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कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु', ब्रेन डेड होने के बाद परिजनों ने किया ऑर्गन डोनेट - JHALAWAR MEDICAL COLLGE

झालावाड़ में एक ब्रेन डेड युवक के ऑर्गन्स को ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर, जोधपुर और कोटा भेजा जा रहा है.

कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु'
कई लोगों को जीवनदान दे गए 'विष्णु' (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

झालावाड़ : झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से रविवार को ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन्स डिलोकेट किए गए हैं. ब्रेन डेड हुए युवक के ऑर्गन्स को ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर, जोधपुर और कोटा के मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस से भेजा जा रहा है. 35 वर्षीय युवक के शरीर से दो किडनी, हार्ट, कॉर्निया, लिवर और लंग्स को डिलोकेट कर एसएमएस जयपुर, एम्स जोधपुर, मेडिकल कॉलेज कोटा में अन्य मरीजों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जिससे उन्हें नया जीवन मिल सकेगा.

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में विष्णु प्रसाद के ऑर्गन्स को डिलोकेट कर एयर एंबुलेंस के माध्यम से एसएमएस जयपुर तथा एम्स जोधपुर भेजा जा रहा है. : चंद्र ज्योति शर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी

ब्रेन डेड कमेटी का गठन : न्यूरो सर्जन रामसेवक योगी ने बताया कि झालावाड़ के मानपुरा पिपाधाम निवासी विष्णु प्रसाद को घायल अवस्था में इलाज के लिए 11 दिसम्बर को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. ऑपरेशन के दौरान युवक ब्रेन डेड हो गया. इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें युवक के ब्रेन डेड होने की घोषणा की गई. जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और अन्य सीनियर चिकित्सकों की मौजूदगी में मृतक के पिता और उसकी पत्नी अनिता की काउंसलिंग की गई, जिसमें युवक के ऑर्गन डिलोकेट करने की सहमति लेकर गई परिवार को इसके लिए राजी किया गया.

Organs transplant (VIDEO ETV BHARAT JHALAWAR)

पढ़ें. SMS अस्पताल में हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, 37 वर्षीय मरीज को मिला नया जीवनदान

ऑर्गन डोनेशन ऑप्टिमाइज कमेटी का गठन : उन्होंने बताया कि ऑर्गन डिलोकेट के पहले युवक के ऑर्गन्स को जिंदा रखना चुनौती है. ऐसे में डॉक्टर राजेंद्र नंदा और डॉ. सारथी सहित मेडिकल कॉलेज के करीब 25 चिकित्सकों की टीम ने इस पर हार्ड वर्क किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान युवक की कई डिपार्टमेंट जैसे पैथोलॉजी बायोकेमिस्ट्री और अन्य लेबोरेटरी में कई तरह के जांच और नमूनों को टेस्ट किया गया. मेडिकल कॉलेज के कोऑर्डिनेटर विशाल नैनीवाल अखिलेश मीना केशव और आसिफ की ओर से सोटो (स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) टीम के साथ कोऑर्डिनेट कर ऑर्गन्स का एलॉक्वेट करवाए गए.

क्या है स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTO) : बता दें कि सोटो प्रदेश में होने वाले हर ट्रांसप्लांट के बारे में पूरी जानकारी रखती है. प्रदेश के किसी भी अस्पताल से होने वाले ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जानकारी सोटो साइट पर अपडेट कर चिकित्सा विभाग को देनी होती है.

झालावाड़ : झालावाड़ मेडिकल कॉलेज से रविवार को ट्रांसप्लांट के लिए ऑर्गन्स डिलोकेट किए गए हैं. ब्रेन डेड हुए युवक के ऑर्गन्स को ट्रांसप्लांट के लिए जयपुर, जोधपुर और कोटा के मेडिकल कॉलेज में एम्बुलेंस से भेजा जा रहा है. 35 वर्षीय युवक के शरीर से दो किडनी, हार्ट, कॉर्निया, लिवर और लंग्स को डिलोकेट कर एसएमएस जयपुर, एम्स जोधपुर, मेडिकल कॉलेज कोटा में अन्य मरीजों को ट्रांसप्लांट किया जाएगा, जिससे उन्हें नया जीवन मिल सकेगा.

झालावाड़ मेडिकल कॉलेज में विष्णु प्रसाद के ऑर्गन्स को डिलोकेट कर एयर एंबुलेंस के माध्यम से एसएमएस जयपुर तथा एम्स जोधपुर भेजा जा रहा है. : चंद्र ज्योति शर्मा, कोतवाली थाना प्रभारी

ब्रेन डेड कमेटी का गठन : न्यूरो सर्जन रामसेवक योगी ने बताया कि झालावाड़ के मानपुरा पिपाधाम निवासी विष्णु प्रसाद को घायल अवस्था में इलाज के लिए 11 दिसम्बर को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. ऑपरेशन के दौरान युवक ब्रेन डेड हो गया. इसके बाद एक कमेटी का गठन किया गया, जिसमें युवक के ब्रेन डेड होने की घोषणा की गई. जिला कलेक्टर अजय सिंह राठौड़ और अन्य सीनियर चिकित्सकों की मौजूदगी में मृतक के पिता और उसकी पत्नी अनिता की काउंसलिंग की गई, जिसमें युवक के ऑर्गन डिलोकेट करने की सहमति लेकर गई परिवार को इसके लिए राजी किया गया.

Organs transplant (VIDEO ETV BHARAT JHALAWAR)

पढ़ें. SMS अस्पताल में हुआ लीवर ट्रांसप्लांट, 37 वर्षीय मरीज को मिला नया जीवनदान

ऑर्गन डोनेशन ऑप्टिमाइज कमेटी का गठन : उन्होंने बताया कि ऑर्गन डिलोकेट के पहले युवक के ऑर्गन्स को जिंदा रखना चुनौती है. ऐसे में डॉक्टर राजेंद्र नंदा और डॉ. सारथी सहित मेडिकल कॉलेज के करीब 25 चिकित्सकों की टीम ने इस पर हार्ड वर्क किया. उन्होंने कहा कि इस दौरान युवक की कई डिपार्टमेंट जैसे पैथोलॉजी बायोकेमिस्ट्री और अन्य लेबोरेटरी में कई तरह के जांच और नमूनों को टेस्ट किया गया. मेडिकल कॉलेज के कोऑर्डिनेटर विशाल नैनीवाल अखिलेश मीना केशव और आसिफ की ओर से सोटो (स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) टीम के साथ कोऑर्डिनेट कर ऑर्गन्स का एलॉक्वेट करवाए गए.

क्या है स्टेट ऑर्गन ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन (SOTO) : बता दें कि सोटो प्रदेश में होने वाले हर ट्रांसप्लांट के बारे में पूरी जानकारी रखती है. प्रदेश के किसी भी अस्पताल से होने वाले ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जानकारी सोटो साइट पर अपडेट कर चिकित्सा विभाग को देनी होती है.

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