पंचकूला: हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री डॉक्टर कृष्ण लाल पंवार ने पंचकूला सेक्टर 5 के परेड ग्राउंड में 15 नवंबर से 26 नवंबर 2024 तक चलने वाले राष्ट्रीय सरस मेले का उद्घाटन किया. इस मौके पर मंत्री पंवार ने चार जिलों के 1354 सेल्फ हेल्प ग्रुप को लगभग 63 करोड़ रुपये के चेक भी वितरित किए. इस अवसर पर पंचकूला के महापौर कुलभूषण गोयल, कालका की विधायक शक्ति रानी शर्मा और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता मौजूद रहे.
मंत्री ने पारंपरिक भोजन का स्वाद चखा: हरियाणा के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री डॉक्टर कृष्ण लाल पंवार ने मेले में लगे सभी स्टॉलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की तारीफ की. साथ ही दस राज्यों से आए स्वयं सहायता समूह की बहनों द्वारा तैयार पारंपरिक भोजन का स्वाद भी चखा. उन्होंने कहा कि ग्रामीण महिलाओं द्वारा बनाए उत्पाद उनकी मेहनत, रचनात्मकता व स्वावलंबन का प्रतीक है.
|| सशक्त नारी, समृद्ध भारत ||
— Krishan Lal Panwar (@KrishanLPanwar) November 16, 2024
'सरस आजीविका मेला-2024'
पंचकुला में हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तत्वावधान में आयोजित सरस आजीविका मेले में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया।
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मंत्री ने बताया कि हरियाणा में लगभग 60 हजार स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं, जिनके माध्यम से 6 लाख परिवार अपनी आजीविका चला रहे हैं. इन समूहों के माध्यम से ग्रामीण परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. उन्होंने बताया कि एचआरएमएल का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को स्वावलंबी और उनके उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराना है.
ग्रामीण महिलाओं को प्लेटफॉर्म उपलब्ध करा रही सरकार: ग्रामीण विकास मंत्री डॉक्टर कृष्ण लाल पंवार ने कहा कि सरकार सरस मेले के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को एक बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करवा रही है, ताकि वे अपने उत्पादों का देश-प्रदेश में दिखा व बेच सकें. उन्होंने बताया कि सरस मेला इन महिलाओं का कौशल और मेहनत राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है. सरस मेले का आयोजन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करता है और शहरी उपभोक्ताओं को ग्रामीण क्षेत्र के अनूठे उत्पादों से परिचित कराता है.
प्रदेश में 234 कैंटीन का संचालन कर रहा समूह: मंत्री पंवार ने बताया कि स्वयं सहायता समूह की महिलाएं प्रदेश में हरियाणा सरकार की 234 कैंटीन चलाकर उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर व्यंजन मुहैया करा रही हैं. जिन गांवों में स्वयं सहायता समूह की संख्या कम है, मंत्री ने उनमें और महिलाएं जोड़कर संख्या बढ़ाने की अपील की है.
1700 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करवाई: मंत्री ने बताया कि स्वयं सहायता समूहों को अब तक 1700 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई जा चुकी है. वहीं हरियाणा में 3 लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य है, जिसमें से एक लाख लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि सभी पंचायतों में सांस्कृतिक मंडल खोलने का भी निर्णय लिया गया है. पानीपत हैंडलूम में राज्य स्तरीय मेले के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी. मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने 28 जुलाई 2024 को देश के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से सीधे बात की थी और उनकी मंशा इन समूहों को नवीन उत्पादों की ट्रेनिंग देकर उन्हें स्वावलंबन की ओर अग्रसर करना है.
मंत्री ने उत्कृष्ट प्रदर्शन पर किया सम्मानित: मंत्री डॉक्टर कृष्ण लाल पंवार ने हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की लखपति दीदीयों मीना, मानता शर्मा, परमजीत, उषा रानी, राधा रानी, सुलोचना की प्रशंसा कर उनके साथ सामूहिक फोटो खिंचवाई. साथ ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली महिलाओं को पुरस्कृत किया. इस अवसर पर हरियाणा लोक संस्कृति उत्थान ट्रस्ट की टीम के सांस्कृतिक कार्यक्रम ने खूब तालियां बटोरी.
अनुभव और आजीविका बारे विचार सांझा: मंत्री पंवार ने सौरभ अत्री को मोमेंटो देकर सम्मानित किया. वहीं चार जिलों की महिलाओं ने अपने उत्पाद के अनुभव और सफल आजीविका बारे विचार साझा किए. हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉक्टर अमरेंद्र कौर ने विस्तार से मंत्री पंवार को स्वयं सहायता समूह बारे विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मेले में 10 राज्य के स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने भाग लिया और लगभग 200 स्टाॅलों के माध्यम से अपने अपने उत्पाद लॉन्च किए.
हस्त निर्मित उत्पाद रहे आकर्षण का केंद्र: मेले में मुख्य आकर्षण हस्तशिल्प और हस्तनिर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी रही. इसमें ग्रामीण महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद जैसे- हैंडीक्राफ्ट, जैविक उत्पाद, पारंपरिक परिधान और घरेलू सजावट की वस्तुएं रही. वहीं फूड कोर्ट, विभिन्न राज्यों से आए स्वादिष्ट पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद लेने का अवसर, सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुतियों ने ग्रामीण भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया. मेले में कश्मीर के सूखे मेवे भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं. मेले में स्वयं सहायता समूह की 22 जिलों से आई 3 हजार से अधिक महिलाएं पहुंची हैं.
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