कुल्लू: जिला कुल्लू की खराहल घाटी के बिजली महादेव रोपवे के लिए अब केंद्र सरकार की ओर से भी मंजूरी मिल गई है. केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए 226 करोड़ रुपए की राशि भी मंजूर की गई है. यह राशि भारत सरकार द्वारा नेशनल रोपवे डेवलपमेंट प्रोग्राम पर्वतमाला के तहत मंजूर की गई है. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की गई है. अब जल्द ही इस रोपवे का कार्य शुरू किया जाएगा.
बिजली महादेव के लिए रोपवे का रूट: रोपवे बन जाने के बाद सैलानी जल्द ही बिजली महादेव का सफर पूरा कर सकेंगे. यह रोपवे ब्यास नदी के किनारे नेचर पार्क मोहल से बनाया जाएगा. बिजली महादेव तक इस रोपवे की लंबाई 2.33 किलोमीटर होगी. वहीं, इसके लिए लोक निर्माण विभाग के द्वारा टेंडर भी निकाले गए थे, लेकिन मंजूरी न मिलने के कारण उन्हें रद्द किया गया था. अब जल्द ही इस रोपवे का कार्य शुरू कर दिया जाएगा.
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क्यों हुई रोपवे मंजूरी में देरी? बिजली महादेव रोपवे का कार्य लंबे समय से अटका हुआ था. ऐसे में बीते 1 साल में इस रोपवे बनाने को लेकर सरकार द्वारा कवायद तेज की गई. हालांकि बीच में केंद्र सरकार और राज्य सरकार में मुनाफे का हिस्सा सही ना होने के चलते यह ठंडे बस्ते में चला गया था. 11 अक्टूबर 2023 को कैबिनेट की बैठक मे रोपवे को मंजूरी प्रदान नहीं की गई थी, लेकिन अब केंद्र और प्रदेश सरकार मुनाफा आधा करने पर राजी हो गई है और एनएचएआई द्वारा नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को बिजली महादेव रोपवे की नोडल एजेंसी बनाया गया है. अब इसके लिए बजट का भी प्रावधान हो गया है और उम्मीद जताई जा रही है कि टेंडर भी जल्द किया जाएगा, ताकि इसका निर्माण कार्य शुरू हो सके.
रोपवे बनने से फायदा: गौरतलब है कि देश-विदेश से लाखों सैलानी कुल्लू मनाली घूमने के लिए आते हैं. मनाली आने के बाद सैलानी जहां अटल टनल रोहतांग का मजा लेते हैं. वहीं, मोहल में रोपवे लगने से सैलानी अब आसानी से बिजली महादेव का भी रुख कर सकेंगे. इससे जहां खराहल घाटी व कुल्लू में पर्यटन कारोबार बढ़ेगा तो वहीं, रोपवे के माध्यम से पर्यटक कुछ मिनट में ही बिजली महादेव तक पहुंच पाएंगे. इससे पहले बिजली महादेव पहुंचने के लिए सैलानियों को 25 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और ट्रैफिक जाम की दिक्कतों से भी उन्हें जूझना पड़ता है.
डीसी कुल्लू को सौंपा था ज्ञापन: गौरतलब है कि खराहल और कशावरी घाटी के ग्रामीणों द्वारा इस रोपवे का विरोध किया जा रहा है. स्थानीय लोगों का कहना है कि देवता बिजली महादेव द्वारा इस रोपवे निर्माण पर आपत्ति जताई गई है. ऐसे में यहां पर रोपवे नहीं लगना चाहिए. इसके लिए ग्रामीणों द्वारा ढालपुर में धरना प्रदर्शन भी किया गया था और बीते दिनों भी डीसी कुल्लू को ज्ञापन सौंपा गया था. जिसमें मांग रखी गई थी कि स्थानीय लोगों की आस्था को ध्यान में रखते हुए इस रोपवे का निर्माण कार्य रद्द किया जाना चाहिए. ऐसे में अब आने वाले दिनों में एक बार फिर से स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा आंदोलन किया जा सकता है.
'रोपवे निर्माण पर देवता को आपत्ति': देवता बिजली महादेव के कारदार वीरेंद्र जमवाल, मंदिर कमेटी के सचिव हेमराज शर्मा का कहना है कि खराहल घाटी के ग्रामीण रोपवे के विरोध में है. सरकार से भी मांग की गई है कि वह ग्रामीणों की बात को सुने. देवता बिजली महादेव द्वारा भी इस रोपवे निर्माण पर आपत्ति जताई गई है, लेकिन अगर सरकार द्वारा उसके बाद भी इसका निर्माण किया गया तो मजबूरन ग्रामीणों को आंदोलन करना होगा.
डीसी कुल्लू आशुतोष गर्ग का कहना है कि रोपवे निर्माण के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी मिल गई है. इसके लिए बजट भी जारी किया गया है. अब जल्द ही एनएचएआई को निर्देश दिए जाएंगे कि वह इस रोपवे निर्माण कार्य की प्रक्रिया को पूरा करें, ताकि जल्द से जल्द इसका निर्माण कार्य शुरू हो सके.