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गोवर्धन पूजा के बाद पाड़ों की टक्कर, भीम आर्मी ने जताई आपत्ति

बुरहानपुर में पाड़ों के बीच पारंपरिक दंगल. रमजान तड़वी ने कहा, मनोरंजन के लिए पशुओं को लड़ाना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है

burhanpur cattle collision
पाड़ों के बीच पारंपरिक दंगल (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 2, 2024, 9:26 PM IST

बुरहानपुर: जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर शाहपुर थाना स्थित है. यहीं अमरावती नदी के तट पर पाड़ों की टक्कर कराई गई. पाड़ों की टक्कर के आयोजन में आसपास के गांवों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से सैकड़ों पशुपालक अपने पाड़ों के साथ शामिल हुए.

पाड़ों की टक्कर लोगों ने उठाए सवाल

दरअसल, दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही दशकों पुराने पाड़ों की टक्कर का आयोजन भी होता है. इस साल भी पाड़ों की टक्कर कराई गई. भीम आर्मी सेना के जिला उपाध्यक्ष रमजान तड़वी ने पाड़ों की टक्कर के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, "मनोरंजन के लिए पशुओं को लड़ाना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है. इस पर हाईकोर्ट ने पाबंदी के निर्देश दिए हैं, लेकिन शाहपुर में खुलेआम इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं."

पाड़ों के बीच पारंपरिक दंगल (ETV Bharat)

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50 हजार से ज्यादा लोगों हुए शामिल

टक्कर को देखने के लिए कई राज्यों के 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. हालांकि मुख्य रूप से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई इलाकों से लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे. मेले की व्यवस्था संभालने के लिए शाहपुर थाना पुलिस के जवान तैनात थे. भीम आर्मी सेना के जिला उपाध्यक्ष रमजान ने कहा कि यहां खुलेआम पाड़ों की लड़ाई क्यों कराई गई. इस पर प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए ताकि पशु क्रूरता पर लगाम लगाई जा सके.

बुरहानपुर: जिला मुख्यालय से करीब 10 किलोमीटर दूर शाहपुर थाना स्थित है. यहीं अमरावती नदी के तट पर पाड़ों की टक्कर कराई गई. पाड़ों की टक्कर के आयोजन में आसपास के गांवों के साथ-साथ दूसरे राज्यों से सैकड़ों पशुपालक अपने पाड़ों के साथ शामिल हुए.

पाड़ों की टक्कर लोगों ने उठाए सवाल

दरअसल, दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा का आयोजन किया जाता है. इसके साथ ही दशकों पुराने पाड़ों की टक्कर का आयोजन भी होता है. इस साल भी पाड़ों की टक्कर कराई गई. भीम आर्मी सेना के जिला उपाध्यक्ष रमजान तड़वी ने पाड़ों की टक्कर के कार्यक्रम पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा, "मनोरंजन के लिए पशुओं को लड़ाना पशु क्रूरता की श्रेणी में आता है. इस पर हाईकोर्ट ने पाबंदी के निर्देश दिए हैं, लेकिन शाहपुर में खुलेआम इस आदेश की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं."

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50 हजार से ज्यादा लोगों हुए शामिल

टक्कर को देखने के लिए कई राज्यों के 50 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए. हालांकि मुख्य रूप से महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कई इलाकों से लोग बड़ी संख्या में मौजूद थे. मेले की व्यवस्था संभालने के लिए शाहपुर थाना पुलिस के जवान तैनात थे. भीम आर्मी सेना के जिला उपाध्यक्ष रमजान ने कहा कि यहां खुलेआम पाड़ों की लड़ाई क्यों कराई गई. इस पर प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए ताकि पशु क्रूरता पर लगाम लगाई जा सके.

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