लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के यूपी के बचे हुए 25 टिकट बहुत जल्द घोषित कर दिए जाएंगे. इस संबंध में शुक्रवार को अहम बैठक होगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित यूपी के कई नेता दिल्ली रवाना होंगे.
कयास लगाए जा रहे हैं कि शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी अपने बचे हुए टिकट घोषित कर देगी. हालांकि कई टिकट पर खींचतान का माहौल है. इसलिए टिकट बांटने में विलंब हुआ है. मगर अब मान जा रहा है कि वह घड़ी आ गई है, जब भाजपा के नेताओं की धुकधुकी दूर हो जाएगी.
भारतीय जनता पार्टी की मीडिया विभाग की महत्वपूर्ण बैठक सीतापुर रोड स्थित एक रिसॉर्ट में आयोजित की जा रही थी. इसी दौरान अचानक प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी बैठक छोड़कर प्रदेश कार्यालय पहुंच गए.
कई टिकट पर फंसा पेंच: बरेली, देवरिया, सहारनपुर, कानपुर, सुल्तानपुर, पीलीभीत, मेरठ और रायबरेली सीट को लेकर बहुत अधिक है पेंच फँसा हुआ है. जिसकी वजह से बीजेपी के टिकट को लेकर दूसरी सूची नहीं घोषित नहीं की जा रही है.
भारतीय जनता पार्टी ने अब तक 51 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं, जिनमें से 47 सीटों पर उसने अपने ने वर्तमान सांसदों को ही उम्मीदवारी सौंप दी थी. अगली सूचियां में 25 और उम्मीदवारों की घोषणा की जानी है.
माना जा रहा है कि इन 25 सीटों में जबरदस्त बदलाव होंगे. बाराबंकी से उपेंद्र रावत ने अपना टिकट वापस कर दिया था. उन्होंने कथित अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद टिकट वापस कर दिया गया था.
वरुण और मेनका का टिकट फंसा: सुलतानपुर और पीलीभीत सीट पर मेनका और वरुण गांधी को लेकर जबरदस्त पेंच फंसा हुआ है. पार्टी का एक धड़ा चाहता है की मां बेटे को टिकट मिल जाए. मगर सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी का धड़ादोनों नेताओं को लेकर राजी नहीं है.
वरुण गांधी ने लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी का सांसद रहते हुए विरोध किया है. दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि वरुण की ओर से नामांकन का पर्चा भी खरीद लिया गया है. पीलीभीत से लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद का नाम चर्चा में है. जबकि सुलतानपुर से सरोजनी नगर से विधायक राजेश्वर सिंह और राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला के नाम की चर्चा की जा रही है.
कानपुर सीट पर भी बदलाव संभव: कानपुर सीट पर बदलाव किया जाना है. मगर पुराने नेता सतीश महाना और सत्यदेव पचौरी आमने-सामने हो चुके हैं. जिसकी वजह से तीसरी उम्मीदवार की तलाश तेज है. संगठन से जुड़े किसी पुराने बड़े व्यक्ति को कानपुर से उतर जा सकता है. जिसको लेकर जमकर मशक्कत चल रही है. दूसरी और बरेली सीट पर संतोष गंगवार टिकट न छोड़ने को लेकर अड़े हुए हैं.
इतने वरिष्ठ नेता को किनारे करने को लेकर पार्टी कशमकश में है. इस वजह से बरेली पर भी मसला अटका हुआ है. देवरिया सीट पर भी पूर्व अध्यक्ष रमापति राम त्रिपाठी खड़े हुए हैं. यहां पर पार्टी टिकट काटना चाहती है. टिकट काट कर भारतीय जनता पार्टी किसी युवा नेता को यहां मौका देना चाहती है. मगर रमापति राम त्रिपाठी किसी हाल में भी इस सीट से हटाना नहीं चाहते.