भोपाल: मध्य प्रदेश की झोली पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के खजाने से भरने जा रही है. प्रदेश में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस के भंडार के बाद अब राज्य के 3 बड़े शहर दुनिया की सबसे लंबी एलपीजी लाइन से जुड़ गए हैं. गुजरात के कांडला से लेकर उत्तर प्रदेश के गोरखपुर तक बिछाई जा रही एलपीजी पाइप लाइन से इंदौर, भोपाल और उज्जैन जुड़ चुके हैं. इस पूरी पाइप लाइन की लंबाई 2805 किलोमीटर है. इस प्रोजेक्ट की प्रदेश में लंबाई 620 किलोमीटर की है और खुशी की बात यह है कि मध्य प्रदेश में इस प्रोजेक्ट का काम पूरा हो चुका है.
एमपी में पूरा हुआ एलपीजी पाइप लाइन का कार्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट की शुरुआत 2019 में हुई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने ही 2019 में इस प्रोजेक्ट की गोरखपुर में आधारशिला रखी थी. अब यह प्रोजेक्ट अपने अंतिम चरण में है. इस प्रोजेक्ट से मध्य प्रदेश के तीन शहर इंदौर, उज्जैन और भोपाल को जोड़ा गया है. इन तीनों शहरों के हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम और इंडियन ऑयल के बॉटलिंग प्लांट तक गैस पहुंचेगी. इसका फायदा यह होगा कि प्रोजेक्ट पूरा होने के बाद टैंकरों से एलपीजी गैस लाने की जरूरत खत्म हो जाएगी.
यहां से होगी एलपीजी गैस सिलेंडरों की सप्लाई
शहर के बॉटलिंग प्लांट में ही सिलेंडर भरे जाएंगे और भोपाल, इंदौर, उज्जैन और सागर जिले के बीना के अलावा आसपास के तमाम शहरों में एलपीजी गैस सिलेंडर की सप्लाई होगी. सरकार के इस प्रोजेक्ट को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ. राजेन्द्र शुक्ल ने प्रदेश के लिहाज से इसे बड़ी सौगात बताया है. उन्होंने कहा, '' प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है. मध्य प्रदेश में गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड भी करीब 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने जा रही है. इसके लिए प्रक्रिया चल रही है.''
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मार्च से शुरू हो जाएगी सिलेंडरों की रिफिलिंग
इस प्रोजेक्ट के तहत मध्य प्रदेश में 620 किलोमीटर लंबी एलपीजी लाइन डाली जा चुकी है. जबकि गुजरात में 1076 किलोमीटर लंबी एलपीजी लाइन में से 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है. इसी तरह उत्तर प्रदेश में 1109 किलोमीटर लंबी लाइन डाली जानी थी, इसका भी 95 फीसदी से ज्यादा काम पूरा हो चुका है. इस प्राजेक्ट का काम मार्च 2025 तक पूरा हो जाएगा. उम्मीद जताई जा रही है कि मार्च माह से सिलेंडरों में एलपीजी गैस भरे जाने का काम शुरू हो जाएगा.