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दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि, हिप और नी रिप्लेसमेंट के बाद अब कोहनी भी हो सकेगी रिप्लेस

Big Achievement of Delhi AIIMS: दिल्ली एम्स अस्पताल के डॉक्टरों ने एक बार फिर नई सफलता हासिल की है. एम्स और आईआईटी ने मिलकर अब कोहनी रिप्लेस करने का सफल ट्रायल किया है. जल्द इसका प्रयोग मानव शरीर पर किया जा सकेगा.

दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि
दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 23, 2024, 5:15 PM IST

दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि

नई दिल्ली: अभी तक आपने घुटना या हिप रिप्लेसमेंट के बारे में सुना होगा, लेकिन अब कोहनी भी रिप्लेस किया जा सकता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एम्स और आईआईटी दिल्ली ने मिलकर एक ऐसी आर्टिफिशियल कोहनी तैयार की है, जो आपकी खराब हो चुकी कोहनी को रिप्लेस कर लगाई जा सकती है. एम्स ने आईआईटी दिल्ली के साथ देसी एल्बो रिप्लेसमेंट इंप्लांट बना लिया है, जो भारतीय लोगों की जरूरत, साइज और जेब के अनुसार होगा.

इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है और कैडेवर ट्रायल पूरा कर लिया गया है. जल्द ही इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा और इसकी सफलता के बाद इसे मरीजों पर इस्तेमाल किया जाएगा. एम्स के ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जन डॉक्टर भावुक गर्ग ने बताया कि घुटना (नी) और कुल्हा (हीप) ट्रांसप्लांट के बारे में लोगों को ज्यादा पता है. लेकिन कोहनी (एल्बो) रिप्लेसमेंट भी होता है.

औसतन 10 मरीज एम्स में ही ऐसे हर महीने आते हैं, जिन्हें एल्बो ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है. लेकिन अभी इस बारे में डॉक्टरों को भी जानकारी कम है और देश में एब्लो इंप्लांट भी नहीं बन रहा है. जो बाहर से मंगाए जाते हैं वे महंगे के अलावा आसानी से फिट नहीं होते हैं.

ये भी पढ़ें : अगर एम्स में करा रहे हैं इलाज और आपके पास नहीं है आयुष्मान कार्ड तो एम्स में भी बनवा सकते हैं कार्ड, जानें कैसे

डॉक्टर भावुक ने कहा कि वेस्टर्न का सबसे छोटा साइज भी यहां पर बड़ा होता है. इसलिए अक्सर साइज को लेकर परेशानी होती है. इसलिए हमने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर अपनी जरूरत के अनुसार से इंप्ल्पांट बना लिया है. इसके लिए टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है. कैडेवर बॉडी पर हमने ट्रायल कर लिया है. इसमें मटेरियल, मूवमेंट, फिटिंग आदि का ट्रायल किया जाता है. इसके रिजल्ट बेहतर है. अब क्लीनिकल आकलन के लिए ह्यूमन ट्रायल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें : दलालों पर नकेल कसने के लिए एम्स ने जारी किया व्हाट्सऐप नंबर, करें शिकायत

दिल्ली एम्स की एक और बड़ी उपलब्धि

नई दिल्ली: अभी तक आपने घुटना या हिप रिप्लेसमेंट के बारे में सुना होगा, लेकिन अब कोहनी भी रिप्लेस किया जा सकता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एम्स और आईआईटी दिल्ली ने मिलकर एक ऐसी आर्टिफिशियल कोहनी तैयार की है, जो आपकी खराब हो चुकी कोहनी को रिप्लेस कर लगाई जा सकती है. एम्स ने आईआईटी दिल्ली के साथ देसी एल्बो रिप्लेसमेंट इंप्लांट बना लिया है, जो भारतीय लोगों की जरूरत, साइज और जेब के अनुसार होगा.

इस पर काफी तेजी से काम चल रहा है और कैडेवर ट्रायल पूरा कर लिया गया है. जल्द ही इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू होगा और इसकी सफलता के बाद इसे मरीजों पर इस्तेमाल किया जाएगा. एम्स के ऑर्थोपेडिक व स्पाइन सर्जन डॉक्टर भावुक गर्ग ने बताया कि घुटना (नी) और कुल्हा (हीप) ट्रांसप्लांट के बारे में लोगों को ज्यादा पता है. लेकिन कोहनी (एल्बो) रिप्लेसमेंट भी होता है.

औसतन 10 मरीज एम्स में ही ऐसे हर महीने आते हैं, जिन्हें एल्बो ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है. लेकिन अभी इस बारे में डॉक्टरों को भी जानकारी कम है और देश में एब्लो इंप्लांट भी नहीं बन रहा है. जो बाहर से मंगाए जाते हैं वे महंगे के अलावा आसानी से फिट नहीं होते हैं.

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डॉक्टर भावुक ने कहा कि वेस्टर्न का सबसे छोटा साइज भी यहां पर बड़ा होता है. इसलिए अक्सर साइज को लेकर परेशानी होती है. इसलिए हमने आईआईटी दिल्ली के साथ मिलकर अपनी जरूरत के अनुसार से इंप्ल्पांट बना लिया है. इसके लिए टाइटेनियम का इस्तेमाल किया गया है. कैडेवर बॉडी पर हमने ट्रायल कर लिया है. इसमें मटेरियल, मूवमेंट, फिटिंग आदि का ट्रायल किया जाता है. इसके रिजल्ट बेहतर है. अब क्लीनिकल आकलन के लिए ह्यूमन ट्रायल किया जाएगा.

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