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बहराइच ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी हटाए गए, BJP विधायक ने अपने कार्यकर्ताओं के ही खिलाफ दर्ज कराया FIR - BIG ACTION IN BAHRAICH VIOLENCE

ASP दुर्गा प्रसाद तिवारी की हुई तैनाती

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हिंसा पर बिग एक्शन (photo credit ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 21, 2024, 4:34 PM IST

Updated : Oct 21, 2024, 6:38 PM IST

बहराइच: यूपी के बहराइच हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया गया है. उन्हें अब पुलिस महानिदेशक कार्यलाय (DGP HQs) से अटैच कर दिया गया है. जबकी उनके स्थान पर ASP को बहराइच ग्रामीण में तैनात किया गया है. वहीं महसी से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव सहित आठ लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने, पथराव करने और जान से मारने जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमा के आधार पर जाच शुरू कर दी है.

दरअसल,विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी ही पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष सहित सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया है. जिसमें उन्होने आरोप लगाया है कि, उनके काफिले पर हमला करने के साथ फायरिंग की गई. नगर कोतवाली में दी गई तहरीर के बताया कि, 13 अक्तूबर को महराजगंज में हुई हिंसा में मृतक रामगोाल के शव को मेडिकल कॉलेज के बाहर गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी. वे अपने अंगरक्षकों और अन्य सहयोगियों के साथ लोगों से मिलने के बाद डीएम से मिलने सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां सीएमओ, सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे. सभी को साथ लेकर दोबारा से मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के बीच पहुंचे और बातचीत करने लगे तभी कुछ उपद्रवी जिसमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय अध्यापक, सुधांशु सिंह राणा और भीड़ नारेबाजी करने लगी. इसी दौरान लोग कार को रोकने के साथ जान से मारने की नियत से पत्थर चलाने लगे. फायरिंग भी होती है. कार का शीशा टूट गया. घटना में बेटा अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बचे. नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर दंगा करने, घातक हथियार से हमला करने, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालने, मारपीट सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया.

वहीं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने 8 सूत्रीय ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के जरिए शासन को भेजा है. जिसमें मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार को एक करोड़ रुपए की न्यूनतम सहायता राशि देने की मांग की गई है. परिषद के जिलाध्यक्ष दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि, पीड़ित ब्राह्मण परिवार को उचित सुरक्षा प्रदान की जाए. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

ये भी पढ़ें :बहराइच हिंसा: उपद्रवियों पर नहीं होगी बुलडोजर कार्रवाई, हाईकोर्ट ने 15 दिन के लिए लगाई रोक

बहराइच: यूपी के बहराइच हिंसा मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. ASP ग्रामीण पवित्र मोहन त्रिपाठी को हटा दिया गया है. उन्हें अब पुलिस महानिदेशक कार्यलाय (DGP HQs) से अटैच कर दिया गया है. जबकी उनके स्थान पर ASP को बहराइच ग्रामीण में तैनात किया गया है. वहीं महसी से बीजेपी विधायक सुरेश्वर सिंह ने भाजपा युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष अर्पित श्रीवास्तव सहित आठ लोगों के खिलाफ दंगा फैलाने, पथराव करने और जान से मारने जैसी गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है. वहीं नगर कोतवाली में दर्ज मुकदमा के आधार पर जाच शुरू कर दी है.

दरअसल,विधायक सुरेश्वर सिंह ने अपनी ही पार्टी के युवा मोर्चा अध्यक्ष सहित सात लोगों पर एफआईआर दर्ज कराया है. जिसमें उन्होने आरोप लगाया है कि, उनके काफिले पर हमला करने के साथ फायरिंग की गई. नगर कोतवाली में दी गई तहरीर के बताया कि, 13 अक्तूबर को महराजगंज में हुई हिंसा में मृतक रामगोाल के शव को मेडिकल कॉलेज के बाहर गेट पर रखकर भीड़ प्रदर्शन कर रही थी. वे अपने अंगरक्षकों और अन्य सहयोगियों के साथ लोगों से मिलने के बाद डीएम से मिलने सीएमओ कार्यालय पहुंचे, जहां सीएमओ, सिटी मजिस्ट्रेट भी मौजूद थे. सभी को साथ लेकर दोबारा से मृतक के परिजनों और ग्रामीणों के बीच पहुंचे और बातचीत करने लगे तभी कुछ उपद्रवी जिसमें अर्पित श्रीवास्तव, अनुज सिंह रैकवार, शुभम मिश्रा, कुशमेंद्र चौधरी, मनीष चंद्र शुक्ल, पुंडरीक पांडेय अध्यापक, सुधांशु सिंह राणा और भीड़ नारेबाजी करने लगी. इसी दौरान लोग कार को रोकने के साथ जान से मारने की नियत से पत्थर चलाने लगे. फायरिंग भी होती है. कार का शीशा टूट गया. घटना में बेटा अखंड प्रताप सिंह बाल-बाल बचे. नगर कोतवाली पुलिस ने आरोपियों पर दंगा करने, घातक हथियार से हमला करने, हत्या का प्रयास, व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में डालने, मारपीट सहित अन्य धारा में केस दर्ज किया.

वहीं अखिल भारतीय ब्राह्मण एकता परिषद ने 8 सूत्रीय ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट के जरिए शासन को भेजा है. जिसमें मृतक राम गोपाल मिश्रा के परिवार को एक करोड़ रुपए की न्यूनतम सहायता राशि देने की मांग की गई है. परिषद के जिलाध्यक्ष दिलीप त्रिपाठी ने बताया कि, पीड़ित ब्राह्मण परिवार को उचित सुरक्षा प्रदान की जाए. पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.

ये भी पढ़ें :बहराइच हिंसा: उपद्रवियों पर नहीं होगी बुलडोजर कार्रवाई, हाईकोर्ट ने 15 दिन के लिए लगाई रोक

Last Updated : Oct 21, 2024, 6:38 PM IST
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