भोपाल: मध्य प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस पर मिलने वाले अनाज में होने वाली गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार ने कमर कस ली है. अब सभी उपभोक्ताओं का डाटा केन्द्र सरकार के सॉफ्टवेयर से लिंक कराया जाएगा. इससे यदि किसी उपभोक्ता का नाम दो स्थानों पर है तो एक स्थान से अपने आप नाम डिलीट हो जाएगा. इसके अलावा राशन की दुकानों का अनाज ले जाने वाले वाहनों की निगरानी अब जीपीएस के माध्यम से की जाएगी. डॉ. मोहन यादव कैबिनेट में स्मार्ट पीडीएस सिस्टम के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है.
केन्द्र सरकार के सॉफ्टवेयर का होगा उपयोग
मध्य प्रदेश में उचित मूल्य की सरकारी दुकानों में राशन के नाम पर जमकर गड़बड़ियां हो रही हैं. राशन का अनाज खुले मार्केट में बेचे जाने के भी कई मामले सामने आ चुके हैं. अब राज्य सरकार ने ऐसे मामलों पर लगाम लगाने के लिए हाईटेक तरीका अपनाया है. सरकार ने प्रदेश में स्मार्ट पीडीएस सिस्टम लागू कर दिया है. इसके जरिए सरकार दो तरीके से गड़बड़ियों पर लगाम लगाने जा रही है. सबसे पहले हाईटेक सिस्टम के जरिए पीडीएस का अनाज सप्लाई करने वाले वाहनों की सख्त निगरानी की जाएगी. इसके लिए अनाज सप्लाई करने वाले सभी वाहनों की जीपीएस के माध्यम से ट्रैकिंग की जाएगी. वाहनों की ट्रैकिंग कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से होगा. जिससे वाहनों का निर्धारित रूट का पता चलेगा और वाहन कहां और कितनी देर के लिए रूका, इसकी भी जानकारी मिलेगी. इससे रास्ते में होने वाली चोरी को रोका जा सकता है.
दो स्थानों से नहीं ले सकेंगे राशन
राशन वाहनों पर निगरानी के अलावा सरकार सभी राशन लेने वाले उपभोक्ताओं का डाटा केन्द्र सरकार द्वार संचालित सॉफ्टवेयर पर अपलोड करेगी. अभी मध्य प्रदेश खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के सॉफ्टवेयर पर उपभोक्ताओं का डाटा रखा जाता है. लेकिन इस सॉफ्टवेयर में कई खामियां होने से इसमें डुप्लीकेसी के प्रकरण सामने नहीं आ पाते. जिससे फर्जीवाड़े में आसानी हो जाती है. केन्द्र सरकार के सॉफ्टवेयर पर डाटा अपलोड होने के बाद दो जगहों पर राशन लेने वालों का आसानी से पर्दाफाश हो जाएगा. दो जगहों पर दर्ज एक ही नाम एक जगह से अपने आप डिलीट हो जाएगा. इससे अपात्र लाभार्थियों की पहचान करने में भी आसानी होगी.