अजमेर. लोकसभा चुनाव के नतीजे सामने आते जा रहे हैं. अजमेर में भाजपा ने शानदार जीत दर्ज करवाई है. उन्होंने तीन लाख 29 हजार 991 वोटों से जीत हासिल की. भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी की राजस्थान में सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. चौधरी लोकसभा क्षेत्र की सभी आठों विधानसभा सीट से जीते हैं. खास बात यह है कि उन्होंने किशनगढ़ से विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त खाने के बाद लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की है. इससे पहले 2019 में भागीरथ चौधरी ने 4 लाख 12 हजार मतों से चुनाव जीता था.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने अपनी जीत का श्रेय कार्यकर्ताओं, स्थानीय नेताओं और क्षेत्र की जनता को दिया है. चौधरी ने कहा कि अजमेर लोकसभा क्षेत्र में विकास की गति को आगे बढ़ाएंगे. चौधरी ने कहा कि जिस विश्वास से जनता ने आशीर्वाद दिया है, उस पर मैं खरा उतरने का प्रयास करुंगा. उन्होंने कहा कि आठों विधानसभा क्षेत्र में विकास में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी. चौधरी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में पहले जन विरोधी सरकार थी. गहलोत सरकार ईआरसीपी को अटकाए रही. मेड़ता पुष्कर रेल लाइन, अजमेर बूंदी वाया कोटा रेल लाइन, हर घर में नल हर नल में जल की व्यवस्था होगी.
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मंगलवार को आए चुनावी नतीजों में भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने 3 लाख 27 हजार 466 मतों से जीत हासिल की है. भागीरथ चौधरी को 7 लाख 47 हजार 462 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी को 4 लाख 17 हजार 471 वोट मिले. बता दें कि लोकसभा चुनाव में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे. अजमेर लोकसभा चुनाव को लेकर हुए मतदान में 11 लाख 90 हजार 576 मतदाताओं और पोस्टल बैलट में 10 हजार 603 के माध्यम से मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.अजमेर लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी की जीत प्रदेश में दूसरी सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है. रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल करने के बाद भागीरथ चौधरी खुश नजर आए. वहीं अजमेर भाजपा कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल है.
विधानसभावार आंकड़े:
अजमेर लोकसभा क्षेत्र में आठ विधानसभा क्षेत्र है. मतगणना की शुरुआत से ही भाजपा ने मसूदा को छोड़कर सभी 7 विधानसभा में बढ़त बना रखी थी. मसूदा विधानसभा क्षेत्र में 9 राउंड तक कांग्रेस प्रत्याशी चंद वोटों से आगे चल रहे थे. इसके बाद भाजपा ने यहां भी बढ़त बनाई.
- दूदू में भाजपा को 80 हजार 703 और कांग्रेस को 53 हजार 787 वोट मिले. यहां भाजपा 26 हजार 916 मतों से भाजपा जीती है.
- किशनगढ़ में भाजपा को 1 लाख 7 हजार 716 और कांग्रेस को 56 हज़ार 671 वोट मिले. यहां 51 हजार 45 मतों से भाजपा जीती है.
- पुष्कर में भाजपा को 95 हजार 780 और कांग्रेस को 52 हजार 244 वोट मिले. 43 हजार 536 मतों से भाजपा जीती है.
- अजमेर उत्तर में भाजपा को 88 हजार 271 और कांग्रेस को 45 हजार 148 मत मिले. यहां 43 हजार 123 मतों से भाजपा जीती है.
- अजमेर दक्षिण में भाजपा को 83 हजार 643 और कांग्रेस को 48 हजार वोट मिले. यहां 35 हजार 643 मतों से भाजपा जीती है.
- नसीराबाद में भाजपा को 89 हजार 146 और कांग्रेस को 47 हजार 749 वोट मिले. यहां 41 हजार 397 मतों से भाजपा जीती है।
- मसूदा से भाजपा को 97 हजार 421 और कांग्रेस को 59 हजार 47 वोट मिले. यहां 38 हजार 374 मतों से भाजपा जीती है.
- केकड़ी में भाजपा को 98 हजार 471 और 51 हजार 39 वोट मिले है. यहां 47 हजार 432 मतों से भाजपा जीती है.
भाजपा ने हार को बदला जीत में : भाजपा प्रत्याशी भागीरथ चौधरी ने विगत विधानसभा चुनाव किशनगढ़ से लड़ा था. चौधरी को यहां करारी शिकस्त मिली थी और वह तीसरे नंबर पर रहे थे. सांसद रहते हुए विधानसभा चुनाव भागीरथ चौधरी हार गए थे. इसलिए यही माना जा रहा था कि उन्हें टिकट नहीं मिलेगा, लेकिन हार के बाद भी भाजपा ने भागीरथ चौधरी पर भरोसा जताया. भागीरथ चौधरी अपने गृह क्षेत्र किशनगढ़ से सबसे अधिक मतों से जीते. किशनगढ़ में उन्हें 51 हजार 45 मत मिले है. जबकि सबसे कम अंतर से जीत दूदू में हुई है. यहां भाजपा को 26 हजार 916 मतों से जीत मिली है.
शुरू से रही बढ़त: सुबह 8 बजे मतगणना शुरू होने के साथ ही बीजेपी ने पोस्टल बैलट, सर्विस बैलेट और ईवीएम मतों में बढ़त बनाए रखी. लोक सभा क्षेत्र की आठों विधानसभा दूदू किशनगढ़, पुष्कर,अजमेर नॉर्थ, अजमेर साउथ, नसीराबाद, मसूदा और केकड़ी में बढ़त बनाए रखी.
एकजुट नजर आई भाजपा: लोकसभा चुनाव में भाजपा पूरी तरह से नजर आई. देहात के अध्यक्ष, सातों विधानसभा के विधायक, मंडल अध्यक्ष, बूथ अध्यक्ष, महिला मोर्चा, युवा मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, एसटी एससी मोर्चा और विभिन्न प्रकोष्ठ चुनाव में सक्रिय नजर आए.
कांग्रेस को ले डूबी गुटबाजी: अजमेर में कांग्रेस में गुटबाजी काफी पुरानी है. अजमेर में कांग्रेस नेताओं के बीच की गुटबाजी आलाकमान से भी नहीं छुपी हुई. यही वजह है कि अजमेर में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 8 सीटों में से एक मात्र सीट हासिल हुई थी, जबकि लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी.
रामचन्द्र चौधरी नहीं जीत पाए एक भी चुनाव: रामचंद्र चौधरी 40 वर्षों से कांग्रेस के स्थानीय राजनीति में सक्रिय है. वहीं 30 वर्षों से अजमेर सरस डेयरी में अध्यक्ष हैं. रामचंद्र चौधरी तीन बार मसूदा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन सभी चुनाव वह हारे थे. इस बार लोकसभा चुनाव भी कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र चौधरी रिकॉर्ड मतों से हार गए.