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अशोक गहलोत के बयान पर भाजपा नेता का पलटवार, कहा- कांग्रेस छोड़ने वाले ज्यादातर आपके करीबी - BJP Targets Ashok Gehlot

पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान पर भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा ने निशाना साधा है. उन्होंने यहां तक कह दिया कि कांग्रेस में एकमात्र नॉन परफॉर्मिंग एसेट अशोक गहलोत हैं. इसके साथ ही उन्होंने कई सवाल भी दागे हैं.

BJP leader Pandit Suresh Mishra
भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 26, 2024, 6:47 PM IST

भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग एसेट बताया है. इस बयान पर अब भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा ने निशाना साधा है. उन्होंने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के एकमात्र नॉन परफॉर्मिंग एसेट अशोक गहलोत हैं, जो अपनी पार्टी को 25 साल से कमजोर करते आ रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने वाले 90 फीसदी लोग कभी अशोक गहलोत के करीबी रहे थे, जो कुटिल राजनीती से परेशान होकर कांग्रेस छोड़ गए. इसके साथ ही उन्होंने अशोक गहलोत पर कई सवाल भी दागे हैं.

पंडित सुरेश मिश्रा पहले सांगानेर से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. वे सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने अशोक गहलोत से कुछ सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि राजीव गांधी ने आपकी (गहलोत) खराब परफॉर्मेंस और कमजोर संवाद क्षमता के कारण 6 महीने बाद ही मंत्रिमंडल से हटाकर पीसीसी अध्यक्ष बनाकर जयपुर भेज दिया था? क्या यह सही नहीं है कि कांग्रेस जब 1989 में 195 सीटें जीती तब भी आप पीसीसी अध्यक्ष, बिना विधायक हुए राज्य में गृह मंत्री रहते हुए अपनी लोकसभा सीट से बुरी तरह हार गए थे? क्या यह सही नहीं है कि 1991 का लोकसभा चुनाव भी आप राजीव गांधी की हत्या की सहानुभूति की लहर में ही जीत पाए? क्या यह सही नहीं है कि 1998 के विधानसभा चुनाव में आप चेहरा नहीं थे. फिर भी गांधी परिवार की चापलूसी और मदेरणा के खिलाफ षड्यंत्र करके आप मुख्यमंत्री बने?

पढे़ं. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गए नेताओं को गहलोत ने बताया 'नॉन परफॉर्मिंग असेट', बोले-अहंकार की अति भाजपा के पतन का कारण - Ashok Gehlot targets BJP

2003 के चुनाव पर भी पूछा सवाल : पंडित सुरेश मिश्रा ने अशोक गहलोत से सवाल किया कि क्या यह सही नहीं कि आप 2003 में मुख्यमंत्री नं. 1 होने के बाद भी 100 सीटें गंवाकर अपनी पार्टी को 156 से 56 पर गिरा कर दिल्ली चले गए? क्या यह सही नहीं कि आपने सीपी जोशी के नेतृत्व में 2008 में बनी सरकार के नेतृत्व को गांधी परिवार की चापलूसी से चुराकर मुख्यमंत्री का पद हथिया लिया था? क्या यह सही नहीं कि आपने महिपाल मदेरणा को जेल भेजने के लिए अनेक षड्यंत्र किए?

106 से 21 सीट पर आ गई थी कांग्रेस : उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सही नहीं कि आपके नेतृत्व में चली सरकार के निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण आपकी पार्टी 106 से 21 सीटों पर आ गिरी, गांधी परिवार ने आपको सजा देना तो दूर पार्टी का संगठन महासचिव बना दिया? क्या यह सही नहीं कि सचिन पायलट ने 5 साल तक आपकी पार्टी की सरकार लाने के लिये मेहनत की और आपने फिर बिना कुछ किए गांधी परिवार की चापलूसी करके तीसरी बार मुख्यमंत्री पद हथिया लिया? क्या यह सही नहीं कि एक होनहार युवा नेता सचिन पायलट की राजनीतिक हत्या करने के लिए आपने तमाम तरह के षड्यंत्र किए और उनको पदों से हटवा दिया?

पढ़ें. उड़ान योजना में घपला: गहलोत का हमला, कहा-डबल इंजन की सरकार में योजनाएं कमजोर ही नहीं, दूसरे राज्यों में ट्रांसपोर्ट भी हो रहीं

पांच साल में टूटे भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड : पंडित मिश्रा ने गहलोत से पूछा कि क्या यह सही नहीं कि विगत 5 वर्षों में आपके नेतृत्व में चली सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए, जिसके बारे में आपकी पार्टी के अनेक विधायकों ने आरोप लगाए और पत्र लिखे. क्या यह सही नहीं कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के सदस्यों को रीट की परीक्षा का जिम्मा जिस जारोली ने दिया वह आपका खास आदमी था? इस प्रकार सोनिया गांधी को खुश करने के लिए आपने 25 लाख रीट परीक्षार्थियों का जीवन बर्बाद कर दिया. क्या यह सही नहीं कि आपने आरपीएससी को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर राजस्थान की शासन व्यवस्था में अक्षम और भ्रष्ट लोगों की भर्ती का रास्ता खोलकर महापाप नहीं किया.

एक भी पावर प्लांट नहीं लगवाया : उन्होंने पूछा कि क्या यह सही नहीं कि पांच साल में आपने एक भी नया पावर प्लांट स्थापित नहीं किया और निजी क्षेत्र से महंगी बिजली खरीदकर भ्रष्टाचार किया? क्या यह सही नहीं कि आपकी सरकार में जल जीवन मिशन टेंडर घोटाले के कारण आज राजस्थान में पानी के लिए त्राहिमाम हो रहा है, जबकि केंद्र सरकार राजस्थान को 27 हजार करोड़ दे चुकी थी, जो आपसे खर्च नहीं हुए? क्या यह सही नहीं है कि आपकी सरकार सरकारी अस्पतालों में पंखे, कूलर तक उपलब्ध करवाकर नहीं गई और आज जबकि राज्य भाजपा सरकार यह सब काम कर रही है तो प्रश्न उठा रहे हो?

कांग्रेस छोड़ने वालों में ज्यादा गहलोत के करीबी : पंडित सुरेश मिश्रा ने सवाल उठाया कि क्या यह सही नहीं है कि जिनको आप आज नॉन परफॉर्मिंग एसेट कह रहे हैं, इनमें से 90 प्रतिशत लोग आपके निकटतम लोगों में से थे और ये आपकी कुटिल राजनीति से परेशान होकर ही भाजपा में आए है. उन्होंने कहा कि अब भाजपा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शने वाले नहीं हैं. सुशासन और विकास के मॉडल के आधार पर 2028 में भाजपा की एक बार फिर सरकार बनाने का भी उन्होंने दावा किया.

भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने वाले नेताओं को नॉन परफॉर्मिंग एसेट बताया है. इस बयान पर अब भाजपा नेता पंडित सुरेश मिश्रा ने निशाना साधा है. उन्होंने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस के एकमात्र नॉन परफॉर्मिंग एसेट अशोक गहलोत हैं, जो अपनी पार्टी को 25 साल से कमजोर करते आ रहे हैं. कांग्रेस छोड़ने वाले 90 फीसदी लोग कभी अशोक गहलोत के करीबी रहे थे, जो कुटिल राजनीती से परेशान होकर कांग्रेस छोड़ गए. इसके साथ ही उन्होंने अशोक गहलोत पर कई सवाल भी दागे हैं.

पंडित सुरेश मिश्रा पहले सांगानेर से विधानसभा चुनाव भी लड़ा था. वे सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए हैं. उन्होंने अशोक गहलोत से कुछ सवाल भी पूछे हैं. उन्होंने कहा कि क्या यह सही नहीं है कि राजीव गांधी ने आपकी (गहलोत) खराब परफॉर्मेंस और कमजोर संवाद क्षमता के कारण 6 महीने बाद ही मंत्रिमंडल से हटाकर पीसीसी अध्यक्ष बनाकर जयपुर भेज दिया था? क्या यह सही नहीं है कि कांग्रेस जब 1989 में 195 सीटें जीती तब भी आप पीसीसी अध्यक्ष, बिना विधायक हुए राज्य में गृह मंत्री रहते हुए अपनी लोकसभा सीट से बुरी तरह हार गए थे? क्या यह सही नहीं है कि 1991 का लोकसभा चुनाव भी आप राजीव गांधी की हत्या की सहानुभूति की लहर में ही जीत पाए? क्या यह सही नहीं है कि 1998 के विधानसभा चुनाव में आप चेहरा नहीं थे. फिर भी गांधी परिवार की चापलूसी और मदेरणा के खिलाफ षड्यंत्र करके आप मुख्यमंत्री बने?

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2003 के चुनाव पर भी पूछा सवाल : पंडित सुरेश मिश्रा ने अशोक गहलोत से सवाल किया कि क्या यह सही नहीं कि आप 2003 में मुख्यमंत्री नं. 1 होने के बाद भी 100 सीटें गंवाकर अपनी पार्टी को 156 से 56 पर गिरा कर दिल्ली चले गए? क्या यह सही नहीं कि आपने सीपी जोशी के नेतृत्व में 2008 में बनी सरकार के नेतृत्व को गांधी परिवार की चापलूसी से चुराकर मुख्यमंत्री का पद हथिया लिया था? क्या यह सही नहीं कि आपने महिपाल मदेरणा को जेल भेजने के लिए अनेक षड्यंत्र किए?

106 से 21 सीट पर आ गई थी कांग्रेस : उन्होंने सवाल किया कि क्या यह सही नहीं कि आपके नेतृत्व में चली सरकार के निकम्मेपन और भ्रष्टाचार के कारण आपकी पार्टी 106 से 21 सीटों पर आ गिरी, गांधी परिवार ने आपको सजा देना तो दूर पार्टी का संगठन महासचिव बना दिया? क्या यह सही नहीं कि सचिन पायलट ने 5 साल तक आपकी पार्टी की सरकार लाने के लिये मेहनत की और आपने फिर बिना कुछ किए गांधी परिवार की चापलूसी करके तीसरी बार मुख्यमंत्री पद हथिया लिया? क्या यह सही नहीं कि एक होनहार युवा नेता सचिन पायलट की राजनीतिक हत्या करने के लिए आपने तमाम तरह के षड्यंत्र किए और उनको पदों से हटवा दिया?

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पांच साल में टूटे भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड : पंडित मिश्रा ने गहलोत से पूछा कि क्या यह सही नहीं कि विगत 5 वर्षों में आपके नेतृत्व में चली सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड़ दिए, जिसके बारे में आपकी पार्टी के अनेक विधायकों ने आरोप लगाए और पत्र लिखे. क्या यह सही नहीं कि राजीव गांधी स्टडी सर्किल के सदस्यों को रीट की परीक्षा का जिम्मा जिस जारोली ने दिया वह आपका खास आदमी था? इस प्रकार सोनिया गांधी को खुश करने के लिए आपने 25 लाख रीट परीक्षार्थियों का जीवन बर्बाद कर दिया. क्या यह सही नहीं कि आपने आरपीएससी को भ्रष्टाचार का अड्डा बनाकर राजस्थान की शासन व्यवस्था में अक्षम और भ्रष्ट लोगों की भर्ती का रास्ता खोलकर महापाप नहीं किया.

एक भी पावर प्लांट नहीं लगवाया : उन्होंने पूछा कि क्या यह सही नहीं कि पांच साल में आपने एक भी नया पावर प्लांट स्थापित नहीं किया और निजी क्षेत्र से महंगी बिजली खरीदकर भ्रष्टाचार किया? क्या यह सही नहीं कि आपकी सरकार में जल जीवन मिशन टेंडर घोटाले के कारण आज राजस्थान में पानी के लिए त्राहिमाम हो रहा है, जबकि केंद्र सरकार राजस्थान को 27 हजार करोड़ दे चुकी थी, जो आपसे खर्च नहीं हुए? क्या यह सही नहीं है कि आपकी सरकार सरकारी अस्पतालों में पंखे, कूलर तक उपलब्ध करवाकर नहीं गई और आज जबकि राज्य भाजपा सरकार यह सब काम कर रही है तो प्रश्न उठा रहे हो?

कांग्रेस छोड़ने वालों में ज्यादा गहलोत के करीबी : पंडित सुरेश मिश्रा ने सवाल उठाया कि क्या यह सही नहीं है कि जिनको आप आज नॉन परफॉर्मिंग एसेट कह रहे हैं, इनमें से 90 प्रतिशत लोग आपके निकटतम लोगों में से थे और ये आपकी कुटिल राजनीति से परेशान होकर ही भाजपा में आए है. उन्होंने कहा कि अब भाजपा के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भ्रष्टाचार करने वालों को बख्शने वाले नहीं हैं. सुशासन और विकास के मॉडल के आधार पर 2028 में भाजपा की एक बार फिर सरकार बनाने का भी उन्होंने दावा किया.

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