जयपुर. प्रदेश में किसानों की जमीन नीलामी का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है. हनुमानगढ़ सहकारी बैंक की ओर से किसानों की जमीन नीलामी के नोटिस पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने भाजपा सरकार को निशाने पर लिया तो बचाव में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ उतर आए. राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय पर सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि नोटिस को लेकर सरकार के पास कोई जानकारी नहीं थी. जैसे ही जानकारी में आया उसके तुरंत बाद नीलामी को रद्द करवा दिया गया है. अशोक गहलोत तथ्यहीन और बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं, किसानों को नोटिस मिलना गत कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों की देन है.
नोटिस कांग्रेस की देन : पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने किसानों की 5 एकड़ कृषि भूमि नीलाम नहीं होने के संबंध में नवंबर 2020 में विधानसभा में बिल पारित करवाया था. अब वे कह रहे हैं कि राजस्थान में किसानों की जमीन नीलाम की जा रही है और सरकार को किसानों की कोई परवाह नहीं है, लेकिन हकीकत वो छिपा रहे हैं. गत कांग्रेस सरकार ने विधानसभा में नवंबर 2020 में सिविल प्रक्रिया संहिता (राजस्थान संशोधन) विधेयक, 2020 विधानसभा में पारित करवाया था, जिसके तहत किसानों की 5 एकड़ तक की कृषि भूमि को नीलाम नहीं किए जाने का प्रावधान सरकार ने किया था.
प्रावधान प्रदेश के किसानों के लिए किसी भी प्रकार से उपयोगी साबित नहीं हो सकता है, क्योंकि सरकार ने राजस्थान कृषि ऋण संक्रिया (कठिनाई व निराकरण) अधिनियम 1974 (रोडा एक्ट, 1974) में संशोधन नहीं किया. रोडा एक्ट की धारा 13 में स्पष्ट प्रावधान है कि बैंक ऋणी किसानों से ऋण की वसूली कर सकता है. अगर गत कांग्रेस सरकार की मंशा किसानों की भलाई की होती तो सरकार उस समय रोडा एक्ट 1974 में संशोधन लाती. राठौड़ ने कहा कि भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए इस विधेयक का पुरजोर विरोध किया गया था, क्योंकि सरकार को राजस्थान कृषि ऋण संक्रिया (कठिनाई व निराकरण) अधिनियम 1974 (रोडा एक्ट, 1974) में संशोधन करना चाहिए था. इससे किसानों की ओर से राष्ट्रीयकृत बैंक, अधिसूचित बैंक व ग्रामीण बैंकों से लिए गए अल्पकालीन अवधिपार ऋण माफ हो सकते.
गहलोत बौखला उठे : राठौड़ ने कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की करारी हार से पूर्व सीएम गहलोत बौखला उठे हैं. अब लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा को मिल रहे अभूतपूर्व जनसमर्थन और पीएम मोदी की गारंटियों पर जनता के अटूट विश्वास से घबराकर गहलोत ऐसे बचकाने बयान दे रहे हैं. पीएम मोदी की गारंटी अपने आप में अटल सत्य है. विगत कांग्रेस सरकार ने जन घोषणा पत्र 2018 में पृष्ठ संख्या 3 के बिन्दू संख्या 1 में 10 दिनों में किसानों का कृषि ऋण माफ करने की घोषणा की थी. नवंबर 2018 में तत्कालीन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता में आते ही कहा था कि 1 से 10 तक गिनती बोलूंगा तो किसानों का संपूर्ण कर्जा माफ हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कांग्रेस सरकार को उस समय 66 लाख किसानों का कर्ज माफ करने के लिए 99 हजार 996 करोड़ रुपए की आवश्यकता थी, लेकिन उस समय प्रदेश के 20 लाख किसानों का सिर्फ 14 हजार करोड़ रुपए का कर्जा माफ किया था, जिसमें भी पूर्ववर्ती सरकार के 6 हजार करोड़ रुपए शामिल थे.
मई-जून बिजली की खपत ज्यादा होती : राजेंद्र राठौड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मई-जून माह में बिजली की खपत ज्यादा होती है, इसलिए मांग और आपूर्ति में एक गैप होता है. प्रदेश की भजनलाल सरकार ने विद्युत के मामले में आत्मनिर्भर बनने के लिए केंद्र की ऊर्जा कंपनियों के साथ 2 लाख 24 हजार करोड़ के एमओयू साइन किए हैं. इससे प्रदेश में 31 हजार 825 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा. राठौड़ ने कहा कि भाजपा सपने बुनने का काम नहीं करती, धरातल पर काम करती है. पूर्व सीएम गहलोत ने कहा था कि 23809 मेगावाट बिजली उत्पादन के साथ सरप्लस हो गए हैं, जबकि गहलोत सरकार के समय प्रदेश में जो बिजली संकट गहराया, उससे सब वाकिफ हैं.