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हिमाचल में चुनाव लड़ने और लड़वाने वालों की साख दांव पर, दिग्गजों को मिल रही कांटे की टक्कर - Big faces in Himachal - BIG FACES IN HIMACHAL

हिमाचल की चार लोकसभा सीटों पर बीजेपी-कांग्रेस से कई बड़े चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले कई दिग्गजों की साख दांव पर हैं. कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की होगी. 2014 से ही कांग्रेस को यहां एक भी सीट नसीब नहीं हुई है. वहीं, बीजेपी इस बार 4-0 से हैट्रिक लगाने का प्रयास करेगी.

Big faces in Himachal
हिमाचल में चुनाव लड़ रहे बड़े चेहरे (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : May 23, 2024, 1:40 PM IST

Updated : May 23, 2024, 5:42 PM IST

शिमला: हिमाचल में अंतिम चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. भले ही प्रदेश में लोकसभा की चार सीटें हैं. इसके बाद भी बीजेपी-कांग्रेस से कई बड़े चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले कई दिग्गजों की साख दांव पर हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों के उम्मीदवार जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. एक जीत और हार इनके राजनीतिक करियर पर बड़ा असर डालेगी.

मंडी लोकसभा सीट- ये हिमाचल की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है. अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में ये सीट 11 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी और एक बार लोकदल के नाम रही है. इसे राजा-रजवाड़ों की सीट कहा जा सकता है क्योंकि इस सीट पर 13 बार राजपरिवार से जुड़े चेहरे ही चुनाव जीते हैं. हालांकि 2014 और 2019 में हुए चुनाव में ये सीट बीजेपी के नाम रही लेकिन 2021 में सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में ये सीट कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीती. इस सीट पर 2013 में भी उपचुनाव हुआ था, तब भी ये सीट प्रतिभा सिंह ने जीती थी. इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 जिलों की 17 विधानसभाएं आती हैं. मंडी लोकसभा सीट पर इस बार कुल 13,77,173 मतदाता हैं. जिनमें 6,98,666 पुरुष, 678504 महिलाएं और 3 थर्ड जेंडर वोटर हैं. ये मतदाता इस बार मंडी लोकसभा सीट पर उतरे 10 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे.

कंगना रनौत- मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत हैं. जिनकी वजह से मंडी लोकसभा सीट देश की हॉट सीटों में शुमार हो गई है. 4 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित कंगना रनौत का पैतृक घर हिमाचल के मंडी जिले में ही है. उन्होंने मनाली में भी एक घर बनवाया है जहां वो अपने माता-पिता के साथ रहती हैं. बॉलीवुड में क्वीन के नाम से फेमस कंगना रनौत करीब 40 फिल्मों में काम कर चुकी हैं. अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत ने चुनाव प्रचार में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है. अपने भाषणों में वो राहुल गांधी से लेकर इंडी गठबंधन और मुंबई में उनका घर तोड़े जाने को लेकर उद्धव ठाकरे से लेकर हिमाचल के कांग्रेस नेताओं पर हमलावर रही हैं.

विक्रमादित्य सिंह- सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की रामपुर बुशहर रिसात के राजा हैं. 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी से मौजूदा सांसद और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष है. वीरभद्र सिंह 4 बार सांसद रहे, इनमें से 3 बार वो मंडी से ही लोकसभा पहुंचे थे. वही प्रतिभा सिंह भी 3 बार मंडी सीट से ही ससद पहुंची हैं. विक्रमादित्य सिंह और कंगना के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है.

विक्रमादित्य सिंह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. 2017 के बाद 2022 में वो शिमला जिले की शिमला ग्रामीण सीट से विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने. विक्रमादित्य सिंह चुनाव प्रचार के दौरान कंगना के बीफ खाने के मुद्दे को उठाते रहे हैं. वो कंगना के बयानों को बेतुका बताने के साथ-साथ उनकी नॉलेज पर भी सवाल उठा चुके हैं.

कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के आनंद शर्मा: पिछले 17 लोकसभा चुनाव में 9 बार इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई जबकि 7 बार बीजेपी और एक बार जनता पार्टी का सांसद बना. पिछले 3 चुनाव से यहां से बीजेपी उम्मीदवार संसद पहुंच रहा है. इस बार इस सीट से 15,24,032 वोटर हैं. इनमें 7,76,880 पुरुष, 7,47,147 महिला और 5 थर्ड जेंडर वोटर हैं. जो 10 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

आनंद शर्मा- कांगड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने राजीव भारद्वाज को उतारा है तो कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर दांव खेला है. आनंद शर्मा हिमाचल प्रदेश के शिमला से ताल्लुक रखते हैं. आनंद शर्मा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले वो 1982 में एक बार शिमला से विधानसभा चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें हार मिली थी. छात्र जीवन से ही राजनीति में आए आनंद शर्मा भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. वो चार बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं जिनमें से 3 बार हिमाचल और एक बार राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे थे. वो मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री थी. गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले आनंद शर्मा कांग्रेसियों के उस G23 ग्रुप का हिस्सा भी रहे हैं. जिसने पार्टी और उसके नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे. आनंद शर्मा ब्राह्मण चेहरा हैं और बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे राजीव भारद्वाज को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा है.

हमीरपुर लोकसभा सीट से अनुराग ठाकुर: कभी कांग्रेस का गढ़ रही हमीरपुर लोकसभा सीट पर अब बीजेपी का परचम लहरा रहा है. पिछले 14 लोकसभा चुनाव में से 5 बार यहां कांग्रेस की जीत हुई है. जबकि 8 बार बीजेपी और एक बार जनता पार्टी ने ये सीट जीती. 1998 से 2019 तक यहां से बीजेपी उम्मीदवार जीतता रहा है. यहां कुल 14,56,099 वोटर हैं. जिनमें 7,38,522 पुरुष, 7,17,562 महिला और 15 थर्ड जेंडर वोटर हैं. जो इस बार यहां 12 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

अनुराग ठाकुर: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हमीरपुर से चार बार संसद पहुंच चुके हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं. इससे पहले वो भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. हिमाचल की टीम के लिए रणजी मैच खेल चुके अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) और फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री और हमीरपुर से सांसद भी रहे हैं. अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल IPL के चेयरमैन हैं.

इन दिग्गजों की साख भी दांव पर

हिमाचल में भी पीएम मोदी बीजेपी के नंबर वन प्रचारक हैं. पीएम मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले हिमाचल में प्रभारी रह चुके हैं. उन्हीं के कार्यकाल में प्रेम कुमार धूमल पहली बार सीएम बने थे. इसके अलावा बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल के बिलासपुर जिले से आते हैं. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी विधानसभा चुनाव हारी थी. अब जेपी नड्डा प्रदेश की चारों सीटें जीतकर हिसाब चुकता करना चाहेगी. बीजेपी के हिमाचल में एक सीट हारने पर नड्डा की साख को बट्टा लग सकता है. चार लोकसभा सीटों वाले प्रदेश के नेता को बीजेपी ने अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. ऐसे में बीजेपी अपेक्षा रहेगी कि नड्डा सभी सीटें उनके खातें में डालें. इसके अलावा बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष राजीव बिंदल, प्रेम कुमार धूमल जैसे बड़े नेताओं का भी इस चुनाव में इम्तिहान होगा.

Big faces in Himachal
ग्राफिक्स फोटो (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की होगी. 2014 से ही कांग्रेस को यहां एक भी सीट नसीब नहीं हुई है. प्रदेश सरकार को बने अभी कुछ ही समय हुआ है. इस चुनाव में सीएम सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए भी ये चारों सीटें नाक का सवाल हैं.

Big faces in Himachal
सीएम सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री (फाइल फोटो) (ईटीवी भारत)

उत्तर भारत में सिर्फ हिमाचल में ही कांग्रेस की प्रदेश की सत्ता पर काबिज पर है. अपनी गारंटियों के सहारे कांग्रेस ने 2022 का विधानसभा चुनाव जीता है. सीएम सुक्खू और डिप्टी सीएम अग्निहोत्री अभी तक कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में है. दोनों अपने सरकार के कार्यकाल को सफल बता रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए एक भी सीट हारना संगठन और सरकार की छवि पर बड़ा असर डालेगी.

ये भी पढ़ें: जानें हिमाचल प्रदेश की चारों लोकसभा सीटों का हाल, किस सीट से कौन किस पर है भारी ?

ये भी पढे़ं: मंडी में 'क्वीन VS किंग' के बीच चुनावी रण में कांटे की टक्कर, जनता किस पर लुटाएगी प्यार...किसके सिर सजेगा ताज

ये भी पढे़ं: स्थानीय पोशाक में कंगना के लुक की खूब चर्चा, पहाड़ी परिधानों में कर रहीं प्रचार

शिमला: हिमाचल में अंतिम चरण में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा. भले ही प्रदेश में लोकसभा की चार सीटें हैं. इसके बाद भी बीजेपी-कांग्रेस से कई बड़े चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं. चुनाव लड़ने और लड़वाने वाले कई दिग्गजों की साख दांव पर हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों के उम्मीदवार जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. एक जीत और हार इनके राजनीतिक करियर पर बड़ा असर डालेगी.

मंडी लोकसभा सीट- ये हिमाचल की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है. अब तक हुए 17 लोकसभा चुनाव में ये सीट 11 बार कांग्रेस, 5 बार बीजेपी और एक बार लोकदल के नाम रही है. इसे राजा-रजवाड़ों की सीट कहा जा सकता है क्योंकि इस सीट पर 13 बार राजपरिवार से जुड़े चेहरे ही चुनाव जीते हैं. हालांकि 2014 और 2019 में हुए चुनाव में ये सीट बीजेपी के नाम रही लेकिन 2021 में सांसद रामस्वरूप शर्मा के निधन के बाद हुए उपचुनाव में ये सीट कांग्रेस की प्रतिभा सिंह ने जीती. इस सीट पर 2013 में भी उपचुनाव हुआ था, तब भी ये सीट प्रतिभा सिंह ने जीती थी. इस लोकसभा क्षेत्र के तहत 6 जिलों की 17 विधानसभाएं आती हैं. मंडी लोकसभा सीट पर इस बार कुल 13,77,173 मतदाता हैं. जिनमें 6,98,666 पुरुष, 678504 महिलाएं और 3 थर्ड जेंडर वोटर हैं. ये मतदाता इस बार मंडी लोकसभा सीट पर उतरे 10 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद करेंगे.

कंगना रनौत- मंडी लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत हैं. जिनकी वजह से मंडी लोकसभा सीट देश की हॉट सीटों में शुमार हो गई है. 4 बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और पद्मश्री से सम्मानित कंगना रनौत का पैतृक घर हिमाचल के मंडी जिले में ही है. उन्होंने मनाली में भी एक घर बनवाया है जहां वो अपने माता-पिता के साथ रहती हैं. बॉलीवुड में क्वीन के नाम से फेमस कंगना रनौत करीब 40 फिल्मों में काम कर चुकी हैं. अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत ने चुनाव प्रचार में भी कोई कमी नहीं छोड़ी है. अपने भाषणों में वो राहुल गांधी से लेकर इंडी गठबंधन और मुंबई में उनका घर तोड़े जाने को लेकर उद्धव ठाकरे से लेकर हिमाचल के कांग्रेस नेताओं पर हमलावर रही हैं.

विक्रमादित्य सिंह- सुक्खू सरकार में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह हिमाचल की रामपुर बुशहर रिसात के राजा हैं. 6 बार हिमाचल के मुख्यमंत्री रहे वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह मंडी लोकसभा सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. उनकी मां प्रतिभा सिंह मंडी से मौजूदा सांसद और हिमाचल कांग्रेस की अध्यक्ष है. वीरभद्र सिंह 4 बार सांसद रहे, इनमें से 3 बार वो मंडी से ही लोकसभा पहुंचे थे. वही प्रतिभा सिंह भी 3 बार मंडी सीट से ही ससद पहुंची हैं. विक्रमादित्य सिंह और कंगना के बीच जुबानी जंग लगातार जारी है.

विक्रमादित्य सिंह लगातार दूसरी बार विधायक बने हैं. 2017 के बाद 2022 में वो शिमला जिले की शिमला ग्रामीण सीट से विधानसभा पहुंचे और मंत्री भी बने. विक्रमादित्य सिंह चुनाव प्रचार के दौरान कंगना के बीफ खाने के मुद्दे को उठाते रहे हैं. वो कंगना के बयानों को बेतुका बताने के साथ-साथ उनकी नॉलेज पर भी सवाल उठा चुके हैं.

कांगड़ा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के आनंद शर्मा: पिछले 17 लोकसभा चुनाव में 9 बार इस सीट पर कांग्रेस की जीत हुई जबकि 7 बार बीजेपी और एक बार जनता पार्टी का सांसद बना. पिछले 3 चुनाव से यहां से बीजेपी उम्मीदवार संसद पहुंच रहा है. इस बार इस सीट से 15,24,032 वोटर हैं. इनमें 7,76,880 पुरुष, 7,47,147 महिला और 5 थर्ड जेंडर वोटर हैं. जो 10 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

आनंद शर्मा- कांगड़ा लोकसभा सीट पर बीजेपी ने राजीव भारद्वाज को उतारा है तो कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा पर दांव खेला है. आनंद शर्मा हिमाचल प्रदेश के शिमला से ताल्लुक रखते हैं. आनंद शर्मा पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं, इससे पहले वो 1982 में एक बार शिमला से विधानसभा चुनाव लड़े थे जिसमें उन्हें हार मिली थी. छात्र जीवन से ही राजनीति में आए आनंद शर्मा भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. वो चार बार राज्यसभा सदस्य रहे हैं जिनमें से 3 बार हिमाचल और एक बार राजस्थान से राज्यसभा पहुंचे थे. वो मनमोहन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री थी. गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले आनंद शर्मा कांग्रेसियों के उस G23 ग्रुप का हिस्सा भी रहे हैं. जिसने पार्टी और उसके नेतृत्व को लेकर सवाल उठाए थे. आनंद शर्मा ब्राह्मण चेहरा हैं और बीजेपी के ब्राह्मण चेहरे राजीव भारद्वाज को टक्कर देने के लिए कांग्रेस ने उन्हें मैदान में उतारा है.

हमीरपुर लोकसभा सीट से अनुराग ठाकुर: कभी कांग्रेस का गढ़ रही हमीरपुर लोकसभा सीट पर अब बीजेपी का परचम लहरा रहा है. पिछले 14 लोकसभा चुनाव में से 5 बार यहां कांग्रेस की जीत हुई है. जबकि 8 बार बीजेपी और एक बार जनता पार्टी ने ये सीट जीती. 1998 से 2019 तक यहां से बीजेपी उम्मीदवार जीतता रहा है. यहां कुल 14,56,099 वोटर हैं. जिनमें 7,38,522 पुरुष, 7,17,562 महिला और 15 थर्ड जेंडर वोटर हैं. जो इस बार यहां 12 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे.

अनुराग ठाकुर: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर हमीरपुर से चार बार संसद पहुंच चुके हैं. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वित्त राज्य मंत्री की भूमिका भी निभा चुके हैं. इससे पहले वो भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. हिमाचल की टीम के लिए रणजी मैच खेल चुके अनुराग ठाकुर हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) और फिर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के भी अध्यक्ष रह चुके हैं. अनुराग ठाकुर के पिता प्रेम कुमार धूमल दो बार हिमाचल के मुख्यमंत्री और हमीरपुर से सांसद भी रहे हैं. अनुराग ठाकुर के भाई अरुण धूमल IPL के चेयरमैन हैं.

इन दिग्गजों की साख भी दांव पर

हिमाचल में भी पीएम मोदी बीजेपी के नंबर वन प्रचारक हैं. पीएम मोदी गुजरात का सीएम बनने से पहले हिमाचल में प्रभारी रह चुके हैं. उन्हीं के कार्यकाल में प्रेम कुमार धूमल पहली बार सीएम बने थे. इसके अलावा बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा हिमाचल के बिलासपुर जिले से आते हैं. उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए बीजेपी विधानसभा चुनाव हारी थी. अब जेपी नड्डा प्रदेश की चारों सीटें जीतकर हिसाब चुकता करना चाहेगी. बीजेपी के हिमाचल में एक सीट हारने पर नड्डा की साख को बट्टा लग सकता है. चार लोकसभा सीटों वाले प्रदेश के नेता को बीजेपी ने अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया है. ऐसे में बीजेपी अपेक्षा रहेगी कि नड्डा सभी सीटें उनके खातें में डालें. इसके अलावा बीजेपी प्रदेशअध्यक्ष राजीव बिंदल, प्रेम कुमार धूमल जैसे बड़े नेताओं का भी इस चुनाव में इम्तिहान होगा.

Big faces in Himachal
ग्राफिक्स फोटो (ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती बीजेपी के विजयी रथ को रोकने की होगी. 2014 से ही कांग्रेस को यहां एक भी सीट नसीब नहीं हुई है. प्रदेश सरकार को बने अभी कुछ ही समय हुआ है. इस चुनाव में सीएम सुक्खू, डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री के साथ साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के लिए भी ये चारों सीटें नाक का सवाल हैं.

Big faces in Himachal
सीएम सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री (फाइल फोटो) (ईटीवी भारत)

उत्तर भारत में सिर्फ हिमाचल में ही कांग्रेस की प्रदेश की सत्ता पर काबिज पर है. अपनी गारंटियों के सहारे कांग्रेस ने 2022 का विधानसभा चुनाव जीता है. सीएम सुक्खू और डिप्टी सीएम अग्निहोत्री अभी तक कांग्रेस के लिए स्टार प्रचारक की भूमिका में है. दोनों अपने सरकार के कार्यकाल को सफल बता रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस के लिए एक भी सीट हारना संगठन और सरकार की छवि पर बड़ा असर डालेगी.

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Last Updated : May 23, 2024, 5:42 PM IST
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