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केंद्रीय सतर्कता आयोग से बीजेपी ने की केजरीवाल की शिकायत, सरकारी आवास में अवैध निर्माण का आरोप

बीजेपी ने केंद्रीय सतर्कता आयुक्त को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि केजरीवाल ने सीएम रहते सरकारी आवास में कई अवैध निर्माण करवाए.

केंद्रीय सतर्कता आयोग से बीजेपी ने की केजरीवाल की शिकायत
केंद्रीय सतर्कता आयोग से बीजेपी ने की केजरीवाल की शिकायत (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 15, 2024, 5:21 PM IST

नई दिल्ली: नई दिल्ली के सिविल लाइन स्थित फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अनियमिताओं को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से शिकायत की है. उन्होंने इसकी जांच की मांग की है. गुप्ता ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुराने आवास 6, फ्लैट स्टाफ रोड में किए गए अवैध निर्माण को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.

सीवीसी को लिखे पत्र में गुप्ता ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भवन निर्माण के सभी नियमों को धता बताते हुए अपने लिए 40,000 वर्ग गज के विशाल क्षेत्र में यह आवास खड़ा करवा दिया. इसके निर्माण में ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) की निर्धारित स्वीकृत सीमाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया और न ही सक्षम अधिकारी से इसके लेआउट प्लान की मंजूरी ली गई.

नेता विपक्ष ने आज फ्लैग स्टाफ रोड और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया. अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड से सटे बंगला नंबर 45 पर किया गया निर्माण अधूरा ही है. यह वही बंगला है जिसे 6, फ्लैग स्टाफ रोड का हिस्सा बनाकर अवैध निर्माण किया जा रहा था.

आवास को भव्यतम बनाने के लिए काटे गए कई पेड़: निरीक्षण के बाद मीडिया से रूबरू हुए गुप्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के इस आवास को भव्यतम बनाने के लिए आसपास की सरकारी संपत्तियों की भी बलि ले ली गई. जिसके अंतर्गत राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47 में बने टाइप-V के 8 फ्लैट्स, जिनमें कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जज रहते थे, को भी तोड़कर इसी आवास का हिस्सा बना दिया गया. इतना ही नहीं, फ्लैग स्टाफ रोड के दो अन्य बंगलों 8-A और 8-B को भी तोड़ डाला गया और 6, फ्लैट स्टाफ रोड के आवास में मिला दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली के शहंशाह अरविंद केजरीवाल के लिए लगभग 40,000 वर्ग गज यानी 8 एकड़ में विशाल और भव्य शीश महल खड़ा कर लिया गया.

सरकारी आवास में अवैध निर्माण का आरोप
सरकारी आवास में अवैध निर्माण का आरोप (ETV BHARAT)

19,700 पेड़ों को नहीं लगाने का आरोप: विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, इस आलीशान आवास के लिए आरंभिक स्तर पर केवल ‘रेनोवेशन और अल्टरेशन’ की अनुमति ही ली गई थी, लेकिन दूसरी संपत्तियों को ध्वस्त करके सक्षम प्राधिकारी से नक्शा और ले-आउट प्लान पास करवाए और बिना अनुमति अवैध कंस्ट्रक्शन कर दिया गया. न केवल अवैध निर्माण बल्कि यहां खड़े कई पेड़ों को काटने के एवज में लगाए जाने वाले 19,700 पेड़ों को भी नहीं लगाया गया.

सीएम आतिशी के आवास स्वीकार ना करने पर उठाए सवाल: उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी से भी सवाल किया कि पहले तो उन्होंने जल्दबाजी दिखाते हुए चुपके से केजरीवाल से सरकारी आवास की चाबी लेकर अवैध तरीके से अपना सामान शिफ्ट कर लिया. अब जब पीडब्ल्यूडी ने उन्हें विधिवत रूप से 6, फ्लैग स्टाफ रोड आवंटित कर दिया है तो उस अलॉटमेंट लेटर को उन्होंने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. पता नहीं वह ऐसा क्यों कर रही है यह हमारी समझ से बाहर है.

पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने की मांग: इन सब बातों को लेकर नेता विपक्ष ने मुख्य सतर्कता आयुक्त को पत्र लिखा है और इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने की मांग की है. ताकि कट्टर ईमानदारी का प्रपंच करने वाले केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ सके.

ये भी पढ़ें : CM आतिशी को मिला केजरीवाल वाला आवास, PWD ने किया आवंटित, एक नजर में जानें पूरा घटनाक्रम

ये भी पढ़ें : पैक सामान के साथ पुराने घर से काम कर रहीं CM आतिशी, LG-AAP में छिड़ा नया युद्ध!

नई दिल्ली: नई दिल्ली के सिविल लाइन स्थित फ्लैग स्टाफ रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के निर्माण में अनियमिताओं को लेकर विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने केंद्रीय सतर्कता आयोग से शिकायत की है. उन्होंने इसकी जांच की मांग की है. गुप्ता ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पुराने आवास 6, फ्लैट स्टाफ रोड में किए गए अवैध निर्माण को लेकर केंद्रीय सतर्कता आयोग को पत्र लिखकर इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की है.

सीवीसी को लिखे पत्र में गुप्ता ने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भवन निर्माण के सभी नियमों को धता बताते हुए अपने लिए 40,000 वर्ग गज के विशाल क्षेत्र में यह आवास खड़ा करवा दिया. इसके निर्माण में ग्राउंड कवरेज और फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) की निर्धारित स्वीकृत सीमाओं का भी ख्याल नहीं रखा गया और न ही सक्षम अधिकारी से इसके लेआउट प्लान की मंजूरी ली गई.

नेता विपक्ष ने आज फ्लैग स्टाफ रोड और आसपास के क्षेत्र का निरीक्षण किया. अपने निरीक्षण के दौरान उन्होंने पाया कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड से सटे बंगला नंबर 45 पर किया गया निर्माण अधूरा ही है. यह वही बंगला है जिसे 6, फ्लैग स्टाफ रोड का हिस्सा बनाकर अवैध निर्माण किया जा रहा था.

आवास को भव्यतम बनाने के लिए काटे गए कई पेड़: निरीक्षण के बाद मीडिया से रूबरू हुए गुप्ता ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के इस आवास को भव्यतम बनाने के लिए आसपास की सरकारी संपत्तियों की भी बलि ले ली गई. जिसके अंतर्गत राजपुर रोड के प्लॉट नंबर 45 और 47 में बने टाइप-V के 8 फ्लैट्स, जिनमें कुछ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और जज रहते थे, को भी तोड़कर इसी आवास का हिस्सा बना दिया गया. इतना ही नहीं, फ्लैग स्टाफ रोड के दो अन्य बंगलों 8-A और 8-B को भी तोड़ डाला गया और 6, फ्लैट स्टाफ रोड के आवास में मिला दिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए दिल्ली के शहंशाह अरविंद केजरीवाल के लिए लगभग 40,000 वर्ग गज यानी 8 एकड़ में विशाल और भव्य शीश महल खड़ा कर लिया गया.

सरकारी आवास में अवैध निर्माण का आरोप
सरकारी आवास में अवैध निर्माण का आरोप (ETV BHARAT)

19,700 पेड़ों को नहीं लगाने का आरोप: विजेंद्र गुप्ता के अनुसार, इस आलीशान आवास के लिए आरंभिक स्तर पर केवल ‘रेनोवेशन और अल्टरेशन’ की अनुमति ही ली गई थी, लेकिन दूसरी संपत्तियों को ध्वस्त करके सक्षम प्राधिकारी से नक्शा और ले-आउट प्लान पास करवाए और बिना अनुमति अवैध कंस्ट्रक्शन कर दिया गया. न केवल अवैध निर्माण बल्कि यहां खड़े कई पेड़ों को काटने के एवज में लगाए जाने वाले 19,700 पेड़ों को भी नहीं लगाया गया.

सीएम आतिशी के आवास स्वीकार ना करने पर उठाए सवाल: उन्होंने वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी से भी सवाल किया कि पहले तो उन्होंने जल्दबाजी दिखाते हुए चुपके से केजरीवाल से सरकारी आवास की चाबी लेकर अवैध तरीके से अपना सामान शिफ्ट कर लिया. अब जब पीडब्ल्यूडी ने उन्हें विधिवत रूप से 6, फ्लैग स्टाफ रोड आवंटित कर दिया है तो उस अलॉटमेंट लेटर को उन्होंने अभी तक स्वीकार नहीं किया है. पता नहीं वह ऐसा क्यों कर रही है यह हमारी समझ से बाहर है.

पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने की मांग: इन सब बातों को लेकर नेता विपक्ष ने मुख्य सतर्कता आयुक्त को पत्र लिखा है और इस पूरे प्रकरण की गहराई से जांच करने की मांग की है. ताकि कट्टर ईमानदारी का प्रपंच करने वाले केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ सके.

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