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नोएडा में बैंक और परिवहन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज, जाने पूरा मामला - Case against bank transport officer

Case filed against bank and transport officer: नोएडा के सेक्टर-24 थाना में नोबल को-ऑपरेटिव बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. आरोप है कि तीन कॉमर्शियल वाहनों का बकाया लोन ब्याज सहित चुकाने के बाद भी बैंक द्वारा वाहनों को जब्त कर लिया गया है.

बैंक और परिवहन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज
बैंक और परिवहन अधिकारी पर मुकदमा दर्ज (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 26, 2024, 8:02 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: तीन कॉमर्शियल वाहनों का बकाया लोन ब्याज सहित चुकाने के बाद भी वाहनों को जब्त करने का आरोप लगाते हुए एक महिला ने नोबल को-ऑपरेटिव बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी के खिलाफ थाना सेक्टर-24 में रविवार को मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कोरोना महामारी के दौरान किस्त भरने में विफल रही थीं शिकायतकर्ता
आकाश टूर एंड ट्रवेल्स कंपनी की प्रोपराइटर पंकज चौहान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी सेक्टर-22 स्थित कंपनी ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करती है. 22 फरवरी 2018 को पंकज ने दो बस और एक कार के लिए सेक्टर-22 स्थित नोबल कोऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा से 58 लाख 40 हजार रुपये का लोन पास कराया. मार्च 2020 तक शिकायतकर्ता लोन की हर किस्त समय पर जमा करती रहीं. इसके बाद कोरोना महामारी के दौरान पंकज को ट्रांसपोर्ट के कारोबार में काफी नुकसान हो गया और वह बैंक वालों को मासिक किस्त देने में विफल रहीं.

44 लाख 30 हजार रुपये में लोन कर दिया था सेटल

अक्टूबर 2020 में बैंक वालों ने शिकायतकर्ता की कार अपने कब्जे में ले ली. इसके बाद 15 जून 2022 को शिकायतकर्ता ने एक मुश्त सेटेलमेंट के लिए बैंक वालों को पत्र लिखा. संबंधित बैंक ने नियम और शर्तों के अनुसार 44 लाख 30 हजार रुपये में लोन सेटल कर दिया, जिसे पंकज चौहान द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया. शिकायतकर्ता द्वारा सारा पैसा किस्तों में ब्याज सहित भर दिया गया. आरोप है कि सारा पैसा जमा करने के बावजूद भी बैंक वालों ने दो बसें और एक कार को जब्त कर लिया और वाहनों को नीलामी कर दोबारा बेचने के लिए डराते और धमकाते रहे.

आरटीओ ऑफिस के संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिख जताई आपत्ति

इससे चिंतित होकर पंकज चौहान ने 22 अप्रैल 2023 को सेक्टर-33 स्थित आरटीओ ऑफिस के संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र डाक द्वारा भेजा. इसमें शिकायतकर्ता ने अपनी आपत्तियां लिखीं कि भविष्य में कभी भी बैंक वाले बस और कार को अवैध रूप से उठाते या बेचते हैं तो आपत्तियां पहले पढ़ी जाएं. इसके बाद ही वाहनों को बैंक या किसी अन्य के नाम किया जाए. आरोप है कि जून 2023 में बैंक वालों ने संभागीय परिवहन अधिकारी से साठगांठ कर दोनों बसें अपने नाम करवा ली. कार अभी भी बैंक वालों के कब्जे में ही है.

शिकायतकर्ता की दोनों बसें बिना किसी पूर्व सूचना के बैंक वालों ने बेचा

आरोप यह भी है कि बैंक वालों ने 21 नवंबर 2023 को शिकायतकर्ता की दोनों बसें बिना किसी पूर्व सूचना के बेच दी. 17 जनवरी 2024 को पंकज चौहान ने जब अपने तीनों वाहनों की एनओसी बैंक वालों से मांगी तो बताया गया कि वाहन गाजियाबाद के तिरुपति यार्ड में खड़े हैं. यार्ड के कर्मचारी द्वारा बताया गया कि उसके तीनों वाहन बिक चुके हैं. जानकारी करने पर पता चाल कि बैंक वालों ने वाहन अपने ही किसी निजी व्यक्ति के नाम कर दिया है.

ये भी पढ़ें : नोएडा में फ्लैट बेचने के नाम पर ठगी, मां-बेटे ने 87 लाख हड़पे

शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता ने नोबल कोऑपरेटिव बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी पर साठगांठ कर वाहनों को लोन का सारा बकाया पैसा जमा करने के बाद भी बेचने का आरोप लगाया है. पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रही है. इस मामले में बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.

ये भी पढ़ें : नोएडा में कर्मचारियों ने कंपनी के साथ की 1.42 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी, जांच शुरू

नई दिल्ली/नोएडा: तीन कॉमर्शियल वाहनों का बकाया लोन ब्याज सहित चुकाने के बाद भी वाहनों को जब्त करने का आरोप लगाते हुए एक महिला ने नोबल को-ऑपरेटिव बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी के खिलाफ थाना सेक्टर-24 में रविवार को मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने इस मामले में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

कोरोना महामारी के दौरान किस्त भरने में विफल रही थीं शिकायतकर्ता
आकाश टूर एंड ट्रवेल्स कंपनी की प्रोपराइटर पंकज चौहान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी सेक्टर-22 स्थित कंपनी ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करती है. 22 फरवरी 2018 को पंकज ने दो बस और एक कार के लिए सेक्टर-22 स्थित नोबल कोऑपरेटिव बैंक की मुख्य शाखा से 58 लाख 40 हजार रुपये का लोन पास कराया. मार्च 2020 तक शिकायतकर्ता लोन की हर किस्त समय पर जमा करती रहीं. इसके बाद कोरोना महामारी के दौरान पंकज को ट्रांसपोर्ट के कारोबार में काफी नुकसान हो गया और वह बैंक वालों को मासिक किस्त देने में विफल रहीं.

44 लाख 30 हजार रुपये में लोन कर दिया था सेटल

अक्टूबर 2020 में बैंक वालों ने शिकायतकर्ता की कार अपने कब्जे में ले ली. इसके बाद 15 जून 2022 को शिकायतकर्ता ने एक मुश्त सेटेलमेंट के लिए बैंक वालों को पत्र लिखा. संबंधित बैंक ने नियम और शर्तों के अनुसार 44 लाख 30 हजार रुपये में लोन सेटल कर दिया, जिसे पंकज चौहान द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया. शिकायतकर्ता द्वारा सारा पैसा किस्तों में ब्याज सहित भर दिया गया. आरोप है कि सारा पैसा जमा करने के बावजूद भी बैंक वालों ने दो बसें और एक कार को जब्त कर लिया और वाहनों को नीलामी कर दोबारा बेचने के लिए डराते और धमकाते रहे.

आरटीओ ऑफिस के संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र लिख जताई आपत्ति

इससे चिंतित होकर पंकज चौहान ने 22 अप्रैल 2023 को सेक्टर-33 स्थित आरटीओ ऑफिस के संभागीय परिवहन अधिकारी को पत्र डाक द्वारा भेजा. इसमें शिकायतकर्ता ने अपनी आपत्तियां लिखीं कि भविष्य में कभी भी बैंक वाले बस और कार को अवैध रूप से उठाते या बेचते हैं तो आपत्तियां पहले पढ़ी जाएं. इसके बाद ही वाहनों को बैंक या किसी अन्य के नाम किया जाए. आरोप है कि जून 2023 में बैंक वालों ने संभागीय परिवहन अधिकारी से साठगांठ कर दोनों बसें अपने नाम करवा ली. कार अभी भी बैंक वालों के कब्जे में ही है.

शिकायतकर्ता की दोनों बसें बिना किसी पूर्व सूचना के बैंक वालों ने बेचा

आरोप यह भी है कि बैंक वालों ने 21 नवंबर 2023 को शिकायतकर्ता की दोनों बसें बिना किसी पूर्व सूचना के बेच दी. 17 जनवरी 2024 को पंकज चौहान ने जब अपने तीनों वाहनों की एनओसी बैंक वालों से मांगी तो बताया गया कि वाहन गाजियाबाद के तिरुपति यार्ड में खड़े हैं. यार्ड के कर्मचारी द्वारा बताया गया कि उसके तीनों वाहन बिक चुके हैं. जानकारी करने पर पता चाल कि बैंक वालों ने वाहन अपने ही किसी निजी व्यक्ति के नाम कर दिया है.

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शिकायतकर्ता का आरोप
शिकायतकर्ता ने नोबल कोऑपरेटिव बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी पर साठगांठ कर वाहनों को लोन का सारा बकाया पैसा जमा करने के बाद भी बेचने का आरोप लगाया है. पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मामले की जांच कर रही है. इस मामले में बैंक और संभागीय परिवहन अधिकारी से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई करने की बात कही जा रही है.

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