ETV Bharat / state

नाबालिग दुष्कर्म मामले में 24 साल बाद इंसाफ, नहीं दी कोर्ट ने माफी, अब कटेंगे जेल में दिन - Bilaspur High Court

author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Sep 3, 2024, 7:36 PM IST

Bilaspur High Court बिलासपुर हाईकोर्ट में 24 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में फैसला आया है. इस केस में आरोपी ने अपील दाखिल की थी.लेकिन अपील लंबित होने के कारण उसे बेल मिल गई.वहीं अब अदालत ने केस में अपना अंतिम फैसला सुनाया है.HIGH COURT SENT RAPIST TO JAIL

Bilaspur High Court
24 साल पुराने दुष्कर्म के मामले में फैसला (ETV Bharat Chhattisgarh)

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने दुष्कर्म मामले में आरोपी को सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं.इस मामले में आरोपी हाईकोर्ट से सजा माफ करनेकी अपील की थी.लेकिन कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर आरोपी की सजा बरकरार रखी और उसे सरेंडर करने को कहा.इस मामले में आरोपी को 28 दिनों के अंदर सरेंडर करना है. यदि आरोपी सरेंडर नहीं करता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार करके जेल भेजेगी इसके बाद अदालत को सूचित करेगी.

क्या है मामला ?: दुर्ग जिले के रहने वाले 35 वर्षीय आरोपी ने अगस्त 2001 में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था. मासूम बच्ची रोते हुए उसके घर से बाहर निकली तो बच्ची की मां ने रोने का कारण पूछा.बच्ची ने अपने साथ हुई ज्यादती की जानकारी अपनी मां को बताई. इस पर बच्ची की मां ने मामले की रिपोर्ट थाने में लिखवाई. पुलिस ने मेडिकल और आवश्यक कार्रवाई के बाद आरोपी को धारा 376 ,511 के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया है. कोर्ट ने पीड़िता मासूम और गवाहों के बयान सहित 9 गवाहों का प्रतिपरीक्षण के बाद आरोपी को 2002 में 3 वर्ष 6 माह कैद समेत 500 रुपए अर्थ दंड की सजा से दंडित किया था. आरोपी ने 2002 में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील पेश की. अपील लंबित रहने के दौरान आरोपी को जमानत मिल गई.


अगस्त 2024 में हुई अंतिम सुनवाई : इस दौरान अपील पर हाईकोर्ट में अगस्त 2024 में अंतिम सुनवाई हुई. अपीलकर्ता के वकील के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म होना नहीं पाया गया.सिर्फ प्रयास का मामला 354 बनता है. आरोपी ने जवानी में अपराध किया, वर्तमान में बुजुर्ग एवं विकलांग है. पारिवारिक जिम्मेदारी भी है. इस कारण से जेल में बिताए हुए 10 माह 6 दिन को सजा में बदलकर छोड़ने निवेदन किया गया था.वहीं शासन ने इसका विरोध किया और कहा कि 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया है.मामले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनाया फैसला : हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि मासूम के बयान से अपराध सिद्ध हुआ है. इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी अपराध की पुष्टि की है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए अपीलकर्ता को 4 सप्ताह में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं. अपीलकर्ता के सरेडर नहीं करने पर पुलिस को गिरफ्तार कर आरोपी को अदालत में पेश करने एवं सूचना देने निर्देश दिए हैं.

पॉक्सो लागू होता तो मिलती उम्र कैद : आरोपी के बुजुर्ग विकलांग होने के आधार पर सजा में छूट दिए जाने की बात सामने आने पर कोर्ट ने कहा कि पाक्सो एक्ट लागू होने के बाद यदि अपराध होता तो इसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रहता. घटना के समय धारा 375 लागू थी. न्यायालय ने धारा 376 एवं 511 में सजा सुनाई है. इस कारण से सत्र न्यायालय के आदेश में कोई त्रुटि नहीं हुई है. इसके साथ कोर्ट ने सजा में छोड़ने से इनकार कर दिया.

कांकेर में नशेड़ियों की आई शामत, पुलिस ने नशा करने और बेचने वालों को दबोचा

दंतेवाड़ा में शिक्षिका की एक्सीडेंट में मौत, ज्ञापन देकर वापस लौटते समय हादसा

आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द, ''काम ज्यादा और वेतन आधा''

बिलासपुर : हाईकोर्ट ने 24 साल पुराने दुष्कर्म मामले में आरोपी को सरेंडर करने के निर्देश दिए हैं.इस मामले में आरोपी हाईकोर्ट से सजा माफ करनेकी अपील की थी.लेकिन कोर्ट ने तथ्यों के आधार पर आरोपी की सजा बरकरार रखी और उसे सरेंडर करने को कहा.इस मामले में आरोपी को 28 दिनों के अंदर सरेंडर करना है. यदि आरोपी सरेंडर नहीं करता है तो पुलिस उसे गिरफ्तार करके जेल भेजेगी इसके बाद अदालत को सूचित करेगी.

क्या है मामला ?: दुर्ग जिले के रहने वाले 35 वर्षीय आरोपी ने अगस्त 2001 में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था. मासूम बच्ची रोते हुए उसके घर से बाहर निकली तो बच्ची की मां ने रोने का कारण पूछा.बच्ची ने अपने साथ हुई ज्यादती की जानकारी अपनी मां को बताई. इस पर बच्ची की मां ने मामले की रिपोर्ट थाने में लिखवाई. पुलिस ने मेडिकल और आवश्यक कार्रवाई के बाद आरोपी को धारा 376 ,511 के तहत गिरफ्तार कर कोर्ट में चालान पेश किया है. कोर्ट ने पीड़िता मासूम और गवाहों के बयान सहित 9 गवाहों का प्रतिपरीक्षण के बाद आरोपी को 2002 में 3 वर्ष 6 माह कैद समेत 500 रुपए अर्थ दंड की सजा से दंडित किया था. आरोपी ने 2002 में सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील पेश की. अपील लंबित रहने के दौरान आरोपी को जमानत मिल गई.


अगस्त 2024 में हुई अंतिम सुनवाई : इस दौरान अपील पर हाईकोर्ट में अगस्त 2024 में अंतिम सुनवाई हुई. अपीलकर्ता के वकील के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट में दुष्कर्म होना नहीं पाया गया.सिर्फ प्रयास का मामला 354 बनता है. आरोपी ने जवानी में अपराध किया, वर्तमान में बुजुर्ग एवं विकलांग है. पारिवारिक जिम्मेदारी भी है. इस कारण से जेल में बिताए हुए 10 माह 6 दिन को सजा में बदलकर छोड़ने निवेदन किया गया था.वहीं शासन ने इसका विरोध किया और कहा कि 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया गया है.मामले में हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है.

दोनों पक्षों को सुनने के बाद सुनाया फैसला : हाईकोर्ट ने सभी पक्षों के सुनने के बाद अपने आदेश में कहा कि मासूम के बयान से अपराध सिद्ध हुआ है. इसके अलावा अन्य गवाहों ने भी अपराध की पुष्टि की है. जिसके बाद हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए अपीलकर्ता को 4 सप्ताह में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं. अपीलकर्ता के सरेडर नहीं करने पर पुलिस को गिरफ्तार कर आरोपी को अदालत में पेश करने एवं सूचना देने निर्देश दिए हैं.

पॉक्सो लागू होता तो मिलती उम्र कैद : आरोपी के बुजुर्ग विकलांग होने के आधार पर सजा में छूट दिए जाने की बात सामने आने पर कोर्ट ने कहा कि पाक्सो एक्ट लागू होने के बाद यदि अपराध होता तो इसमें आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान रहता. घटना के समय धारा 375 लागू थी. न्यायालय ने धारा 376 एवं 511 में सजा सुनाई है. इस कारण से सत्र न्यायालय के आदेश में कोई त्रुटि नहीं हुई है. इसके साथ कोर्ट ने सजा में छोड़ने से इनकार कर दिया.

कांकेर में नशेड़ियों की आई शामत, पुलिस ने नशा करने और बेचने वालों को दबोचा

दंतेवाड़ा में शिक्षिका की एक्सीडेंट में मौत, ज्ञापन देकर वापस लौटते समय हादसा

आंगनबाड़ी वर्कर्स का छलका दर्द, ''काम ज्यादा और वेतन आधा''

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.