नई दिल्लीः दिल्ली विधानसभा में सीएजी की रिपोर्ट पेश करने के लिए नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता की समेत अन्य भाजपा के विधायकों ने विधानसभा प्रांगण में धरना प्रदर्शन दिया. साथ ही, विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर सीएजी की सभी 14 रिपोर्ट को सदन पटल में रखने की मांग की. विधायकों ने अपने हाथ में तख्तियां ली हुईं थी जिन पर ‘विधानसभा का सत्र बुलाओ, CAG रिपोर्ट सदन में लाओ’ और CAG रिपोर्ट मत दबाओ, विधानसभा का सत्र बुलाओ, सीएजी रिपोर्ट सदन में लाओ’ जैसे नारे लिखे हुए थे.
इस प्रदर्शन में नेता प्रतिपक्ष के साथ भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओम प्रकाश शर्मा, अभय वर्मा, अजय महावर, जितेंद्र महाजन और अनिल वाजपेयी भी उपस्थित थे. विजेंद्र गुप्ता ने आप सरकार पर अपने भ्रष्टाचार और वित्तीय कारगुजारियों को छुपाने के मकसद से जानबूझकर सीएजी की रिपोर्ट को सदन पटल में न रखने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों से भाग रही है और अपने भ्रष्टाचार की पोल खुलने के डर से हाई कोर्ट तक के आदेश को धता बताने पर उतारू है. भाजपा विधायकों ने सरकार पर लोकतंत्र की दिनदहाड़े हत्या करने का आरोप लगाया और कहा कि सरकार अपने तानाशाही तरीके से सदन को चलाती रही है और भाजपा विधायकों को सदन में जनहित के मुद्दों पर चर्चा नहीं करने देती है.
विपक्ष के विधायक पिछले दो सत्रों में लगातार कैग की रिपोर्ट्स को सदन पटल पर रखने की मांग करते रहे हैं, लेकिन सरकार ने उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया और विरोध करने पर उनके माइक बंद कर दिए गए और मार्शल आउट कर दिया गया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उनकी आवाज़ को लगातार दबाया गया और कैग की रिपोर्ट को सदन में रखने की उनकी मांग को सरकार अनसुना करती रही. मजबूरन भाजपा विधायक दल को हाई कोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी. जिस पर सुनवाई के दौरान सरकार ने 2-3 दिन के अंदर ही सीएजी की रिपोर्ट्स को सदन में रखने का आश्वासन कोर्ट के समक्ष दिया.
ये है पूरा मामला
बता दें कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी मुख्यमंत्री आतिशी को पत्र लिखकर 19-20 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने और उसमें रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा, बावजूद इसके सरकार ने अभी तक सत्र बुलाने की कोई घोषणा नहीं की है. सरकार द्वारा ऐसा करना न केवल लोकतंत्र का उपहास है बल्कि न्यायपालिका के प्रति उसके अनादर का भी सूचक भी है. उन्होंने कहा कि सरकार की यह मनमानी और तानाशाही किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं की जाएगी और विपक्ष सड़कों पर आंदोलन चलाएगा और सरकार को मजबूर कर देगा कि वह विशेष सत्र बुलाकर कैग की रिपोर्ट्स को सदन के पटल पर रखे. अगर तब भी सरकार ने ये रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं की तो विपक्ष फिर से हाई कोर्ट की शरण लेगा. सरकार ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया कि ये रिपोर्ट 2-3 दिनों के भीतर अध्यक्ष को भेजी जाएंगी और यह भी बताया कि शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया जा चुका है और सत्र बुलाने का अधिकार अध्यक्ष के पास है. उपराज्यपाल ने भी 17 दिसंबर 2024 को मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को पत्र लिखकर 19-20 दिसंबर 2024 को विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाकर इन रिपोर्ट को प्रस्तुत करने का सुझाव दिया है.
भाजपा विधायक दल ने विधानसभा अध्यक्ष को दिया ज्ञापन
विधानसभा परिसर में सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपना विरोध जताने के बाद भाजपा के सभी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल से भेंट कर उन्हें ज्ञापन सौंपा और विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर उसमें सरकार को कैग की सभी 14 रिपोर्ट्स पेश करने का आदेश देने की मांग की.
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