जयपुर : आरएएस भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में राज्य की भजनलाल सरकार ने सख्त एक्शन होना शुरू कर दिया है. साथ ही आगामी विधानसभा उपचुनाव में इसे भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया है. यही वजह की सरकार बनने के साथ ही प्रदेश में पेपर लीक से घिरी भर्तियों पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कमेटी बनाकर जांच शुरू की. पहले गिरफ्तारी और अब बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू हो गई है. इसी कड़ी में सीएम भजनलाल के निर्देश के बाद आएएस भर्ती परीक्षा पेपर लीक के आरोपी व्याख्याता को बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा राज्य सेवा के विभिन्न अधिकारियों के विरूद्ध भी अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं.
बर्खास्तगी के साथ वेतन भी रोका : मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पारदर्शी, जवाबदेही और भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन के लिए प्रतिबद्ध है. इसी क्रम में राज्य सरकार की प्रतियोगी परीक्षाओं में शुचिता लाने की नीति के तहत लगातार कार्रवाई की जा रही है. युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो और पारदर्शिता के भर्ती परीक्षा हो इसको लेकर संकल्पित है.
सीएम ने कहा कि पूर्व में जिन परीक्षाओं में पेपर लीक हुए हैं, उसमें जिस तरह से युवाओं के सपने टूटे हैं, उसको लेकर भी सरकार गंभीर है. एसआई, पटवारी सहित अन्य भर्ती परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी की जांच स्पेशल टास्क फोर्स काम कर रही है. इसी के तहत आरएएस प्रारंभिक परीक्षा 2013 में पर्चा लीक करने वाले आरोपी व्याख्याता को राजकीय सेवा से बर्खास्त करने का निर्णय लिया है. यह कार्रवाई राजकीय सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों पर रोक) अधिनियम 1992 के तहत की गई है.
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इसी तरह मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा 17-ए के तहत जल जीवन मिशन मामले में 12 अधिकारियों के विरूद्ध परिवाद दर्ज कर विस्तृत जांच एवं अनुसंधान के लिए पूर्वानुमोदन की अनुमति दे दी है. सीएम ने सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों के विरूद्ध नियम 16 सीसीए में संचालित अनुशासनात्मक कार्रवाई के 4 मामलों में प्रमाणित आरोपों का अनुमोदन करते हुए सेवारत अधिकारियों की वेतन वृद्धि रोकने का निर्णय भी लिया है.