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बिलासपुर लोकसभा चुनाव में क्या इस बार बदलेगा ट्रेंड, तोखन साहू और देवेंद्र यादव की जंग में कौन जीतेगा बाजी ? - political equation of Bilaspur

Bilaspur Lok Sabha seat profile लोकसभा चुनाव के लिए छत्तीसगढ़ में सियासी घमासान चरम पर है. बीजेपी ने सभी 11 सीटों पर उम्मीदवार की घोषणा कर दी है. कांग्रेस ने भी छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. बीजेपी ने बिलासपुर से तोखन साहू को उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस ने देवेंद्र सिंह यादव को इस सीट से अपना प्रत्याशी बनाया है.

Bilaspur Lok Sabha seat profile
बिलासपुर लोकसभा सीट
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Mar 10, 2024, 6:05 PM IST

Updated : Mar 29, 2024, 7:45 PM IST

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के तौर पर बिलासपुर को जाना जाता है. प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से बिलासपुर लोकसभा सीट काफी अहम है. यहां साल 1996 से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से अरुण साव ने चुनाव जीता और उन्होंने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव को पटखनी दी. इस तरह साल 1996 से चले आ रहे जीत के इतिहास को बीजेपी ने बरकरार रखा. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने तोखन साहू को बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस की तरफ से देवेंद्र सिंह यादव को मैदान में उतारा गया है.

Bilaspur Lok Sabha seat
बिलासपुर लोकसभा चुनाव

बिलासपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास

  1. साल1998 से साल 2004 तक के लोकसभा चुनाव का हाल: 1998 के चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1054239 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 577351 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 274793 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार कन्या कुमारी उर्फ तान्या अनुरागी कुल 226178 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. साल 1999 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1107061 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 525808 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 274860 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार रामेश्वर कोसरिया कुल 199527 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. साल 2004 में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1411786 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 621425 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 324729 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. बसंत पहरे कुल 243176 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
  2. साल 2009 से 2019 के आम चुनावों का हाल: साल 2009 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1472793 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 770024 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिलीप सिंह जूदेव जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 347930 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. रेणु जोगी कुल 327791 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.साल 2014 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1729229 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1082891 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लखन लाल साहू जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 561387 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार करुणा शुक्ला कुल 384951 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. साल 2019 के चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1876953 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1205069 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण साव जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 634559 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार अटल श्रीवास्तव कुल 492796 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.

बिलासपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

  1. 1952 में कांग्रेस के सरदार अमर सिंह सहगल ने जीत दर्ज की
  2. 1957 में कांग्रेस के रेशम लाल को मिली जीत
  3. 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार सत्यप्रकाश जीते
  4. 1967 में कांग्रेस के अमर सिंह जीते
  5. 1971 में कांग्रेस के रामगोपाल तिवारी जीते
  6. 1977 में बीएलडी के निरंजन प्रसाद केशरवानी जीते
  7. 1980 में कांग्रेस आई के गोदिल प्रसाद अनुरागी को मिली जीत
  8. 1984 में कांग्रेस के खेलन राम जीते
  9. 1989 में बीजेपी के रेशम लाल जांगड़े को मिली जीत
  10. 1991 में कांग्रेस के खेलन राम जांगड़े को विजय मिली
  11. 1997 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले जीते
  12. 1998 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले फिर जीते
  13. 2004 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले तीसरी बार जीते
  14. 2009 में बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव को विजयश्री मिली
  15. 2014 में बीजेपी के लखनलाल साहू को जीत मिली
  16. 2019 में बीजेपी के अरुण साव ने जीत दर्ज की
Bilaspur parliamentary seat
बिलासपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

बिलासपुर सीट पर रहा किसका दबदबा: साल 1952 से अब तक हुए चुनाव में दलगत जीत का आंकड़ा देखे तो उसमें बीजेपी ने 8 बार बिलासपुर सीट से जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस को सात बार जीत का स्वाद मिला है. एक बार निर्दलीय और एक बार बीएलडी पार्टी ने यहां जीत हासिल की है.

Bilaspur parliamentary seat
न्यायधानी का चुनावी इतिहास

बिलासपुर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत : हाल के चुनावी आंकड़ों के आधार पर बिलासपुर सीट का वोटिंग प्रतिशत समझिए

Bilaspur Lok Sabha seat profile
लोकसभा चुनाव
  1. साल 2004: 44.02 फीसदी
  2. साल 2009: 52.29 प्रतिशत
  3. साल 2014: 63.07 फीसदी
  4. साल 2019: 64.44 फीसदी

बिलासपुर वासियों की क्या हैं समस्याएं, जो बन सकती है चुनावी मुद्दा :बिलासपुर लोकसभा सीट पर कई समस्याएं हैं. जिनमे सबसे बड़ी समस्या धर्मांतरण की है. पिछले एक दशक से बिलासपुर लोकसभा सीट पर लगातार धर्मांतरण की बात सामने आ रही है. इसके अलावा भी कई और समस्याएं हैं.बेरोजगारी की समस्या बिलासपुर के युवाओं और लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. यहां के ग्रामीण इलाकों के बच्चे दूसरे राज्य और शहरों की ओर पलायन को मजबूर हैं. बिलासपुर के लोगों की दूसरी सबसे बड़ी समस्या सड़कों को लेकर है. यहां के ग्रामीण इलाके की सड़कें काफी जर्जर हो चुकी है. लोग इसके मरम्मत की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्राउंड लेवल वाटर का दुरुपयोग भी यहां के लोगों के लिए अहम समस्या है. बढ़ते यातायात के दवाब को कम करने की मांग यहां लगातार की जा रही है. सिंचाई की समस्या भी यहां के किसानों के लिए बड़ी है. इसके अलावा हवाई सेवा में सीधे उड़ान और नियमित हवाई सेवा भी चुनावी मुद्दा बनकर सामने आ सकती है. मुंगेली में रेल लाइन की मांग और उपज मंडी बनाने की मांग भी यहां के चुनावी मुद्दे में शुमार हो सकता है.

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बिलासपुर: छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के तौर पर बिलासपुर को जाना जाता है. प्रदेश की 11 लोकसभा सीटों में से बिलासपुर लोकसभा सीट काफी अहम है. यहां साल 1996 से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की तरफ से अरुण साव ने चुनाव जीता और उन्होंने कांग्रेस के अटल श्रीवास्तव को पटखनी दी. इस तरह साल 1996 से चले आ रहे जीत के इतिहास को बीजेपी ने बरकरार रखा. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने तोखन साहू को बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. जबकि कांग्रेस की तरफ से देवेंद्र सिंह यादव को मैदान में उतारा गया है.

Bilaspur Lok Sabha seat
बिलासपुर लोकसभा चुनाव

बिलासपुर लोकसभा सीट का संसदीय इतिहास

  1. साल1998 से साल 2004 तक के लोकसभा चुनाव का हाल: 1998 के चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1054239 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 577351 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 274793 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार कन्या कुमारी उर्फ तान्या अनुरागी कुल 226178 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. साल 1999 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1107061 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 525808 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 274860 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार रामेश्वर कोसरिया कुल 199527 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे. साल 2004 में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1411786 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 621425 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार पुन्नूलाल मोहले जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 324729 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार डॉ. बसंत पहरे कुल 243176 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.
  2. साल 2009 से 2019 के आम चुनावों का हाल: साल 2009 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1472793 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 770024 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार दिलीप सिंह जूदेव जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 347930 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार डॉ. रेणु जोगी कुल 327791 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं.साल 2014 के आम चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1729229 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1082891 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार लखन लाल साहू जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 561387 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की उम्मीदवार करुणा शुक्ला कुल 384951 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहीं. साल 2019 के चुनाव में बिलासपुर संसदीय क्षेत्र में कुल 1876953 मतदाता थे. कुल वैध वोटों की संख्या 1205069 थी. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अरुण साव जीते और सांसद बने. उन्हें कुल 634559 वोट मिले. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के उम्मीदवार अटल श्रीवास्तव कुल 492796 वोटों के साथ दूसरे स्थान पर रहे.

बिलासपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

  1. 1952 में कांग्रेस के सरदार अमर सिंह सहगल ने जीत दर्ज की
  2. 1957 में कांग्रेस के रेशम लाल को मिली जीत
  3. 1962 में निर्दलीय उम्मीदवार सत्यप्रकाश जीते
  4. 1967 में कांग्रेस के अमर सिंह जीते
  5. 1971 में कांग्रेस के रामगोपाल तिवारी जीते
  6. 1977 में बीएलडी के निरंजन प्रसाद केशरवानी जीते
  7. 1980 में कांग्रेस आई के गोदिल प्रसाद अनुरागी को मिली जीत
  8. 1984 में कांग्रेस के खेलन राम जीते
  9. 1989 में बीजेपी के रेशम लाल जांगड़े को मिली जीत
  10. 1991 में कांग्रेस के खेलन राम जांगड़े को विजय मिली
  11. 1997 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले जीते
  12. 1998 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले फिर जीते
  13. 2004 में बीजेपी के पुन्नूलाल मोहिले तीसरी बार जीते
  14. 2009 में बीजेपी के दिलीप सिंह जूदेव को विजयश्री मिली
  15. 2014 में बीजेपी के लखनलाल साहू को जीत मिली
  16. 2019 में बीजेपी के अरुण साव ने जीत दर्ज की
Bilaspur parliamentary seat
बिलासपुर लोकसभा सीट का चुनावी इतिहास

बिलासपुर सीट पर रहा किसका दबदबा: साल 1952 से अब तक हुए चुनाव में दलगत जीत का आंकड़ा देखे तो उसमें बीजेपी ने 8 बार बिलासपुर सीट से जीत दर्ज की है. जबकि कांग्रेस को सात बार जीत का स्वाद मिला है. एक बार निर्दलीय और एक बार बीएलडी पार्टी ने यहां जीत हासिल की है.

Bilaspur parliamentary seat
न्यायधानी का चुनावी इतिहास

बिलासपुर लोकसभा सीट पर मतदान प्रतिशत : हाल के चुनावी आंकड़ों के आधार पर बिलासपुर सीट का वोटिंग प्रतिशत समझिए

Bilaspur Lok Sabha seat profile
लोकसभा चुनाव
  1. साल 2004: 44.02 फीसदी
  2. साल 2009: 52.29 प्रतिशत
  3. साल 2014: 63.07 फीसदी
  4. साल 2019: 64.44 फीसदी

बिलासपुर वासियों की क्या हैं समस्याएं, जो बन सकती है चुनावी मुद्दा :बिलासपुर लोकसभा सीट पर कई समस्याएं हैं. जिनमे सबसे बड़ी समस्या धर्मांतरण की है. पिछले एक दशक से बिलासपुर लोकसभा सीट पर लगातार धर्मांतरण की बात सामने आ रही है. इसके अलावा भी कई और समस्याएं हैं.बेरोजगारी की समस्या बिलासपुर के युवाओं और लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या है. यहां के ग्रामीण इलाकों के बच्चे दूसरे राज्य और शहरों की ओर पलायन को मजबूर हैं. बिलासपुर के लोगों की दूसरी सबसे बड़ी समस्या सड़कों को लेकर है. यहां के ग्रामीण इलाके की सड़कें काफी जर्जर हो चुकी है. लोग इसके मरम्मत की मांग कर रहे हैं. लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. ग्राउंड लेवल वाटर का दुरुपयोग भी यहां के लोगों के लिए अहम समस्या है. बढ़ते यातायात के दवाब को कम करने की मांग यहां लगातार की जा रही है. सिंचाई की समस्या भी यहां के किसानों के लिए बड़ी है. इसके अलावा हवाई सेवा में सीधे उड़ान और नियमित हवाई सेवा भी चुनावी मुद्दा बनकर सामने आ सकती है. मुंगेली में रेल लाइन की मांग और उपज मंडी बनाने की मांग भी यहां के चुनावी मुद्दे में शुमार हो सकता है.

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Last Updated : Mar 29, 2024, 7:45 PM IST
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