मंडी: शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग मंत्री विक्रमादित्य सिंह मंडी सदर विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर मौजूद रहे. इस दौरान उन्होने ब्यास नदी के किनारे कून का तर में सस्पेंशन वैली ब्रिज की आधारशिला रखी. वहीं, झूले में बैठकर ब्यास नदी पार कर जनता से भी मुलाकात की. बता दें कि बीते साल ब्यास नदी में आई बाढ़ के चलते तीन विधानसभा क्षेत्रों को आपस में जोड़ने वाला कून का तर ब्रिज पूरी तरह से बह गया था. इसके स्थान पर ग्राीमीणों ने आने-जाने के लिए अभी झूला पुल का इस्तेमाल कर रहे हैं. क्षेत्र के सैकड़ो लोग रोजाना अपनी जान हथेली पर रखकर इसी झूला पुल में बैठकर आर-पार पहुंच रहे हैं.
शुक्रवार को इसी झूला पुल में बैठकर विक्रमादित्य सिंह ने ब्यास नदी के दूसरे किनारे खड़ी द्रंग-जोगिंद्रनगर विधानसभा क्षेत्रों की जनता के साथ मुलाकात की. इसके उपरांत मीडिया से रूबरू होते हुए विक्रमादित्स सिंह ने झूला पुल में बैठना का अपना अनुभव भी सांझा किया. मंत्री ने कहा कि कून का तर में पुल न होने से लोगों को काफी मुशिकलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, विक्रमादित्स सिंह ने कहा कि पधर के राजबन में बादल फटने की घटना के बाद तबाह हुए परिवारों को पुनः बसाने के लिए भी सरकार पूरी तरह से प्रतिबध है.
इसके अलावा विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि, 'पिछले साल आई आपदा में कुल्लू से लेकर मंडी तक ब्यास नदी पर बने कई पुल बह गए हैं, इसके बाद प्रदेश सरकार ने केंद्र से इन पुलों को सेतु भारतम् परियोजना के तहत बनाने की मांग उठाई थी, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक इन पुलों के पुनः निमार्ण के लिए ज्यादा दिलचस्पी नहीं दिखाई है. अब सीएम सुक्खू ने इस पुल के निर्माण के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया है. प्रदेश सरकार के सहयोग से अब यहां पर 3 करोड़ 30 लाख की लागत से 280 फीट सस्पेंशन वैली ब्रिज बनने जा रहा है. अगले साल मार्च माह में इस पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और यहां की जनता जल्द ही इस पुल का लाभ उठा सकेगी. वहीं, इसके उपरांत विक्रमादित्य सिंह ने साइगलू में नलवाड़ मेले के समापन समारोह की भी अध्यक्षता की.