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रायपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई, किरणमयी नायक ने फोटो वायरल करने वालों को दी सख्त चेतावनी - CG Women Commission Public hearing

रायपुर में गुरुवार को महिला आयोग की ओर से जनसुनवाई की गई. इस दौरान कई मामलों में सुनवाई हुई. इस बीच महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने फोटो वायरल करने वालों को सख्त चेतावनी दी है.

CG WOMEN COMMISSION PUBLIC HEARING
रायपुर में महिला आयोग की जनसुनवाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 1, 2024, 6:51 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने गुरुवार को छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक की अध्यक्षता में गुरुवार को 263वीं सुनवाई हुई. वहीं, ये रायपुर जिले की 128वीं जनसुनवाई थी. इस दौरान किरणमयी नायक ने फोटो वायरल करने वालों को सख्त चेतावनी दी.

फोटो वायरल करने वालों को सख्त चेतावनी: रायपुर में जनसुनवाई के दौरान एक मामले में आवेदिका ने जानकारी दी कि साल 2013 में आवेदिका का अपहरण कर नशे की हालत में उससे धमका कर शादी किया गया. इसके बाद आवेदिका उस लड़के के खिलाफ थाने में शिकायत करके अपने माता-पिता के घर आ गई थी. वो नए सिरे से अपना जीवन यापन करना चाहती थी. अनावेदकगणों की ओर से अपराधी लड़के की ओर से ली गई फोटो को आवेदिका को सोशल मीडिया ग्रुप में डालकर बदनाम कर आवेदिका की निजता भंग कर रहा है. आवेदिका समाज की रजा मंदी से अपना विवाह कर नया जीवन बसाना चाहती है. इस पर आरोपी पिछले 1 साल से लगातार रोक-टोक किया जा रहा है. आरोपी ने भी इस बात को आयोग के सामने स्वीकार की.

सार्वजनिक माफी मांगेंगे आरोपी: आरोपी का कहना है कि समाज की राय लेना पड़ेगा, लेकिन उनकी इस हरकत के कारण आवेदिका का जीवन दूभर हो गया है. इस अपराध का साइबर क्राइम धारा 66 ई के तहत 3 साल की सजा और 2 लाख रु जुर्माना का प्रावधान है. इस बात को जानने के बाद आरोपी ने आवेदिका से आयोग में ही सुनवाई के दौरान माफी मांगी. अब 22 अगस्त को कोंडागांव जनसुनवाई में आरोपी और हल्बा समाज के सभी पदाधिकारी उपस्थित होंगे. इस दौरान सार्वजनिक तौर पर आवेदिका से माफी मांगेंगे, क्योंकि फोटो वायरल करने में सभी की सहभागिता थी. वरना आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया जाएगा.

इस मामले में भी हुई सुनवाई: वहीं, एक अन्य केस में एक महिला के ससुर ने आयोग को बताया कि उसने पहले महिला के स्व. पति को जमीन दिया था, जिसे ससुर की रजामंदी के खिलाफ उसने बेच दिया. हालांकि ये बात झूठी होने पर महिला के ससुर ने यह प्रस्ताव रखा कि वर्तमान में जो जमीन है, वह महिला के नाम पर रजिस्ट्रड या दानपत्र के माध्यम से दिया जायेगा, जिसमें महिला का नाम दर्ज होगा, लेकिन आवेदिका के ससुर-सास के जीवनकाल में जमीन की उपज का उपभोग सास-ससुर ही करेंगे. दोनों की मौत के बाद महिला को उसके हिस्से की जमीन मिलेगी. अगर महिला के विरोध में कोई काम सास-ससुर करते हैं तो वो मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का रिपोर्ट दर्ज करा सकेगी.

पति की मौत के बाद महिला को प्रताड़ित: ठीक इसी तरह एक अन्य मामले में आवेदिका के पति की मौत साल 2021 में हुई. उसके पूर्व हक और स्वामित्व की भूमि पर मकान और दुकान बनाया गया था. आवेदिका का वर्तमान में 1 नाबालिक बेटा है. आवेदिका के पति की मौत के बाद दुर्ग स्थित मकान में आवेदिका और उसके पुत्र का नाम दर्ज हो चुका है, जिसमें आवेदिका रहती थी, लेकिन दूसरे पक्षों की ओर से दबाव डाले जाने पर आवेदिका अपने मायके के घर पर रहने चली गई. दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया. अनावेदक पक्ष ने यह बात रखी की आवेदिका के पति की मृत्यु के बाद माता- पिता का भरण-पोषण करने आवेदिका की भी जिम्मेदारी है. इस पर आयोग की ओर से यह समझाइश दी गई. माता-पिता का पालन पोषण सभी बच्चे की जिम्मेदारी है. अनावेदकगणों ने सहमति व्यक्त किया कि आवेदिका के मकान और दुकान पर किसी तरह का हक या दावा नहीं कर रहे हैं ना ही करेंगे. आवेदिका जिस दिन भी उस घर में आकर रहना चाहेगी सभी सहयोग करेंगे. आवेदिका अपने मकान में रहने के दौरान या उसके बाद से अपने स्वामित्व की संपत्ति पर हक रखेगी. अगर महिला को प्रताड़ित किया जाता है तो वो आगामी दिनों में केस दर्ज कर सकती है.

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फोटो वायरल करने वालों को सख्त चेतावनी: रायपुर में जनसुनवाई के दौरान एक मामले में आवेदिका ने जानकारी दी कि साल 2013 में आवेदिका का अपहरण कर नशे की हालत में उससे धमका कर शादी किया गया. इसके बाद आवेदिका उस लड़के के खिलाफ थाने में शिकायत करके अपने माता-पिता के घर आ गई थी. वो नए सिरे से अपना जीवन यापन करना चाहती थी. अनावेदकगणों की ओर से अपराधी लड़के की ओर से ली गई फोटो को आवेदिका को सोशल मीडिया ग्रुप में डालकर बदनाम कर आवेदिका की निजता भंग कर रहा है. आवेदिका समाज की रजा मंदी से अपना विवाह कर नया जीवन बसाना चाहती है. इस पर आरोपी पिछले 1 साल से लगातार रोक-टोक किया जा रहा है. आरोपी ने भी इस बात को आयोग के सामने स्वीकार की.

सार्वजनिक माफी मांगेंगे आरोपी: आरोपी का कहना है कि समाज की राय लेना पड़ेगा, लेकिन उनकी इस हरकत के कारण आवेदिका का जीवन दूभर हो गया है. इस अपराध का साइबर क्राइम धारा 66 ई के तहत 3 साल की सजा और 2 लाख रु जुर्माना का प्रावधान है. इस बात को जानने के बाद आरोपी ने आवेदिका से आयोग में ही सुनवाई के दौरान माफी मांगी. अब 22 अगस्त को कोंडागांव जनसुनवाई में आरोपी और हल्बा समाज के सभी पदाधिकारी उपस्थित होंगे. इस दौरान सार्वजनिक तौर पर आवेदिका से माफी मांगेंगे, क्योंकि फोटो वायरल करने में सभी की सहभागिता थी. वरना आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज किया जाएगा.

इस मामले में भी हुई सुनवाई: वहीं, एक अन्य केस में एक महिला के ससुर ने आयोग को बताया कि उसने पहले महिला के स्व. पति को जमीन दिया था, जिसे ससुर की रजामंदी के खिलाफ उसने बेच दिया. हालांकि ये बात झूठी होने पर महिला के ससुर ने यह प्रस्ताव रखा कि वर्तमान में जो जमीन है, वह महिला के नाम पर रजिस्ट्रड या दानपत्र के माध्यम से दिया जायेगा, जिसमें महिला का नाम दर्ज होगा, लेकिन आवेदिका के ससुर-सास के जीवनकाल में जमीन की उपज का उपभोग सास-ससुर ही करेंगे. दोनों की मौत के बाद महिला को उसके हिस्से की जमीन मिलेगी. अगर महिला के विरोध में कोई काम सास-ससुर करते हैं तो वो मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना का रिपोर्ट दर्ज करा सकेगी.

पति की मौत के बाद महिला को प्रताड़ित: ठीक इसी तरह एक अन्य मामले में आवेदिका के पति की मौत साल 2021 में हुई. उसके पूर्व हक और स्वामित्व की भूमि पर मकान और दुकान बनाया गया था. आवेदिका का वर्तमान में 1 नाबालिक बेटा है. आवेदिका के पति की मौत के बाद दुर्ग स्थित मकान में आवेदिका और उसके पुत्र का नाम दर्ज हो चुका है, जिसमें आवेदिका रहती थी, लेकिन दूसरे पक्षों की ओर से दबाव डाले जाने पर आवेदिका अपने मायके के घर पर रहने चली गई. दोनों पक्षों को विस्तार से सुना गया. अनावेदक पक्ष ने यह बात रखी की आवेदिका के पति की मृत्यु के बाद माता- पिता का भरण-पोषण करने आवेदिका की भी जिम्मेदारी है. इस पर आयोग की ओर से यह समझाइश दी गई. माता-पिता का पालन पोषण सभी बच्चे की जिम्मेदारी है. अनावेदकगणों ने सहमति व्यक्त किया कि आवेदिका के मकान और दुकान पर किसी तरह का हक या दावा नहीं कर रहे हैं ना ही करेंगे. आवेदिका जिस दिन भी उस घर में आकर रहना चाहेगी सभी सहयोग करेंगे. आवेदिका अपने मकान में रहने के दौरान या उसके बाद से अपने स्वामित्व की संपत्ति पर हक रखेगी. अगर महिला को प्रताड़ित किया जाता है तो वो आगामी दिनों में केस दर्ज कर सकती है.

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