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केजरीवाल के शीशमहल में कहां से आया गोल्ड प्लेटेड कमोड और वॉश बेसिन, भाजपा ने LG से की जांच की मांग - VIJENDRA GUPTA ALLEGES KEJRIWAL

-केजरीवाल के शीशमहल में गोल्ड प्लेटेड कमोड -विजेंद्र गुप्ता ने लगाए कई आरोप. एलजी से की जांच की मांग

केजरीवाल आवास मामला
केजरीवाल आवास मामला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 20, 2024, 4:31 PM IST

Updated : Nov 20, 2024, 5:05 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास, जिसे बीजेपी नेताओं ने शीशमहल नाम दिया है, उसको लेकर उपराज्यपाल से नई शिकायत की गई है. दरअसल, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगते हुए उपराज्यपाल से शिकायत की है कि पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज बताते हैं कि अप्रैल 2022 के बाद वहां कोई काम नहीं हुआ. तो फिर 'शीशमहल' में लगी बेशुमार सुविधाएं कहां से आईं. सबसे चौंकाने वाली बात है सोने की परत वाला कमोड और बेसिन. उन्होंने आशंका जताई कि केजरीवाल इसे खाली करते समय साथ ले गए, आखिर क्यों? क्या ये सबूत मिटाने की कोशिश थी?

उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि शीशमहल का खुलासा जबसे हुआ है, तब से भ्रष्टाचार की परत दर परत सामने आ रही है. अभी तक पूरे मामले में जब अरविंद केजरीवाल के बंगले खाली करने के बाद जो सूची आई थी, कहा जा रहा था कि उसमें करोड़ों रुपए का सामान हैं, यहां तक की गोल्ड प्लेटेड कमोड और गोल्ड प्लेटेड वॉश बेसिन तक सामने आया है, यह कहां से आया. क्योंकि जब हमने देखा कि अप्रैल 2022 जब उनको यह सरकारी आवास पीडब्ल्यूडी ने नए सिरे से बनाकर हैंडोवर किया, उस समय जो सामान लगा हुआ था वह बहुत कम है.

किसने किए करोड़ों रुपये खर्च: नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जैसे की जिम का एक भी सामान इसमें दिखाई नहीं दिया. लेकिन 2024 में शीशमहल में सेकंड फ्लोर पर एक बहुत आलीशान जिम लगाया गया था, 28 लाख की टीवी, गोल्ड प्लेटेड कमोड और वॉश बेसिन लगाया गया है, यह सब कहां से आया? पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज के अनुसार, यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं दिया. 2022 से 2024 के बीच में जब केजरीवाल वहां रह रहे थे तो किसने उनके सरकारी आवास को सजाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए? उनके बदले में उन्हें क्या फायदा दिया गया. उन्होंने ऐसा क्यों किया?

2022 के बाद कुछ नहीं हुआ सप्लाई: अब यह पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद साफ है कि जो शराब घोटाले में जो रिश्वत ली गई, उसे शीश महल में बहुत सारी महंगी-महंगी चीज लगाई गई. क्योंकि पीडब्ल्यूडी की इन्वेंटरी और जब इस सरकारी आवास को केजरीवाल ने खाली किया उस समय की इन्वेंटरी ली गई तो, जो समान मिले, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि अप्रैल 2022 के बाद विभाग ने कोई आइटम सप्लाई नहीं किया. लेकिन उस दौरान जब केजरीवाल रह रहे थे तब उसके अंदर सजावट की गई. जो महंगे-महंगे टीवी सेट लगाया गया है, वह कहां से आया? कौन-लोग इसमें लगे हुए थे, बदले में क्या फायदा दिया गया.

आतिशी को दिया गया था यह आवास: नेता विपक्ष ने इस पूरे मामले पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मांग की है इन सब की जांच होनी चाहिए और वह लोग सामने आने चाहिए जिन्होंने शीशमहल पर करोड़ों रुपए पर खर्च किए. बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास बीते दिनों नवरात्रि में खाली कर दिया था और वर्तमान में वह पार्टी के सांसद को मिले बंगले के अतिथि गृह में परिवार संग रह रहे हैं. उसके बाद इस शीशमहल में मुख्यमंत्री बनी आतिशी रहने गई. लेकिन पीडब्ल्यूडी ने नियमानुसार यह सरकारी आवास हैंडोवर न मिलने की बात कही. जब इसका हैंडोवर पीडब्ल्यूडी को मिला तब यहां की सभी चीजों की एक सूची बनाई गई और फिर विधिवत यह सरकारी आवास मुख्यमंत्री आतिशी को रहने के लिए दे दिया गया. हालांकि आतिशी अभी तक इस सरकारी आवास में रहने नहीं गई है.

विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र (ETV Bharat)
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र (ETV Bharat)

यह भी पढ़ें- 'शीशमहल' पर बढ़ सकती हैं अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें, अब लोक निर्माण विभाग करेगा जांच

यह भी पढ़ें- दिल्ली आबकारी घोटाला मामला: ED के चार्जशीट पर संज्ञान लेने के खिलाफ केजरीवाल पहुंचे हाईकोर्ट, सुनवाई कल

नई दिल्ली: दिल्ली के सिविल लाइंस स्थित सरकारी आवास, जिसे बीजेपी नेताओं ने शीशमहल नाम दिया है, उसको लेकर उपराज्यपाल से नई शिकायत की गई है. दरअसल, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगते हुए उपराज्यपाल से शिकायत की है कि पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज बताते हैं कि अप्रैल 2022 के बाद वहां कोई काम नहीं हुआ. तो फिर 'शीशमहल' में लगी बेशुमार सुविधाएं कहां से आईं. सबसे चौंकाने वाली बात है सोने की परत वाला कमोड और बेसिन. उन्होंने आशंका जताई कि केजरीवाल इसे खाली करते समय साथ ले गए, आखिर क्यों? क्या ये सबूत मिटाने की कोशिश थी?

उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि शीशमहल का खुलासा जबसे हुआ है, तब से भ्रष्टाचार की परत दर परत सामने आ रही है. अभी तक पूरे मामले में जब अरविंद केजरीवाल के बंगले खाली करने के बाद जो सूची आई थी, कहा जा रहा था कि उसमें करोड़ों रुपए का सामान हैं, यहां तक की गोल्ड प्लेटेड कमोड और गोल्ड प्लेटेड वॉश बेसिन तक सामने आया है, यह कहां से आया. क्योंकि जब हमने देखा कि अप्रैल 2022 जब उनको यह सरकारी आवास पीडब्ल्यूडी ने नए सिरे से बनाकर हैंडोवर किया, उस समय जो सामान लगा हुआ था वह बहुत कम है.

किसने किए करोड़ों रुपये खर्च: नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जैसे की जिम का एक भी सामान इसमें दिखाई नहीं दिया. लेकिन 2024 में शीशमहल में सेकंड फ्लोर पर एक बहुत आलीशान जिम लगाया गया था, 28 लाख की टीवी, गोल्ड प्लेटेड कमोड और वॉश बेसिन लगाया गया है, यह सब कहां से आया? पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज के अनुसार, यह पीडब्ल्यूडी ने नहीं दिया. 2022 से 2024 के बीच में जब केजरीवाल वहां रह रहे थे तो किसने उनके सरकारी आवास को सजाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च किए? उनके बदले में उन्हें क्या फायदा दिया गया. उन्होंने ऐसा क्यों किया?

2022 के बाद कुछ नहीं हुआ सप्लाई: अब यह पूरा मामला प्रकाश में आने के बाद साफ है कि जो शराब घोटाले में जो रिश्वत ली गई, उसे शीश महल में बहुत सारी महंगी-महंगी चीज लगाई गई. क्योंकि पीडब्ल्यूडी की इन्वेंटरी और जब इस सरकारी आवास को केजरीवाल ने खाली किया उस समय की इन्वेंटरी ली गई तो, जो समान मिले, पीडब्ल्यूडी का कहना है कि अप्रैल 2022 के बाद विभाग ने कोई आइटम सप्लाई नहीं किया. लेकिन उस दौरान जब केजरीवाल रह रहे थे तब उसके अंदर सजावट की गई. जो महंगे-महंगे टीवी सेट लगाया गया है, वह कहां से आया? कौन-लोग इसमें लगे हुए थे, बदले में क्या फायदा दिया गया.

आतिशी को दिया गया था यह आवास: नेता विपक्ष ने इस पूरे मामले पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर मांग की है इन सब की जांच होनी चाहिए और वह लोग सामने आने चाहिए जिन्होंने शीशमहल पर करोड़ों रुपए पर खर्च किए. बता दें कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने सरकारी आवास बीते दिनों नवरात्रि में खाली कर दिया था और वर्तमान में वह पार्टी के सांसद को मिले बंगले के अतिथि गृह में परिवार संग रह रहे हैं. उसके बाद इस शीशमहल में मुख्यमंत्री बनी आतिशी रहने गई. लेकिन पीडब्ल्यूडी ने नियमानुसार यह सरकारी आवास हैंडोवर न मिलने की बात कही. जब इसका हैंडोवर पीडब्ल्यूडी को मिला तब यहां की सभी चीजों की एक सूची बनाई गई और फिर विधिवत यह सरकारी आवास मुख्यमंत्री आतिशी को रहने के लिए दे दिया गया. हालांकि आतिशी अभी तक इस सरकारी आवास में रहने नहीं गई है.

विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र (ETV Bharat)
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र
विजेंद्र गुप्ता ने एलजी को लिखा पत्र (ETV Bharat)

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Last Updated : Nov 20, 2024, 5:05 PM IST
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