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बुरहानपुर की धरोहरों को 300 विदेशी पर्यटकों ने निहारा, ताजमहल से है शाही किले का संबंध - BURHANPUR HISTORICAL HERITAGE

बुरहानपुर की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी पहुंच रहे हैं. विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन 35 विदेशी टूरिस्ट पहुंचे.

BURHANPUR HISTORICAL HERITAGE
बुरहानपुर की ऐतिहासिक धरोहरें (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 20, 2024, 9:12 PM IST

बुरहानपुर: मुगल बादशाहों के शासनकाल में बनाई गई इमारतों, किलों और अन्य धरोहरों को देखने यहां बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके चलते सप्ताह के पहले दिन देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए किले का भ्रमण पूरी तरह निशुल्क था. 35 विदेशी पर्यटकों ने निशुल्क भ्रमण किया. इसमें जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक शामिल हैं. इन पर्यटकों ने मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज के शाही हमामखाने, दीवाने खास, शाही बाग के साथ ही किले से ताप्ती नदी का खूबसूरत नजारा भी देखा.

ताजमहल से है शाही किले का संबंध

बुरहानपुर के शाही किले का संबंध आगरा के ताजमहल से भी है. दरअसल मुगल शासक शाहजहां अपनी बेगम मुमताज को बेइंतहां प्यार करते थे. बेगम मुमताज का निधन इसी शाही किले में हुआ था. उनके शव को करीब 6 माह तक ताप्ती नदी के दूसरी ओर स्थित आहूखाने में दफना कर रखा गया था. आगरा में ताजमहल तैयार होने के बाद शव को वहां ले जाया गया था. यही वजह है कि विदेशी पर्यटक इस किले को देखने पहुंचते हैं. पुरातत्व विभाग के मुताबिक "हर माह 50 से ज्यादा विदेशी पर्यटक इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने पहुंचते हैं. पिछले 6 महीने में 300 से ज्यादा विदेशी पर्यटकों ने इन धरोहरों को निहारा है."

बुरहानपुर में बड़ी संख्या में पहुंचे विदेशी पर्यटक (ETV Bharat)
Historical monuments Burhanpur
बुरहानपुर की ऐतिहासिक धरोहर (ETV Bharat)

रजिस्टर्ड हैं 25 पुरातात्विक धरोहर

यहां शाही किला, असीरगढ़ किला, काला ताज महल, शाहनवाज खां का मकबरा, आहुखाना, महल गुलारा, राजा जयसिंह की छतरी, बीबी की मस्जिद, बेगम शाहसुजा का मकबरा, आदिल शाह नादिल शाह फारुखी के मकबरे सहित कई अन्य धरोहरें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं. इसके अलावा कई दूसरी धरोहरें भी शामिल हैं. आमतौर पर विदेशी पर्यटकों को इन धरोहर को देखने के लिए 300 रुपये का प्रवेश शुल्क अदा करना पड़ता हैं, जबकि ऑनलाइन टिकट लेने पर 250 रुपये अदा करते है.

world heritage week FIRST DAY
विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन 35 विदेशी टूरिस्ट पहुंचे (ETV Bharat)

'पर्यटन मानचित्र में नहीं है बुरहानपुर'

इतिहासकार मोहम्मद नौशाद का कहना है कि "यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आ रहे हैं. बुरहानपुर को अब तक पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है. यदि यह पर्यटन स्थलों के पहुंच मार्ग से जुड़ जाए तो और ज्यादा संख्या में यहां देसी विदेशी पर्यटक पहुंचेंगे. यहां सुविधाएं बढ़ानी चाहिए. छोटे व्यापारियों को इससे बहुत फायदा होगा. शहर की आमदनी बढ़ेगी. इस कारण इसे पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाना चाहिए."

Burhanpur foreign tourist
बुरहानपुर में विदेशी पर्यटक (ETV Bharat)

बुरहानपुर: मुगल बादशाहों के शासनकाल में बनाई गई इमारतों, किलों और अन्य धरोहरों को देखने यहां बड़ी संख्या में देसी विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. 19 से 25 नवंबर तक विश्व धरोहर सप्ताह मनाया जा रहा है, जिसके चलते सप्ताह के पहले दिन देसी-विदेशी पर्यटकों के लिए किले का भ्रमण पूरी तरह निशुल्क था. 35 विदेशी पर्यटकों ने निशुल्क भ्रमण किया. इसमें जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के पर्यटक शामिल हैं. इन पर्यटकों ने मुगल बादशाह शाहजहां की बेगम मुमताज के शाही हमामखाने, दीवाने खास, शाही बाग के साथ ही किले से ताप्ती नदी का खूबसूरत नजारा भी देखा.

ताजमहल से है शाही किले का संबंध

बुरहानपुर के शाही किले का संबंध आगरा के ताजमहल से भी है. दरअसल मुगल शासक शाहजहां अपनी बेगम मुमताज को बेइंतहां प्यार करते थे. बेगम मुमताज का निधन इसी शाही किले में हुआ था. उनके शव को करीब 6 माह तक ताप्ती नदी के दूसरी ओर स्थित आहूखाने में दफना कर रखा गया था. आगरा में ताजमहल तैयार होने के बाद शव को वहां ले जाया गया था. यही वजह है कि विदेशी पर्यटक इस किले को देखने पहुंचते हैं. पुरातत्व विभाग के मुताबिक "हर माह 50 से ज्यादा विदेशी पर्यटक इन ऐतिहासिक धरोहरों को देखने पहुंचते हैं. पिछले 6 महीने में 300 से ज्यादा विदेशी पर्यटकों ने इन धरोहरों को निहारा है."

बुरहानपुर में बड़ी संख्या में पहुंचे विदेशी पर्यटक (ETV Bharat)
Historical monuments Burhanpur
बुरहानपुर की ऐतिहासिक धरोहर (ETV Bharat)

रजिस्टर्ड हैं 25 पुरातात्विक धरोहर

यहां शाही किला, असीरगढ़ किला, काला ताज महल, शाहनवाज खां का मकबरा, आहुखाना, महल गुलारा, राजा जयसिंह की छतरी, बीबी की मस्जिद, बेगम शाहसुजा का मकबरा, आदिल शाह नादिल शाह फारुखी के मकबरे सहित कई अन्य धरोहरें भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हैं. इसके अलावा कई दूसरी धरोहरें भी शामिल हैं. आमतौर पर विदेशी पर्यटकों को इन धरोहर को देखने के लिए 300 रुपये का प्रवेश शुल्क अदा करना पड़ता हैं, जबकि ऑनलाइन टिकट लेने पर 250 रुपये अदा करते है.

world heritage week FIRST DAY
विश्व धरोहर सप्ताह के पहले दिन 35 विदेशी टूरिस्ट पहुंचे (ETV Bharat)

'पर्यटन मानचित्र में नहीं है बुरहानपुर'

इतिहासकार मोहम्मद नौशाद का कहना है कि "यहां बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक आ रहे हैं. बुरहानपुर को अब तक पर्यटन के मानचित्र पर नहीं है. यदि यह पर्यटन स्थलों के पहुंच मार्ग से जुड़ जाए तो और ज्यादा संख्या में यहां देसी विदेशी पर्यटक पहुंचेंगे. यहां सुविधाएं बढ़ानी चाहिए. छोटे व्यापारियों को इससे बहुत फायदा होगा. शहर की आमदनी बढ़ेगी. इस कारण इसे पर्यटन सर्किट से जोड़ा जाना चाहिए."

Burhanpur foreign tourist
बुरहानपुर में विदेशी पर्यटक (ETV Bharat)
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