आगरा: सीबीआई ने मध्य प्रदेश में रिश्वतखोरी के मामले में एनएचएआई के महाप्रबंधक एवं परियोजना निदेशक समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है . जिसमें कंपनी पीएनसी इंफ्रा लिमिटेड के कर्मचारी सत्य नारायण अंगुलुरी, बृजेश मिश्रा, अनिल जैन और शुभम जैन शामिल हैं. एनएचएआई के महाप्रबंधक पर पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी के कर्मचारियों से 10 लाख की रिश्वत लेने का आरोप है. इसको लेकर सीबीआई ने आगरा में भी दस्तावेज खंगांले हैं. पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड कंपनी आगरा से भाजपा के राज्यसभा सांसद नवीन जैन के भाइयों की है. सीबीआई ने इस घूसकांड में भाजपा राज्यसभा सांसद नवीन जैन की कंपनी के निदेशक भाई को भी नामजद किया है.
बता दें कि सीबीआई ने एनएचएआई छतरपुर मध्यप्रदेश के महाप्रबंधक और परियोजना निदेशक पुरुषोत्तम लाल चौधरी को दस लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था . सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तार छह आरोपियों समेत 10 संदिग्धों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. सीबीआई की एफआईआर में पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड के निदेशक योगेश जैन और टीआर राव नामजद हैं. पीएनसी इंफ्राटेक के निदेशक योगेश जैन आगरा से भाजपा राज्यसभा सांसद नवीन जैन के भाई हैं.
इसलिए की गई थी रिश्वत की डिमांड
आरोप है कि कंपनी पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड को अनुचित लाभ लाभ पहुंचाने के लिए एनएचएआई अधिकारियों ने रिश्वत की डिमांड की. जिस पर कंपनी ने एनएचआई के अधिकारियों को रिश्वत दी. सीबीआई को जानकारी मिली थी कि एनएचएआई की ओर से पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड को दिए गए झांसी-खजुराहो प्रोजेक्ट के संबंध में अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने और अंतिम बिल की प्रोसेसिंग के साथ साथ अंतिम हैंडओवर प्राप्त करने के के लिए कथित तौर पर रिश्वत की डिमांड की जा रही है.
इन शहरों में खंगाले दस्तावेज
सीबीआई ने रिश्वत की रकम के साथ एनएचएआई अधिकारियों के साथ ही कंपनी के कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही सीबीआई ने इस घूसकांड में छतरपुर (मध्य प्रदेश), लखनऊ, कानपुर, आगरा और गुरुग्राम (हरियाणा) स्थित कंपनी के कार्यालय में छापा मारा. जहां से सीबीआई ने डिजिटल डिवाइस समेत आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं.
छह साल पहले भी लगे थे आरोप
बता दें कि आगरा लखनऊ एक्स्प्रेस वे का निर्माण सपा सरकार ने कराया था. राज्य सरकार ने आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे के एक हिस्से के जल्द पूरा होने करने की जिम्मेदारी पीएनसी इंफ्राटेक लिमिटेड को दी थी. तब आगरा के भाजपा के मेयर रहे नवीन जैन के भाई की स्वामित्व वाली इस कंपनी ने आगरा से फिरोजाबाद तक एक्सप्रेसवे के 56 किलोमीटर लंबे हिस्से का निर्माण किया था. मगर, एक्सप्रेस वे का एक हिस्सा छह महीने के भीतर ही ढह गया था. जबकि, सरकार ने तब 58 करोड़ रुपये का बोनस भी कंपनी को दिया था. ये खुलासा हुआ था.
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