शिमला: हिमाचल में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव की चारों सीटों पर एक बार फिर क्लीन स्वीप कर हैट्रिक लगाई है. चुनाव आयोग की जानकारी के मुताबिक बीजेपी उम्मीदवार राजीव भारद्वाज ने कांगड़ा से कांग्रेस के दिग्गज नेता आनंद शर्मा को 2,47,343 वोटों से हरा दिया. राजीव भारद्वाज 6,20,006 को कुल मत मिले. वहीं, आनंद शर्मा को 3,72,663 मत मिले. अभी जीत की घोषणा होना बाकी है. दोनों की प्रत्याशियों का ये पहला लोकसभा चुनाव था. इस चुनाव में बाजी राजीव भारद्वाज के हाथ लगी.
राजीव भारद्वाज ने मनमोहन सरकार में उद्योग और वाणिज्य मंत्री रहे आनंद शर्मा को पटखनी दे दी. प्रचार को दौरान दोनों की बचे कड़ी टक्कर देखने को मिल रही थी, लेकिन नतीजों में आनंद शर्मा काफी पिछड़ गए हैं. कांगड़ा की जनता ने लगातार चौथी बार बीजेपी उम्मीदवार को संसद भेजा है. राजीव भारद्वाज शांता कुमार के करीबी हैं. उन्हें ही वो अपना राजनीतिक गुरू मानते हैं. शांता कुमार और राजन सुशांत के बाद बीजेपी एक ब्राह्मण चेहरे की तलाश में थी. स्थानीय नेताओं का मानना है कि शांता कुमार से करीबी रिश्ते होने के कारण वो टिकट झटकने में कामयाब रहे. उनका जन्म 9 फरवरी 1963 को हुआ था. मूल रूप से कांगड़ा जिले नूरपुर के रहने वाले हैं. राजीव भारद्वाज का नाम दो बार नूरपुर और धर्मशाला से विधानसभा प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर चर्चाओं में रहा था, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिल पाया.
कौन हैं राजीव भारद्वाज
राजीव भारद्वाज ने 1989 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल होकर राजनीति में कदम रखा. लंबे समय से उन्होंने संगठन में काम किया है. उन्होंने युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष से लेकर भाजपा में विभिन्न पदों पर काम किया है. वर्तमान में वो बीजेपी के उपाध्यक्ष हैं. भाजपा की सरकारों में वह कई बार विभिन्न पदों पर तैनात रहे. प्रेम कुमार धूमल की सरकार में 2008 से 2012 तक हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) में उपाध्यक्ष रहे, जबकि पूर्व जयराम सरकार में कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक के चेयरमैन बने रहे. 61 वर्षीय डॉ. भारद्वाज पिछली जयराम सरकार के कार्यकाल में कांगड़ा सहकारी बैंक के अध्यक्ष रह चुके हैं. वह वर्तमान में प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष हैं. पेशे से निजी चिकित्सक हैं.
बीजेपी ने कांगड़ा सीट पर 2004 पर आखिरी चुनाव हारा था. 2019 के चुनाव में किशन कपूर ने यहां से जीत हासिल की थी. ये जीत अब तक की हिमाचल की सबसे बड़ी जीत थी, लेकिन इसके बाद भी बीजेपी ने किशन कपूर का टिकट काटकर राजीव भारद्वाज को टिकट दिया था. बीजेपी ने राजीव भारद्वाज पर भरोसा जताया था. उसपर वो खरे उतरे हैं.