देहरादून: उत्तराखंड में हुए लोकसभा चुनाव नतीजों में बीजेपी को बंपर बहुमत मिला है. उत्तराखंड में लोकसभा की पांचों सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस के हाथ इस बार भी मायूसी हाथ लगी है. उत्तराखंड में कांग्रेस पिछले 15 सालों से जीत के लिए तरस गई है. इस लोकसभा चुनाव में कई नेताओं की सियासत दांव पर थी. इसमें सीएम धामी धामी, महेंद्र भट्ट, रमेश पोखरियाल निशंक को चुनावी नतीजों से राहत मिली है. वहीं, हरीश रावत की परेशानियां आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं.
बता दें लोकसभा चुनाव में बीजेपी की इस जीत में सीएम धामी की बड़ी भूमिका रही है. सीएम धामी ने चुनाव के दौरान शासकीय कामों के साथ कई रैलियां की. भारतीय जनता पार्टी 2014 और फिर 2019 में लगातार दो बार प्रदेश की सभी पांचों सीटें जीत चुकी थी. ऐसे में सीएम धामी के सामने भाजपा की जीत बड़ी चुनौती थी. जिसे सीएम धामी ने बखूबी निभाया है.
इसके साथ ही हरिद्वार लोकसभा सीट पर रमेश पोखरियाल के सामने भी त्रिवेंद्र सिंह रावत को जिताना बड़ी चुनौती थी. हरिद्वार लोकसभा की अधिकतर विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. यहां बीजेपी में कलह की भी खबरें थी, ऐसे में रमेश पोखरियाल के सामने पार्टी नेताओं को एकजुट करना बड़ा काम था. साथ ही त्रिवेंद्र सिंह की जीत भी निशंक के लिए आसान नहीं था, मगर अपने रणनीतिक कौशल से रमेश पोखरियाल निशंक ने इसे सफल कर दिखाया. तमाम उहापोह की खबरों के बीच हरिद्वार लोकसभा सीट से त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जीत दर्ज की. जिससे निशंक ने भी अपनी परीक्षा पास की.
इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के लिए भी ये लोकसभा चुनाव साख का सवाल था. लोकसभा चुनाव से पहले ही बीजेपी ने महेंद्र भट्ट को राज्यसभा भेज दिया. इसके बाद भी उन्हें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया. चुनावों को देखते हुए ऐसा किया गया. ऐसे में इस लोकसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करना महेंद्र भट्ट के लिए जरूरी हो गया था. अब सामने आये नतीजों से महेंद्र भट्ट काफी खुश हैं.
हरीश रावत की साख दांव पर: उत्तराखंड लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है. कांग्रेस को हरिद्वार लोकसभा सीट से बहुत उम्मीदें थी. यहां से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेटे वीरेंद्र रावत चुनाव लड़ रहे थे. हरीश रावत हाईकमान से बेटे के लिए टिकट मांग कर लाये थे.ऐसे में माना जा रहा था कि हरिद्वार से हरीश रावत की चुनाव लड़ रहे हैं. अब चुनावी नतीजों में कांग्रेस की हार हुई है. हरिद्वार से वीरेंद्र सिंह चुनाव हार गये हैं. ये हार सीधे तौर पर हरीश रावत की है.
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