शिमला: हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के पूर्व 6 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया है. जिसके बाद सियासत गरमा गई है. वहीं, कांग्रेस सरकार ने इसको देखते हुए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है जो कि राजनीतिक और आर्थिक मामलों पर नजर रखेगी. इसको लेकर भाजपा ने निशाना साधा है और इसे डैमेज कंट्रोल कर दिया है.
'कांग्रेस ने सभी विधायकों को सर्विलांस पर रखा'
भाजपा विधायक रीना कश्यप ने कहा कि कांग्रेस के अयोग्य छह और तीन निर्दलीय विधायकों के भाजपा में जाने के बाद राज्य सरकार ने राजनीतिक मामलों पर एक कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया है. यह साफ दर्शाता है कि कांग्रेस सरकार को अभी भी डर लग रहा है कि उनके कोई विधायक पार्टी छोड़ ना जाए. एक-एक विधायक को सर्विलांस के अंदर रखा गया है. इस समिति अध्यक्ष उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री होंगे. तीन मंत्रियों को सदस्य बनाया गया है. राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने शनिवार को इसकी अधिसूचना जारी की है. यह मंत्रिमंडलीय उप समिति राज्य में राजनीतिक विषयों के अलावा आर्थिक मामलों को भी देखेगी. इसके सदस्य कृषि मंत्री चंद्र कुमार, उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी होंगे. इस संबंध में सभी प्रशासनिक सचिवों को भी सूचित कर दिया गया है. शायद डैमेज कंट्रोल के लिए यह मंत्रिमंडलीय उप समिति बनाई गई है.
'कुप्रबंधन के लिए जानी जाएगी कांग्रेस सरकार'
भाजपा विधायक रीना कश्यप ने कहा कि हिमाचल सरकार ने मार्च के महीने में ही दूसरी बार लोन लेने का फैसला किया है. इस वित्त वर्ष में लोन की आखिरी किस्त के तौर पर 672 करोड़ रुपये उठाए जा रहे हैं. इस वित्त वर्ष के लिए दी गई लोन लिमिट का 100 फीसदी इस्तेमाल करना पड़ा है. इस धनराशि को मिलाकर इस वित्त वर्ष में करीब 8072 करोड़ का लोन सरकार ने उठाया है. इससे पहले इसी महीने 1100 करोड़ का लोन लिया गया था. पिछले वित्त वर्ष में सरकार ने 14000 करोड़ का लोन लिया है. अगर हिमाचल प्रदेश में कुप्रबंधन के लिए कोई सरकार जानी जाएगी तो वह केवल कांग्रेस पार्टी की सरकार ही होगी.
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