ETV Bharat / state

CBSE: कैंडिडेट ध्यान दें, अटेंडेंस पर हुई सख्ती, लापरवाही बरती तो परीक्षा से हो सकते हैं अयोग्य

सेंट्रल बोर्ड आफ सैकंडरी एजुकेशन ने स्कूलों में डमी कैंडिडेट बिठाने पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. सीबीएसई ने गाइडलाइन जारी की है.

CBSE ACTION ON DUMMY STUDENTS
डमी विद्यार्थियों पर सीबीएसई करेगी सख्ती, परीक्षा से वंचित भी हो सकता है (Photo ETV Bharat Kota)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 11, 2024, 5:55 PM IST

कोटा: स्कूलों में डमी कैंडिडेट के रूप में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर अब यह कदम भारी पड़ सकता है. सेंट्रल बोर्ड आफ सैकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने ऐसे ​बच्चों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. स्कूलों में उपस्थित पूरी नहीं होने पर उन्हें परीक्षा से डिबार किया जा सकता है. स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति जांचने के लिए सीबीएसई अब सरप्राइज विजिट भी करने का प्लान कर रहा है. सीबीएसई ने इसी मामले में पूरी गाइडलाइन जारी की है. बोर्ड का मानना है कि स्कूलों में आने से बच्चे का न केवल बौद्धिक, वरन सर्वांगीण विकास भी होता है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि सीबीएसई ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूल केवल शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे छात्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्कूल में बच्चा सब्जेक्ट नॉलेज के साथ चरित्र निर्माण, सहयोग, समर्पण, संस्कार, टीमवर्क, पियर लर्निंग भी सीखता है. स्कूल से उसका अनुपस्थित रहना न केवल उसके व्यक्तित्व विकास, बल्कि सोसायटी के लिए भी ठीक नहीं है. बोर्ड ने स्कूलों को हिदायत दी है कि वे विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति पर पूरा ध्यान दें.

पढ़ें: CBSE: NEP 2020 के तहत स्कूलों में अब 10 दिन 'नो बैग डे', हिस्टोरिकल व टूरिस्ट पैलेस की होगी विजिट

स्कूलों से मांगा रिकॉर्ड: सीबीएसई ने स्कूलों से 10वीं और 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों की उपस्थिति का पूरा ब्योरा 1 जनवरी 2025 तक मांगा है. इसके साथ ही हिदायत दी है कि एक बार रिकॉर्ड देने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकेगा. यह रिकॉर्ड भी जनवरी से पहले स्कूलों को रीजनल ऑफिस तक पहुंचाना होगा. यहां तक​ कि अटेंडेंस भेजने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर (SOP) भी जारी की गई है. इसमें स्टूडेंट्स के स्कूल से नदारद रहने के भी पूरे रिकॉर्ड और छुट्टी देने की एप्लीकेशन के साथ-साथ डॉक्यूमेंट मांगे हैं. रीजनल ऑफिस अनुपस्थित कैंडिडेट्स के पूरे रिकॉर्ड की जांच करेगा. दस्तावेजों में कमी होने पर क्षेत्रीय कार्यालय संबंधित स्कूल को 15 दिवस में सूचित करेगा. क्षेत्रीय कार्यालय दस्तावेजों के दोबारा निरीक्षण के बाद ही बच्चे को 10वीं एवं 12वीं बोर्ड में बैठने का आदेश जारी किए जाएंगे.

75 फीसदी उपस्थिति जरूरी: देव शर्मा ने बताया कि सीबीएसई स्कूल के नियमों के साथ 10 वीं और 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है. इसके बाद ही वह बोर्ड का एग्जाम दे सकता है. सीबीएसई केवल मेडिकल इमरजेंसी, पेरेंट्स की मृत्यु या स्टेट और नेशनल गेम्स में पार्टिसिपेट करने के साथ गंभीर आपातकालीन कारणों में ही 25 फीसदी अटेंडेंस में छूट देता है. इसके लिए भी उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.

यह भी पढ़ें: सीबीएसई ने 27 स्कूलों को जांचा, यहां जानिये क्या होते हैं डमी स्कूल

सीबीएसई ने स्कूलों को दिए यह निर्देश

  • स्टूडेंट और पेरेंट्स को करें सूचित: स्कूलों में​ विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होने पर स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को सूचना देना जरूरी होगा. यह भी बताएं कि ऐसा नहीं करने पर स्टूडेंट बोर्ड की एग्जाम से बाहर हो जाएगा.
  • छुट्टी की प्रक्रिया: मेडिकल इमरजेंसी, छात्रों को छुट्टी लेने के लिए तुरंत वैध चिकित्सा दस्तावेज के साथ छुट्टी का आवेदन करना होगा. दूसरे कारण हैं तो भी स्कूल को वैध कारण सहित लिखित रूप में सूचित करना होगा.
  • स्कूल को अवकाश की सूचना देना होगा जरूरी: सीबीएसई टीम के स्कूलों के औचक निरीक्षण के समय यह पाया जाता है कि छात्र उचित छुट्टी रिकॉर्ड के बिना अनुपस्थित है तो यह माना जाएगा कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं. सीबीएसई उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देगा.
  • अटेंडेंस की मॉनिटरिंग: स्कूल में अटेंडेंस की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही सटीक अटेंडेंस रिकॉर्ड भी रखने के लिए कहा गया है. इस अटेंडेंस रजिस्टर को डेली बेसिस पर अपडेट किया जाना है. इस पर क्लास टीचर और स्कूल के प्रबंधन के हस्ताक्षर होना जरूरी है.
  • अभिभावकों से संवाद: स्कूल से कोई स्टूडेंट लगातार या अक्सर अनुपस्थित रहता है तो उसके पेरेंट्स से बातचीत की जानी चाहिए. पेरेंट्स को लिखित में सूचना देनी चाहिए. उन्हें यह भी बताना चाहिए कि अगर बच्चा लगातार एब्सेंट रहता है तो बोर्ड की एग्जाम नहीं दे पाएगा.
  • सीबीएसई टीम का निरीक्षण: 10वीं और 12वीं बोर्ड के रिकॉर्ड की जांच के लिए सीबीएसई की टीम स्कूल में निरीक्षण कर सकती है. इस दौरान स्कूल में रिकॉर्ड अधूरा मिला तो स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. यहां तक कि स्कूल की मान्यता रद्द भी हो सकती है और छात्रों को बोर्ड परीक्षा से अयोग्य घोषित किया जा सकता है.

स्कूल को करनी होगी इस एसओपी की पालना

  • सेशन की शुरुआत में ही पेरेंट्स और स्टूडेंट को उपस्थिति का महत्व बताएंगे.
  • लगातार अनुपस्थित रहने वाले स्टूडेंट के संबंध में पेरेंट्स को चेतावनी दी जाएगा. उसके रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना
  • अटेंडेंस जनवरी माह के अनुसार ही मानी जाएगी.
  • 7 जनवरी के बाद स्टूडेंट्स की अटेंडेंस से लेकर कोई भी मामला स्वीकार नहीं किया जाएगा.
  • बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट की अटेंडेंस पूरी नहीं होने पर उसके पेरेंट्स को बोर्ड में अर्जी लगानी होगी. इसमें वाजिब दस्तावेज भी लगाने होंगे.

कोटा: स्कूलों में डमी कैंडिडेट के रूप में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स पर अब यह कदम भारी पड़ सकता है. सेंट्रल बोर्ड आफ सैकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने ऐसे ​बच्चों पर सख्ती बरतनी शुरू कर दी है. स्कूलों में उपस्थित पूरी नहीं होने पर उन्हें परीक्षा से डिबार किया जा सकता है. स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति जांचने के लिए सीबीएसई अब सरप्राइज विजिट भी करने का प्लान कर रहा है. सीबीएसई ने इसी मामले में पूरी गाइडलाइन जारी की है. बोर्ड का मानना है कि स्कूलों में आने से बच्चे का न केवल बौद्धिक, वरन सर्वांगीण विकास भी होता है.

एजुकेशन एक्सपर्ट देव शर्मा का कहना है कि सीबीएसई ने इस संबंध में एक सर्कुलर जारी किया है. इसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि स्कूल केवल शिक्षा के केंद्र नहीं हैं, बल्कि वे छात्रों के समग्र विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. स्कूल में बच्चा सब्जेक्ट नॉलेज के साथ चरित्र निर्माण, सहयोग, समर्पण, संस्कार, टीमवर्क, पियर लर्निंग भी सीखता है. स्कूल से उसका अनुपस्थित रहना न केवल उसके व्यक्तित्व विकास, बल्कि सोसायटी के लिए भी ठीक नहीं है. बोर्ड ने स्कूलों को हिदायत दी है कि वे विद्यार्थियों की नियमित उपस्थिति पर पूरा ध्यान दें.

पढ़ें: CBSE: NEP 2020 के तहत स्कूलों में अब 10 दिन 'नो बैग डे', हिस्टोरिकल व टूरिस्ट पैलेस की होगी विजिट

स्कूलों से मांगा रिकॉर्ड: सीबीएसई ने स्कूलों से 10वीं और 12वीं बोर्ड के विद्यार्थियों की उपस्थिति का पूरा ब्योरा 1 जनवरी 2025 तक मांगा है. इसके साथ ही हिदायत दी है कि एक बार रिकॉर्ड देने के बाद इसमें फेरबदल नहीं किया जा सकेगा. यह रिकॉर्ड भी जनवरी से पहले स्कूलों को रीजनल ऑफिस तक पहुंचाना होगा. यहां तक​ कि अटेंडेंस भेजने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेशनल प्रोसीजर (SOP) भी जारी की गई है. इसमें स्टूडेंट्स के स्कूल से नदारद रहने के भी पूरे रिकॉर्ड और छुट्टी देने की एप्लीकेशन के साथ-साथ डॉक्यूमेंट मांगे हैं. रीजनल ऑफिस अनुपस्थित कैंडिडेट्स के पूरे रिकॉर्ड की जांच करेगा. दस्तावेजों में कमी होने पर क्षेत्रीय कार्यालय संबंधित स्कूल को 15 दिवस में सूचित करेगा. क्षेत्रीय कार्यालय दस्तावेजों के दोबारा निरीक्षण के बाद ही बच्चे को 10वीं एवं 12वीं बोर्ड में बैठने का आदेश जारी किए जाएंगे.

75 फीसदी उपस्थिति जरूरी: देव शर्मा ने बताया कि सीबीएसई स्कूल के नियमों के साथ 10 वीं और 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य है. इसके बाद ही वह बोर्ड का एग्जाम दे सकता है. सीबीएसई केवल मेडिकल इमरजेंसी, पेरेंट्स की मृत्यु या स्टेट और नेशनल गेम्स में पार्टिसिपेट करने के साथ गंभीर आपातकालीन कारणों में ही 25 फीसदी अटेंडेंस में छूट देता है. इसके लिए भी उसे दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे.

यह भी पढ़ें: सीबीएसई ने 27 स्कूलों को जांचा, यहां जानिये क्या होते हैं डमी स्कूल

सीबीएसई ने स्कूलों को दिए यह निर्देश

  • स्टूडेंट और पेरेंट्स को करें सूचित: स्कूलों में​ विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम होने पर स्टूडेंट्स और उनके पेरेंट्स को सूचना देना जरूरी होगा. यह भी बताएं कि ऐसा नहीं करने पर स्टूडेंट बोर्ड की एग्जाम से बाहर हो जाएगा.
  • छुट्टी की प्रक्रिया: मेडिकल इमरजेंसी, छात्रों को छुट्टी लेने के लिए तुरंत वैध चिकित्सा दस्तावेज के साथ छुट्टी का आवेदन करना होगा. दूसरे कारण हैं तो भी स्कूल को वैध कारण सहित लिखित रूप में सूचित करना होगा.
  • स्कूल को अवकाश की सूचना देना होगा जरूरी: सीबीएसई टीम के स्कूलों के औचक निरीक्षण के समय यह पाया जाता है कि छात्र उचित छुट्टी रिकॉर्ड के बिना अनुपस्थित है तो यह माना जाएगा कि वे नियमित रूप से स्कूल नहीं आ रहे हैं. सीबीएसई उन्हें बोर्ड परीक्षाओं में बैठने की अनुमति नहीं देगा.
  • अटेंडेंस की मॉनिटरिंग: स्कूल में अटेंडेंस की मॉनिटरिंग बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ ही सटीक अटेंडेंस रिकॉर्ड भी रखने के लिए कहा गया है. इस अटेंडेंस रजिस्टर को डेली बेसिस पर अपडेट किया जाना है. इस पर क्लास टीचर और स्कूल के प्रबंधन के हस्ताक्षर होना जरूरी है.
  • अभिभावकों से संवाद: स्कूल से कोई स्टूडेंट लगातार या अक्सर अनुपस्थित रहता है तो उसके पेरेंट्स से बातचीत की जानी चाहिए. पेरेंट्स को लिखित में सूचना देनी चाहिए. उन्हें यह भी बताना चाहिए कि अगर बच्चा लगातार एब्सेंट रहता है तो बोर्ड की एग्जाम नहीं दे पाएगा.
  • सीबीएसई टीम का निरीक्षण: 10वीं और 12वीं बोर्ड के रिकॉर्ड की जांच के लिए सीबीएसई की टीम स्कूल में निरीक्षण कर सकती है. इस दौरान स्कूल में रिकॉर्ड अधूरा मिला तो स्कूल के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है. यहां तक कि स्कूल की मान्यता रद्द भी हो सकती है और छात्रों को बोर्ड परीक्षा से अयोग्य घोषित किया जा सकता है.

स्कूल को करनी होगी इस एसओपी की पालना

  • सेशन की शुरुआत में ही पेरेंट्स और स्टूडेंट को उपस्थिति का महत्व बताएंगे.
  • लगातार अनुपस्थित रहने वाले स्टूडेंट के संबंध में पेरेंट्स को चेतावनी दी जाएगा. उसके रिकॉर्ड को दुरुस्त रखना
  • अटेंडेंस जनवरी माह के अनुसार ही मानी जाएगी.
  • 7 जनवरी के बाद स्टूडेंट्स की अटेंडेंस से लेकर कोई भी मामला स्वीकार नहीं किया जाएगा.
  • बोर्ड परीक्षा में स्टूडेंट की अटेंडेंस पूरी नहीं होने पर उसके पेरेंट्स को बोर्ड में अर्जी लगानी होगी. इसमें वाजिब दस्तावेज भी लगाने होंगे.
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.