिदेशक ने आगे बताया कि अगर दिल्ली में मानक के अनुसार फायर सर्विस स्टेशन की बात करें तो उसके अनुसार तो नहीं हैं. लेकिन, जरूरत के अनुसार हमने कुछ जगहों को चिन्हित किया हुआ है कि यहां आग ज्यादा लगती है या हमें पहुंचने में समय ज्यादा लगता है तो उसी हिसाब से उसी इलाके में नए फायर सर्विस स्टेशन बनाए जा रहे हैं. जब हमारे 80 फायर सर्विस स्टेशन पूरे हो जाएंगे तो हमारा घटनास्थल पहुंचने का समय और भी कम हो जाएगा जो अभी थोड़ा ज्यादा है.
सिर्फ नियम बनाने से नहीं सभी के सहयोग से फायर सर्विस को लेकर जागरुकता
अतुल गर्ग ने कहा कि यह बात सही है कि दिल्ली में बहुत सारी बिल्डिंगों के पास फायर एनओसी नहीं है. लेकिन, यह काम जागरूकता से ही होगा. किसी बिल्डिंग में अगर आग बुझाने के उपकरण लगे हैं तो वे उसमें काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए ही हैं. इस बात को सभी को समझना होगा. एमसीडी, एनडीएमसी और अन्य सभी एजेंसियों के साथ मिलकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर में आग की घटना के बाद बढ़ी एनओसी मांगने वालों की संख्या
दिल्ली फायर सर्विस के महानिदेशक ने बताया कि मुखर्जी नगर कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद कोचिंग सेंटर संचालकों द्वारा एनओसी लेने के लिए अधिक आवेदन आने शुरू हुए हैं. हाई कोर्ट के ऑर्डर के बाद यह संख्या बढ़ी है. हाई कोर्ट का ऑर्डर विशेष रूप से कोचिंग सेंटरों के लिए था कि उनके पास फायर एनओसी होनी चाहिए अन्यथा उन्हें बंद कर दिया जाना चाहिए.
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कहां-कहां बन रहे नए फायर सर्विस स्टेशन
- चंद्रावल वाटर वर्क्स
- आनंद पर्वत
- गीतांजलि एन्क्लेव
- द्वारका सेक्टर-20
- द्वारका सेक्टर-तीन
- यमुना विहार
- रोहिणी सेक्टर-तीन
- गोल्डन पार्क रोहतक रोड
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