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आज शनि जयंती पर करें ये उपाय, चमकेगी किस्मत, दूर होगी साढ़ेसाती - Shani Jayanti remedies - SHANI JAYANTI REMEDIES

इस साल 6 जून को ज्येष्ठ मास अमावस्या पर शनि जयंती पूरे भारत में मनाई जाएगी. शनि ग्रह भगवान सूर्य के पुत्र कहे गए हैं और शनि जयंती के दिन अगर भक्त कुछ उपाय करें तो कष्टों से भक्तों को मुक्ति मिलेगी और भगवान शनि उनके जीवन में सुख समृद्धि लेकर आएंगे.

SHANI JAYANTI REMEDIES
ग्राफिक्स फोटो (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jun 5, 2024, 6:16 PM IST

Updated : Jun 6, 2024, 11:23 AM IST

शिमला: सनातन धर्म में नवग्रह का अहम स्थान है और नवग्रह में शनि ग्रह को न्याय का देवता भी कहा जाता है. ऐसे में ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनि जयंती मनाई जाती है और इस साल 6 जून को ज्येष्ठ मास अमावस्या पर शनि जयंती पूरे भारत में मनाई जाएगी. शनि देवता भगवान सूर्य के पुत्र हैं और शनि जयंती के दिन अगर भक्त कुछ विशेष अनुष्ठान करें तो शनि की साढ़ेसाती से छुटकारा मिलेगा. साथ ही अन्य शनि के प्रकोप से आए कष्टों से भक्तों को मुक्ति मिलेगी और भगवान शनि उनके जीवन में सुख समृद्धि लेकर आते हैं.

सनातन धर्म के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या 5 जून रात 7:54 पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 6 जून शाम 6:07 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी. वहीं, शनि ग्रह की पूजा का समय भी 6 जून को शाम 5:33 से लेकर रात 8:33 तक रहेगा. आचार्य विजय कुमार का कहना है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काले रंग के अनाज से बनी वस्तुएं चढ़ानी चाहिए. शनि जयंती के दिन भोग में काली उड़द की दाल का हलवा बनाकर भी भोग लगा सकते हैं और उड़द दाल के लड्डू का भोग लगाना भी काफी शुभ माना गया है. इसके अलावा काले तिल के पकवान तथा गुलाब जामुन चढ़ाने से भी शनि ग्रह की अशुभता दूर होती है. इसके साथ ही पितृ दोष भी दूर होता है और शनि ग्रह प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट को दूर करते हैं. इसके अलावा 6 जून को सर्व सिद्धि योग भी बन रहा है और भगवान शनि देव की भी विशेष कृपा अपने भक्तों पर रहेगी.

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि शनि देव को न्यायाधीश कहा गया है और सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि जयंती का होना सभी भक्तों के लिए काफी शुभ व फलदायक माना गया है. इसके अलावा अगर शनि जयंती के दिन शनि ग्रह के प्रमुख मंत्र जिसमें शनि गायत्री मंत्र, शनि बीज मंत्र, शनि स्त्रोत, शनि पीड़ा हर स्त्रोत का जाप किया जाए. तो इससे भी भक्तों को बुरे ग्रह के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है और उनका जीवन सुखमय होता है.

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

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सनातन धर्म के अनुसार ज्येष्ठ मास की अमावस्या 5 जून रात 7:54 पर शुरू हो जाएगी और इस तिथि का समापन 6 जून शाम 6:07 पर होगा. ऐसे में उदय तिथि के अनुसार शनि जयंती 6 जून को मनाई जाएगी. वहीं, शनि ग्रह की पूजा का समय भी 6 जून को शाम 5:33 से लेकर रात 8:33 तक रहेगा. आचार्य विजय कुमार का कहना है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए काले रंग के अनाज से बनी वस्तुएं चढ़ानी चाहिए. शनि जयंती के दिन भोग में काली उड़द की दाल का हलवा बनाकर भी भोग लगा सकते हैं और उड़द दाल के लड्डू का भोग लगाना भी काफी शुभ माना गया है. इसके अलावा काले तिल के पकवान तथा गुलाब जामुन चढ़ाने से भी शनि ग्रह की अशुभता दूर होती है. इसके साथ ही पितृ दोष भी दूर होता है और शनि ग्रह प्रसन्न होकर भक्तों के सभी कष्ट को दूर करते हैं. इसके अलावा 6 जून को सर्व सिद्धि योग भी बन रहा है और भगवान शनि देव की भी विशेष कृपा अपने भक्तों पर रहेगी.

आचार्य विजय कुमार का कहना है कि शनि देव को न्यायाधीश कहा गया है और सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि जयंती का होना सभी भक्तों के लिए काफी शुभ व फलदायक माना गया है. इसके अलावा अगर शनि जयंती के दिन शनि ग्रह के प्रमुख मंत्र जिसमें शनि गायत्री मंत्र, शनि बीज मंत्र, शनि स्त्रोत, शनि पीड़ा हर स्त्रोत का जाप किया जाए. तो इससे भी भक्तों को बुरे ग्रह के बुरे प्रभाव से मुक्ति मिलती है और उनका जीवन सुखमय होता है.

डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं, ज्योतिष गणना और ज्योतिषविदों की जानकारी के आधार पर है. ETV Bharat इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता.

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Last Updated : Jun 6, 2024, 11:23 AM IST
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