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बीकानेर लोकसभा सीट : कांग्रेस का सूखा मिटाने की कोशिश में 'गोविंद' तो चौथी बार जीत को लेकर आश्वस्त भाजपा के 'अर्जुन' - Lok Sabha Election 2024 Result

Lok Sabha Election 2024 Result बीकानेर लोकसभा सीट पर अर्जुन राम मेघवाल चौथी बार भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं और लगातार पिछले तीन चुनाव में जीत हासिल कर चुके हैं. अब से कुछ देर में लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना शुरू हो जाएगी और और इसी के साथ साफ हो जाएगी बीकानेर सीट की तस्वीर.

बीकानेर सीट का परिणाम
बीकानेर सीट का परिणाम (ETV Bharat GFX Team)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 4, 2024, 5:00 AM IST

बीकानेर. अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा से सटे बीकानेर लोकसभा सीट दो जिले बीकानेर और अनूपगढ़ से मिलकर बनी है. बीकानेर जिले की 7 विधानसभा सीटों के अलावा नए बने अनूपगढ़ जिले की विधानसभा सीट से मिलकर बने इस संसदीय क्षेत्र में पिछले चार चुनाव से भाजपा को विजय मिल रही है. लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने गोविंद राम मेघवाल पर दांव खेला था, तो वहीं भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल चौथी बार यहां से मैदान में हैं.

पहली बार जनता पार्टी ने खोला खाता : देश में पहले आम चुनाव से लेकर 2014 तक सर्वाधिक शासन कांग्रेस का रहा, लेकिन बीकानेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को पहली बार जीत का स्वाद आजादी के 33 साल बाद 1980 के चुनाव में चखने को मिला था. 1980 और 1984 की चुनाव में लगातार दो बार कांग्रेस यहां से चुनाव जीती.

भाजपा के रिकॉर्ड को नहीं छू पाई कांग्रेस : बीकानेर लोकसभा सीट उन सीटों में शामिल है, जहां सर्वाधिक जीत बीजेपी के नाम है. 2004 से 2019 तक लगातार चार बार भाजपा यहां से जीत हासिल कर रही है. 2004 में फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र ने जीत का जो खाता खोला था. वह परिसीमन के बाद 2009 से 2019 तक भी लगातार जारी है. पिछले तीन चुनावों में अर्जुन राम मेघवाल यहां से जीतते आ रहे हैं. इस बार चौथी बार अर्जुन राम मेघवाल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. बीकानेर सीट बीजेपी के गढ़ के रूप में जानी जाती है.

इसे भी पढ़ें- भाजपा के अजेय गढ़ बीकानेर में क्या गोविंद रोक सकेंगे अर्जुन का रथ ? - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

माकपा के नाम भी है एक जीत का रिकॉर्ड : साल 1989 के चुनाव में माकपा ने यहां से जीत हासिल की थी. उस वक्त माकपा ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बड़े दलों को शिकस्त दी थी. बीकानेर लोकसभा सीट पर पहली बार वामपंथी विचारधारा से कोई सांसद चुना गया. यहां से माकपा के श्योपत सिंह मक्कासर जीतकर संसद पहुंते थे.

बीकानेर सीट का परिणाम
2019 का लोकसभा चुनाव परिणाम. (ETV Bharat GFX Team)

भाटी ने खिलाया पहली बार कमल : देश में बदलाव के दौर के बीच साल 1996 के चुनाव में पहली बार युवा सांसद के तौर पर दिवंगत महेंद्र सिंह भाटी ने बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल कर बड़ा उलटफेर किया था. उन्होंने पहली बार बीकानेर में कमल खिलाया था. 2004 को लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी के तौर पर फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र को चुनाव लड़वाया था. इस चुनाव में धर्मेंद्र ने रामेश्वर डूडी को कड़े मुकाबले में हराया था. 2009 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट आरक्षित सीट बन गई, तब से अर्जुनराम मेघवाल लगातार यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं.

20 लाख मतदाताओं वाली बीकानेर सीट पर करीब 4 लाख से ज्यादा अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इस बार बीकानेर में करीब 54 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर करीब 11 लाख पुरुष और करीब 9.67 लाख महिला मतदाता हैं. पिछले पांच चुनाव में कांग्रेस ने हर बार अपना प्रत्याशी बदला है. वहीं, आरक्षित होने के बाद इस सीट पर भाजपा का चेहरा अर्जुन मेघवाल ही रहे हैं. तीन चुनावों में कांग्रेस ने हर बार अर्जुन मेघवाल से मुकाबले के लिए अपना प्रत्याशी बदला. इस बार कांग्रेस ने चौथी बार अपना चेहरा बदला है.

बीकानेर. अंतरराष्ट्रीय भारत-पाक सीमा से सटे बीकानेर लोकसभा सीट दो जिले बीकानेर और अनूपगढ़ से मिलकर बनी है. बीकानेर जिले की 7 विधानसभा सीटों के अलावा नए बने अनूपगढ़ जिले की विधानसभा सीट से मिलकर बने इस संसदीय क्षेत्र में पिछले चार चुनाव से भाजपा को विजय मिल रही है. लोकसभा चुनाव में इस बार कांग्रेस ने गोविंद राम मेघवाल पर दांव खेला था, तो वहीं भाजपा के अर्जुन राम मेघवाल चौथी बार यहां से मैदान में हैं.

पहली बार जनता पार्टी ने खोला खाता : देश में पहले आम चुनाव से लेकर 2014 तक सर्वाधिक शासन कांग्रेस का रहा, लेकिन बीकानेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस को पहली बार जीत का स्वाद आजादी के 33 साल बाद 1980 के चुनाव में चखने को मिला था. 1980 और 1984 की चुनाव में लगातार दो बार कांग्रेस यहां से चुनाव जीती.

भाजपा के रिकॉर्ड को नहीं छू पाई कांग्रेस : बीकानेर लोकसभा सीट उन सीटों में शामिल है, जहां सर्वाधिक जीत बीजेपी के नाम है. 2004 से 2019 तक लगातार चार बार भाजपा यहां से जीत हासिल कर रही है. 2004 में फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र ने जीत का जो खाता खोला था. वह परिसीमन के बाद 2009 से 2019 तक भी लगातार जारी है. पिछले तीन चुनावों में अर्जुन राम मेघवाल यहां से जीतते आ रहे हैं. इस बार चौथी बार अर्जुन राम मेघवाल को भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. बीकानेर सीट बीजेपी के गढ़ के रूप में जानी जाती है.

इसे भी पढ़ें- भाजपा के अजेय गढ़ बीकानेर में क्या गोविंद रोक सकेंगे अर्जुन का रथ ? - Rajasthan Lok Sabha Election 2024

माकपा के नाम भी है एक जीत का रिकॉर्ड : साल 1989 के चुनाव में माकपा ने यहां से जीत हासिल की थी. उस वक्त माकपा ने कांग्रेस और भाजपा दोनों ही बड़े दलों को शिकस्त दी थी. बीकानेर लोकसभा सीट पर पहली बार वामपंथी विचारधारा से कोई सांसद चुना गया. यहां से माकपा के श्योपत सिंह मक्कासर जीतकर संसद पहुंते थे.

बीकानेर सीट का परिणाम
2019 का लोकसभा चुनाव परिणाम. (ETV Bharat GFX Team)

भाटी ने खिलाया पहली बार कमल : देश में बदलाव के दौर के बीच साल 1996 के चुनाव में पहली बार युवा सांसद के तौर पर दिवंगत महेंद्र सिंह भाटी ने बीकानेर लोकसभा क्षेत्र में जीत हासिल कर बड़ा उलटफेर किया था. उन्होंने पहली बार बीकानेर में कमल खिलाया था. 2004 को लोकसभा चुनाव में भाजपा ने इस सीट पर बाहरी प्रत्याशी के तौर पर फिल्म अभिनेता धर्मेंद्र को चुनाव लड़वाया था. इस चुनाव में धर्मेंद्र ने रामेश्वर डूडी को कड़े मुकाबले में हराया था. 2009 में हुए परिसीमन के बाद यह सीट आरक्षित सीट बन गई, तब से अर्जुनराम मेघवाल लगातार यहां से चुनाव जीतते आ रहे हैं.

20 लाख मतदाताओं वाली बीकानेर सीट पर करीब 4 लाख से ज्यादा अनुसूचित जाति के मतदाता हैं. इस बार बीकानेर में करीब 54 फीसदी वोटिंग हुई है. इस सीट पर करीब 11 लाख पुरुष और करीब 9.67 लाख महिला मतदाता हैं. पिछले पांच चुनाव में कांग्रेस ने हर बार अपना प्रत्याशी बदला है. वहीं, आरक्षित होने के बाद इस सीट पर भाजपा का चेहरा अर्जुन मेघवाल ही रहे हैं. तीन चुनावों में कांग्रेस ने हर बार अर्जुन मेघवाल से मुकाबले के लिए अपना प्रत्याशी बदला. इस बार कांग्रेस ने चौथी बार अपना चेहरा बदला है.

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