चंडीगढ़: हरियाणा में अवैध खनन के खिलाफ सरकार कड़े कदम उठा रही है. अब हरियाणा सरकार अवैध खनन और उससे जुड़ी गतिविधियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों के साथ खनन स्थलों का निरीक्षण और निगरानी करेगी. सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि सरकार अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के अलावा, हरियाणा में अवैध खनन गतिविधियों में शामिल लोगों पर भारी जुर्माना भी लगा रही है.
ड्रोन के जरिए अवैध खनन पर नजर: प्रशासन ने अवैध गतिविधियों का पता लगाने के लिए ड्रोन और अन्य उन्नत तकनीकों के इस्तेमाल से खनन स्थलों पर निरीक्षण और निगरानी बढ़ा दी है. इसके अलावा, अवैध खनन में शामिल वाहनों को जब्त किया जा रहा है और अपराधियों को कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जा रही है. नूंह जिले के रावा गांव में अवैध खनन के बारे में मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई. जिसमें राज्य को 2,200 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया है. सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि ये रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है.
नूंह जिला के रवा गांव में अवैध खनन को लेकर कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट निराधार हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि इससे राज्य के खजाने को 2200 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। साथ ही सोशल मीडिया पर भी इस संबंध में किए जा रहे दावे तथ्यों से परे हैं।
— DPR Haryana (@DiprHaryana) January 2, 2025
राजस्थान के खनन माफियाओं पर आरोप: "नूंह में अवैध खनन से संबंधित खबरें जो सोशल मीडिया पर चल रही हैं, वो निराधार हैं. गुरुग्राम, फरीदाबाद और नूंह जिलों के अरावली क्षेत्र में खनन पर वर्ष 2002 से सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत रोक लगी हुई है. इसके अलावा, इस क्षेत्र में सीमा को लेकर हरियाणा और राजस्थान के बीच अंतरराज्यीय विवाद है, जिसका फायदा राजस्थान के खनन पट्टाधारकों ने हरियाणा की जमीन पर अतिक्रमण करने के लिए उठाया है."
हाल ही में रवा में जो पहाड़ गिरा है, उसमें 6000 मीट्रिक टन पत्थर के अवैध खनन का आंकलन पाया गया, जिसकी कुल रॉयल्टी व कीमत 15 लाख रुपए आंकी गई है। इस मामले में 23 दिसंबर 2024 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है।
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गुरुग्राम और नूंह में 8 FIR दर्ज: "हरियाणा में अवैध खनन पर गुरुग्राम/नूंह के खनन एवं भूविज्ञान कार्यालय ने समय-समय पर फिरोजपुर झिरका पुलिस स्टेशन और हरियाणा राज्य परिवर्तन ब्यूरो में आठ एफआईआर दर्ज की हैं." हाल ही में की गई जांच में पता चला है कि रावा में भूस्खलन में 6,000 मीट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन शामिल था. सरकारी बयान में कहा गया "23 दिसंबर, 2024 को राजस्थान के पट्टाधारकों के खिलाफ फिरोजपुर झिरका, पुलिस स्टेशन और हरियाणा प्रवर्तन ब्यूरो, नूंह में एफआईआर दर्ज की गई."
हरियाणा के चरखी दादरी के पिचोपा कलां गांव में खनन क्षेत्र में पहाड़ खिसकने की घटना और गाड़ियों के मलबे में दबे होने के संबंध में प्रकाशित खबर भ्रामक है और पूरी तरह निराधार है। घटना के संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि इसमें किसी भी प्रकार के जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है।
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खनन विभाग की सफाई: भूस्खलन की घटना के संबंध में, विभाग की सर्वेक्षण टीम ने स्पष्ट किया कि पहाड़ी राजस्थान के क्षेत्र में आती है, और राजस्थान के अधिकारियों द्वारा पहले ही एफआईआर दर्ज की जा चुकी है. "अवैध खनन के मुद्दे को हल करने के लिए, हरियाणा और राजस्थान के खनन और भूविज्ञान विभाग दोनों अपने प्रयासों का समन्वय कर रहे हैं," हरियाणा खनन और भूविज्ञान विभाग लगातार अवैध खनन गतिविधियों पर नकेल कस रहा है. वर्ष 2022-23 में विभाग ने खनन पट्टों, अल्पकालिक परमिट, ईंट भट्टों से रॉयल्टी और अवैध खनिज निष्कर्षण और परिवहन के लिए जुर्माने के रूप में पूरे हरियाणा में लगभग 800 करोड़ रुपये एकत्र किए.