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बसपा ने हरिद्वार सीट से जमील अहमद कासमी को दिया लोकसभा चुनाव का टिकट, मायावती ने उतारा पैराशूट प्रत्याशी - Maulana Jameel Ahmed Qasmi

BSP gave ticket to Hazrat Maulana Jameel Ahmed Qasmi from Haridwar seat भावना पांडे के पार्टी छोड़ते ही बसपा ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. बहुजन समाज पार्टी ने मीरापुर विधानसभा सीट से अपने पूर्व विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को हरिद्वार से मैदान में उतारा है. जमील अहमद कासमी का मुकाबला बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत और कांग्रेस के वीरेंद्र सिंह रावत से होगा.

Jameel Ahmed Qasmi
हरिद्वार बसपा प्रत्याशी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 26, 2024, 11:23 AM IST

हरिद्वार: बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर मौलाना पर भरोसा जताया है. बसपा ने धर्मनगरी हरिद्वार में बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस के उम्मीदवार हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और निर्दलीय उमेश कुमार शर्मा के मुकाबले पूर्व विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को चुनाव मैदान में उतारा है.

बसपा ने हरिद्वार से घोषित किया प्रत्याशी: धर्मनगरी हरिद्वार में अब लोकसभा चुनाव की स्थिति धीरे-धीरे साफ होती नजर आ रही है. भाजपा ने जहां उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस लोकसभा चुनाव में अपना कैंडिडेट बनाकर उतारा है, तो वहीं कांग्रेस द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को लोकसभा की सीट का प्रत्याशी घोषित किया गया है. इसी के साथ अब बसपा ने भी अपना उम्मीदवार लोकसभा सीट पर उतार दिया है. जहां पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा भावना पांडे को इस लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारेगी. लेकिन एक बार फिर से मायावती ने चौंकाने वाला फैसला लिया है. उन्होंने मीरापुर विधानसभा सीट से पूर्व बीएसपी विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को हरिद्वार से मैदान में उतारा है.

त्रिकोणीय हुआ हरिद्वार सीट पर मुकाबला: हरिद्वार जिले के सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में दलित और मुस्लिम वोटर विजेता का फैसला करने की स्थिति में हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, हरिद्वार जिले की कुल जनसंख्या 18,90,422 में से 6,48,119 मुस्लिम (34.28%) हैं. इन 11 निर्वाचन क्षेत्रों में 13,05,266 मतदाता हैं और जिले की प्रत्येक विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या औसतन 20% है. रुड़की, पिरान कलियर, भगवानपुर, मंगलौर, खानपुर, ज्वालापुर आदि छह से अधिक निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत 25% तक हो सकता है. मायावती द्वारा इस फैसले को लिए जाने के बाद चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.

कौन हैं जमील अहमद? मौलाना जमील अहमद मुज्ज्फरनगर की मीरपुर सीट से 2012 में विधायक रहे हैं. बसपा के बाद ये 2021 में रालोद जॉइन कर लिए थे. अब दोबारा बसपा में आ गए हैं. जमील अहमद पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार से चुनाव लड़ेंगे.
ये भी पढ़ें: चार दिन पहले भावना पांडे ने ज्वाइन की थी बसपा, होली पर त्रिवेंद्र से मिलीं, आज पार्टी छोड़ दी - Bhavna Pandey

हरिद्वार: बसपा सुप्रीमो मायावती ने हरिद्वार लोकसभा सीट पर मौलाना पर भरोसा जताया है. बसपा ने धर्मनगरी हरिद्वार में बीजेपी के त्रिवेंद्र सिंह रावत, कांग्रेस के उम्मीदवार हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत और निर्दलीय उमेश कुमार शर्मा के मुकाबले पूर्व विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को चुनाव मैदान में उतारा है.

बसपा ने हरिद्वार से घोषित किया प्रत्याशी: धर्मनगरी हरिद्वार में अब लोकसभा चुनाव की स्थिति धीरे-धीरे साफ होती नजर आ रही है. भाजपा ने जहां उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस लोकसभा चुनाव में अपना कैंडिडेट बनाकर उतारा है, तो वहीं कांग्रेस द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के पुत्र वीरेंद्र रावत को लोकसभा की सीट का प्रत्याशी घोषित किया गया है. इसी के साथ अब बसपा ने भी अपना उम्मीदवार लोकसभा सीट पर उतार दिया है. जहां पहले कयास लगाए जा रहे थे कि बसपा भावना पांडे को इस लोकसभा चुनाव में अपना प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतारेगी. लेकिन एक बार फिर से मायावती ने चौंकाने वाला फैसला लिया है. उन्होंने मीरापुर विधानसभा सीट से पूर्व बीएसपी विधायक हज़रत मौलाना जमील अहमद कासमी को हरिद्वार से मैदान में उतारा है.

त्रिकोणीय हुआ हरिद्वार सीट पर मुकाबला: हरिद्वार जिले के सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में दलित और मुस्लिम वोटर विजेता का फैसला करने की स्थिति में हैं. 2011 की जनगणना के अनुसार, हरिद्वार जिले की कुल जनसंख्या 18,90,422 में से 6,48,119 मुस्लिम (34.28%) हैं. इन 11 निर्वाचन क्षेत्रों में 13,05,266 मतदाता हैं और जिले की प्रत्येक विधानसभा सीट पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या औसतन 20% है. रुड़की, पिरान कलियर, भगवानपुर, मंगलौर, खानपुर, ज्वालापुर आदि छह से अधिक निर्वाचन क्षेत्र ऐसे हैं, जहां मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत 25% तक हो सकता है. मायावती द्वारा इस फैसले को लिए जाने के बाद चुनाव त्रिकोणीय हो गया है.

कौन हैं जमील अहमद? मौलाना जमील अहमद मुज्ज्फरनगर की मीरपुर सीट से 2012 में विधायक रहे हैं. बसपा के बाद ये 2021 में रालोद जॉइन कर लिए थे. अब दोबारा बसपा में आ गए हैं. जमील अहमद पैराशूट प्रत्याशी के तौर पर हरिद्वार से चुनाव लड़ेंगे.
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