बिलासपुर: सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को कांग्रेस ने देहरा विधानसभा सीट से टिकट दिया है. ऐसे में सीएम की पत्नी को टिकट दिए जाने को लेकर भाजपा ने निशाना साधा है, जिस पर सुक्खू सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखे कि उनमें कितने ही ऐसे नेता हैं, जो विधायक और सांसद बने हैं. जिसके परिवार के सदस्य भी कई बड़े पदों पर रहे हैं.
कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने आरोप लगाया कि भाजपा ने सरकार को गिराने का बड़ा षड्यंत्र रचा था. भाजपा के एक गुट ने दूसरे गुट को नीचा दिखाने के लिए यह सारी प्लानिंग की थी और एक तीर से कई निशाने साधने को कोशिश की गई थी. लेकिन, वह पूरी तरह से विफल रही. छह विधायकों ने सरकार और जनता को धोखा दिया, जिनमें से चार उपचुनाव भी हार गए. जो निर्दलीय विधायक थे, उनके दिल में यदि लोगों का हित सर्वोपरि होता तो, वह रिजाइन देने के बजाए जनता के लिए कार्य करते. लेकिन भाजपा ने इन्हें अपने ट्रैप में फंसा लिया. आज उसका यह नतीजा है कि वह विधायकी से भी बाहर हो गए. अब उपचुनाव होने जा रहा है, इसमें कांग्रेस जीतेगी.
राजेश धर्माणी ने सीएम सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर को टिकट दिए जाने पर भाजपा के वार पर पलटवार किया है. उन्होंने भाजपा सभी नियम और कानून कांग्रेस पर लागू करने की बात करती है. जबकि भाजपा अपने अंदर झांकने की कोशिश नहीं करती. मुख्यमंत्री की पत्नी को इसलिए टिकट दिया गया है, क्योंकि वहां जो सर्वे किया गया था, उसमें वह पात्र कैंडिडेट के रूप में सामने आई हैं. देहरा से मुख्यमंत्री का पुश्तैनी नाता रहा है. साथ ही उनकी पत्नी कमलेश ठाकुर का मायका भी साथ लगते गांव में है. जिसके चलते लोगों की मांग थी कि वह वहां से चुनाव लड़े, जिससे देहरा का चौमुखी विकास हो सके.
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