शिमला: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने ‘व्यवस्था परिवर्तन’ की नवीन पहल के माध्यम से आत्मनिर्भर हिमाचल की नींव रखी है. राज्य सरकार ने प्रदेश की वित्तीय अर्थव्यवस्था सुधारने और आमजन की खुशहाली सुनिश्चित करने की दिशा में कई ठोस कदम उठाए हैं.
वर्तमान में केंद्र सरकार के पास राज्य की 23 हजार करोड़ रुपये की धनराशि लंबित है, जो अभी तक प्रदेश को जारी नहीं हुई है. इस धनराशि में से 9300 करोड़ रुपये पिछले साल आई प्राकृतिक आपदा के बाद आवश्यकता आकलन से संबंधित है, जो राज्य सरकार को अभी तक जारी नहीं की गई है.
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड सरकार को 8000 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं. इस धनराशि के अलावा, नई पेंशन योजना के 9300 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि भाखड़ा बांध प्रबन्धन बोर्ड के मामले में सर्वोच्च न्यायालय के प्रदेश के पक्ष में फैसले के बावजूद बीबीएमबी ने 4500 करोड़ रुपये का बकाया भी प्रदेश को नहीं दिया है. यदि केंद्र सरकार यह धनराशि राज्य को जारी कर दे तो हिमाचल आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को जल्द हासिल कर लेगा.
प्रधानमंत्री ने किया गुमराह
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के भाजपा नेतृत्व ने राज्य की वित्तीय स्थिति के बारे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुमराह किया है. वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान कोषागार कभी भी ओवरड्राफ्ट नहीं हुआ है. इससे संबंधित तथ्य भारतीय रिजर्व बैंक और केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा सत्यापित किए जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए सभी राज्य समान हैं. उन्होंने कर्मचारियों के कल्याण के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने 1.36 लाख सरकारी कर्मचारियों का कल्याण सुनिश्चित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया है.
राज्य की पात्र महिलाओं को 1500 रुपये प्रति माह दिए जा रहे हैं. सरकार चरणबद्ध तरीके से सभी विधानसभा क्षेत्रों में राजीव गांधी डे बोर्डिंग स्कूल स्थापित करके शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव ला रही है. प्रदेश सरकार की यह नवोन्मेषी पहल राज्य की मजबूत वित्तीय स्थिति का प्रमाण है.
इसके अलावा, प्राकृतिक खेती पद्धति से पैदा किए गए गेहूं को 40 रुपये और मक्की को 30 रुपये प्रति किलो की दर से न्यूनतम समर्थन मूल्य देने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है. किसानों और पशुपालकों को लाभान्वित करने के लिए प्रदेश सरकार ने भैंस के दूध के खरीद मूल्य को 55 रुपये और गाय के दूध के लिए खरीद मूल्य को 45 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ा दिया है.
सीएम सुक्खू ने कहा कि विभिन्न बोर्डों और निगमों के कर्मचारियों और पेंशनभागियों को महीने की पहली तारीख को वेतन और पेंशन अदायगी की जा रही है. वित्तीय अनुशासन सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नकदी प्रवाह असंतुलन को ठीक करने का निर्णय लिया है इसलिए विभिन्न सरकारी विभागों के कर्मचारियों को महीने की 5 तारीख को वेतन मिल रहा है.
इससे किसी भी सरकारी कर्मचारी का वेतन भुगतान नहीं रुका है. प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य के राजकोष को सुदृढ़ करने के लिए लिया गया है, जिससे ऋण के ब्याज में प्रति माह 3 करोड़ रुपये की बचत हो रही है.
जयराम ने नियुक्तियां देकर खड़ी की थी फौज
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने बोर्डों और निगमों में केवल 14 अध्यक्षों और उपाध्यक्षों की नियुक्ति की है. वहीं, जयराम ठाकुर के नेतृत्व वाली पिछली भाजपा सरकार के दौरान इस प्रकार की 56 नियुक्तियां की गई थीं. प्रदेश के लोगों ने कांग्रेस को स्पष्ट जनादेश दिया है. प्रदेश सरकार राज्य के लोगों के कल्याण और उत्थान के लिए ईमानदारी, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है.
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